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अररिया में किसान मजदूर संगठनों ने किया पीएम मोदी का पुतला दहन - ईटीवी बिहार

अररिया में किसान मजदूर संगठनों ने विश्वासघात दिवस मनाया. इस मौके पर पीएम मोदी का पुतला दहन किया. इस प्रदर्शन में सीपीआई, सीपीएम, माले, जन जागरण शक्ति संगठन समेत सैकड़ों की संख्या में किसान व मजदूर शामिल हुए. पढ़ें रिपोर्ट..

अररिया में संयुक्त किसान मोर्चा ने किया प्रदर्शन
अररिया में संयुक्त किसान मोर्चा ने किया प्रदर्शन
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Published : Jan 31, 2022, 4:49 PM IST

अररियाः बिहार के अररिया में पीएम मोदी का पुतला दहन (Farmer Labor Organizations Burnt Effigy of PM Modi) किया गया. संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले विभिन्न किसान, मजदूर संगठन तथा वाम मोर्चा के घटक दलों ने विश्वासघात दिवस मनाया. इस प्रदर्शन में सीपीआई, सीपीएम, माले, जन जागरण शक्ति संगठन समेत सैकड़ों की संख्या में किसान व मजदूर शामिल हुए. इस मौके पर बस स्टैंड से एक विरोध जुलूस निकाला गया.

यह भी पढ़ें- जमीनी हकीकत: योजनाओं के बावजूद नहीं सुधरी किसानों की हालत

विरोध जुलूस बस स्टैंड रोड होते हुए शहर के मुख्य चौराहा चांदनी चौक पहुंचा. यहां प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री का पुतला दहन किया. उसके उपरांत समाहरणालय परिसर में धरना दिया. विदित हो कि केंद्र सरकार ने किसान विरोधी तीनों कानून वापस लेते हुए आंदोलन में शहीद हुए किसानों के परिवार को मुआवजा, एमएसपी पर गारंटी कानून, लखीमपुर खीरी जनसंहार में मृतक किसान परिवारों को रोजगार तथा मुआवजा का वादा किया था. लेकिन अब तक उन वादों में से कोई एक भी पूरा नहीं किया गया है.

जबकि उनके वादों पर विश्वास करके ही किसानों का आंदोलन समाप्त हुआ था. ये जुलूस समहरणालय परिसर में एक नुक्कड़ सभा में परिवर्तित हो गया. जहां से एक शिष्टमंडल जिला पदाधिकारी के हाथों राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा. रैली में शामिल सीपीआई के डॉ. एसआर झा ने कहा कि यह सरकार पूरी तरह से कॉरपोरेट सरकार है. उन्हीं के हित को प्राथमिकता देती है. रंजीत पासवान ने कहा कि सरकार का जो विकास मॉडल है, वह गरीबों के लिए विनाश मॉडल है. अगर सरकार अपने किए वादे को नहीं निभाती है, तो आने वाले समय में हम दुबारा आंदोलन करने के लिए सड़क पर उतरने को तैयार हैं.

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अररियाः बिहार के अररिया में पीएम मोदी का पुतला दहन (Farmer Labor Organizations Burnt Effigy of PM Modi) किया गया. संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले विभिन्न किसान, मजदूर संगठन तथा वाम मोर्चा के घटक दलों ने विश्वासघात दिवस मनाया. इस प्रदर्शन में सीपीआई, सीपीएम, माले, जन जागरण शक्ति संगठन समेत सैकड़ों की संख्या में किसान व मजदूर शामिल हुए. इस मौके पर बस स्टैंड से एक विरोध जुलूस निकाला गया.

यह भी पढ़ें- जमीनी हकीकत: योजनाओं के बावजूद नहीं सुधरी किसानों की हालत

विरोध जुलूस बस स्टैंड रोड होते हुए शहर के मुख्य चौराहा चांदनी चौक पहुंचा. यहां प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री का पुतला दहन किया. उसके उपरांत समाहरणालय परिसर में धरना दिया. विदित हो कि केंद्र सरकार ने किसान विरोधी तीनों कानून वापस लेते हुए आंदोलन में शहीद हुए किसानों के परिवार को मुआवजा, एमएसपी पर गारंटी कानून, लखीमपुर खीरी जनसंहार में मृतक किसान परिवारों को रोजगार तथा मुआवजा का वादा किया था. लेकिन अब तक उन वादों में से कोई एक भी पूरा नहीं किया गया है.

जबकि उनके वादों पर विश्वास करके ही किसानों का आंदोलन समाप्त हुआ था. ये जुलूस समहरणालय परिसर में एक नुक्कड़ सभा में परिवर्तित हो गया. जहां से एक शिष्टमंडल जिला पदाधिकारी के हाथों राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा. रैली में शामिल सीपीआई के डॉ. एसआर झा ने कहा कि यह सरकार पूरी तरह से कॉरपोरेट सरकार है. उन्हीं के हित को प्राथमिकता देती है. रंजीत पासवान ने कहा कि सरकार का जो विकास मॉडल है, वह गरीबों के लिए विनाश मॉडल है. अगर सरकार अपने किए वादे को नहीं निभाती है, तो आने वाले समय में हम दुबारा आंदोलन करने के लिए सड़क पर उतरने को तैयार हैं.

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