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बीरेंद्र हत्याकांड में खुलासा: 8 दिन पहले ढाबे में रची गई थी साजिश, चचेरा भाई भी था शामिल

अररिया पुलिस ने बीते 22 जून को हडियाबाड़ा पंचायत के वार्ड नंबर-5 में बीरेंद्र कुमार यादव की हत्या के मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. वहीं, इन्य आरोपियों की तलाश जारी है.

बीरेंद्र यादव हत्याकांड
बीरेंद्र यादव हत्याकांड
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Published : Jul 1, 2021, 9:20 PM IST

अररिया: बिहार के अररिया (Araria) जिले की पुलिस ने किराना दुकानदार की हत्या (Grocery Shopkeeper Murder) का खुलासा कर लिया है. हत्या के मामले में मृतक के चचेरे भाई को गिरफ्तार किया गया है. इसका खुलासा गुरुवार को सदर एसडीपीओ पुष्कर कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर किया. एसडीपीओ के मुताबिक हत्या की वजह जमीन का विवाद था.

ये भी पढ़ें- Araria News: मोबाइल चोरी विवाद में दुकानदार की हत्या, 4 दिन पहले दी थी धमकी

22 जून को हुई थी हत्या
दरअसल बीते 22 जून को हडियाबाड़ा पंचायत के वार्ड नंबर-5 में देर रात बीरेंद्र कुमार यादव की सोते समय हत्या कर दी गई थी. इसका पता घर वालों को सुबह चला तो कोहराम मच गया. मौके पर आरएस ओपी पुलिस भी पहुंची थी. पिता श्रीलाल यादव ने इस हत्या में रब्बानी नाम के व्यक्ति को नामजद आरोपी बनाया था.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

घटना की गंभीरता को देखते हुए दूसरे दिन एसपी हृदयकांत ने भी घटना स्थल का जायजा लिया था. उसी दिन ग्रामीणों ने रब्बानी को निर्दोष बताते हुए उसे एसपी के सामने उपस्थित कराया था. पुलिस ने तीसरे दिन न्यायिक हिरासत में रब्बानी को जेल भेज दिया था. तभी से पुलिस इस हत्याकांड में शामिल दूसरे लोगों की तलाश में जुटी थी. बुधवार की शाम पुलिस ने मिथलेश यादव नाम युवक को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो पूरे घटना का खुलासा हुआ.

चचेरे भाई ने की थी हत्या
मिथलेश यादव मृतक बीरेंद्र यादव का चचेरा भाई है. उसने पुलिस को बताया कि ये हत्या जमीन विवाद के कारण हुई है. साथ ही बताया कि जहां पर बीरेंद्र यादव की जमीन है वो एनएच-57 से सटी हुई है और उस जमीन को रब्बानी हड़पना चाहता था. रब्बानी ने हत्या वाली रात को एनएच के किनारे स्थित अलीगढ़ ढाबा में मुझे, सियाराम, ऋषिदेव और गुरफान को खाना-पीना खिलाया था. उसी ढाबे में हत्या की प्लानिग हुई थी.

खाना खाने के बाद रब्बानी ने हम लोगों को नशे की दवा खिलाई थी. चारों लोगों ने बीरेंद्र यादव के अर्धनिर्मित मकान में सोते हुए उसकी हत्या कर दी थी. मिथलेश यादव ने बताया कि हत्या के समय मैने बीरेंद्र का पैर पकड़ रखा था, रब्बानी उसके सीने पर चाकू से वार कर रहा था और सियाराम ने उसका गला मरोड़ा था. हत्या के बाद हम सभी भी वहां से फरार हो गए.

स्पीडी ट्रॉयल चलाकर सजा दिलाई जाएगी
एसडीपीओ पुष्कर कुमार ने बताया कि हत्या के मुख्य आरोपी रब्बानी को पहले ही जेल भेज दिया गया है. लेकिन मिथलेश यादव की गिरफ्तारी के बाद से सारा घटना क्रम आईने की तरह साफ हो गया है. मिथलेश मृतक का चचेरा भाई है जो रुपये और नशे के कारण हत्या कर बैठा था. इसने हत्या कैसे हुई और कौन-कौन शामिल थे सारी बातें अपने बयान में बताई है. एसडीपीओ ने बताया कि एसपी ने भी इस हत्याकांड को गंभीरता से लिया था.

इसलिए आरएस ओपी अध्यक्ष मनीष कुमार इस हत्या कांड में लगातार लगे हुए थे. आरोपी ने हत्या में दो और लोगों के शामिल होने की बात बताई है. इसलिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है. एसडीपीओ ने बताया कि रब्बानी के घर से जो गमछा मिला था उसे धो दिया गया था, लेकिन कुछ खून के निशान मिले हैं जिसे फॉरेंसिक लैब भेजा जा रहा है. उन्होंने बताया कि इस हत्याकांड में स्पीडी ट्रॉयल चलाकर आरोपियों को सजा दिलाई जाएगी.

अररिया: बिहार के अररिया (Araria) जिले की पुलिस ने किराना दुकानदार की हत्या (Grocery Shopkeeper Murder) का खुलासा कर लिया है. हत्या के मामले में मृतक के चचेरे भाई को गिरफ्तार किया गया है. इसका खुलासा गुरुवार को सदर एसडीपीओ पुष्कर कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर किया. एसडीपीओ के मुताबिक हत्या की वजह जमीन का विवाद था.

ये भी पढ़ें- Araria News: मोबाइल चोरी विवाद में दुकानदार की हत्या, 4 दिन पहले दी थी धमकी

22 जून को हुई थी हत्या
दरअसल बीते 22 जून को हडियाबाड़ा पंचायत के वार्ड नंबर-5 में देर रात बीरेंद्र कुमार यादव की सोते समय हत्या कर दी गई थी. इसका पता घर वालों को सुबह चला तो कोहराम मच गया. मौके पर आरएस ओपी पुलिस भी पहुंची थी. पिता श्रीलाल यादव ने इस हत्या में रब्बानी नाम के व्यक्ति को नामजद आरोपी बनाया था.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

घटना की गंभीरता को देखते हुए दूसरे दिन एसपी हृदयकांत ने भी घटना स्थल का जायजा लिया था. उसी दिन ग्रामीणों ने रब्बानी को निर्दोष बताते हुए उसे एसपी के सामने उपस्थित कराया था. पुलिस ने तीसरे दिन न्यायिक हिरासत में रब्बानी को जेल भेज दिया था. तभी से पुलिस इस हत्याकांड में शामिल दूसरे लोगों की तलाश में जुटी थी. बुधवार की शाम पुलिस ने मिथलेश यादव नाम युवक को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो पूरे घटना का खुलासा हुआ.

चचेरे भाई ने की थी हत्या
मिथलेश यादव मृतक बीरेंद्र यादव का चचेरा भाई है. उसने पुलिस को बताया कि ये हत्या जमीन विवाद के कारण हुई है. साथ ही बताया कि जहां पर बीरेंद्र यादव की जमीन है वो एनएच-57 से सटी हुई है और उस जमीन को रब्बानी हड़पना चाहता था. रब्बानी ने हत्या वाली रात को एनएच के किनारे स्थित अलीगढ़ ढाबा में मुझे, सियाराम, ऋषिदेव और गुरफान को खाना-पीना खिलाया था. उसी ढाबे में हत्या की प्लानिग हुई थी.

खाना खाने के बाद रब्बानी ने हम लोगों को नशे की दवा खिलाई थी. चारों लोगों ने बीरेंद्र यादव के अर्धनिर्मित मकान में सोते हुए उसकी हत्या कर दी थी. मिथलेश यादव ने बताया कि हत्या के समय मैने बीरेंद्र का पैर पकड़ रखा था, रब्बानी उसके सीने पर चाकू से वार कर रहा था और सियाराम ने उसका गला मरोड़ा था. हत्या के बाद हम सभी भी वहां से फरार हो गए.

स्पीडी ट्रॉयल चलाकर सजा दिलाई जाएगी
एसडीपीओ पुष्कर कुमार ने बताया कि हत्या के मुख्य आरोपी रब्बानी को पहले ही जेल भेज दिया गया है. लेकिन मिथलेश यादव की गिरफ्तारी के बाद से सारा घटना क्रम आईने की तरह साफ हो गया है. मिथलेश मृतक का चचेरा भाई है जो रुपये और नशे के कारण हत्या कर बैठा था. इसने हत्या कैसे हुई और कौन-कौन शामिल थे सारी बातें अपने बयान में बताई है. एसडीपीओ ने बताया कि एसपी ने भी इस हत्याकांड को गंभीरता से लिया था.

इसलिए आरएस ओपी अध्यक्ष मनीष कुमार इस हत्या कांड में लगातार लगे हुए थे. आरोपी ने हत्या में दो और लोगों के शामिल होने की बात बताई है. इसलिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है. एसडीपीओ ने बताया कि रब्बानी के घर से जो गमछा मिला था उसे धो दिया गया था, लेकिन कुछ खून के निशान मिले हैं जिसे फॉरेंसिक लैब भेजा जा रहा है. उन्होंने बताया कि इस हत्याकांड में स्पीडी ट्रॉयल चलाकर आरोपियों को सजा दिलाई जाएगी.

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