अररिया: विश्व ऑटिज्म दिवस के अवसर पर दिव्यांग बच्चों और सामान्य बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित करने का निर्देश संबंधित विभागीय पदाधिकारियों को दिया गया है. इसी कड़ी में शुक्रवार को सामाजिक सुरक्षा और बुनियाद केंद्र, संबंधित विभागीय पदाधिकारियों द्वारा विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस के अवसर पर समाहरणालय परिसर से जागरूकता रैली सह प्रभात फेरी निकाली गई.
जागरूकता रैली को जिला जनसंपर्क पदाधिकारी दिलीप सरकार, सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा दिलीप कुमार और वरीय उप समाहर्ता ओम प्रकाश द्वारा संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया.
जागरूकता रैली समाहरणालय परिसर से निकल कर चांदनी चौक अररिया से व्यवहार न्यायालय, नगर परिषद अररिया होते हुए काली मंदिर चौक पर संकल्प लेकर समाप्त किया गया. इसका मुख्य उद्देश्य उन बच्चों और बड़ों के जीवन में सुधार लाना है, जो ऑटिज्म ग्रस्त होते हैं.
ऑटिज्म या आत्मविमोह, स्वलीनता एक मानसिक रोग या मस्तिष्क के विकास के दौरान होने वाला विकार है, जो विकास संबंधी एक गंभीर विकार है. इसके लक्षण जन्म से बाल अवस्था में नजर आने लगते हैं. व्यक्ति की सामाजिक कुशलता और संप्रेषण क्षमता पर विपरीत प्रभाव पड़ता है.
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ऑटिज्म एक मानसिक बीमारी है, जिसके लक्षण बचपन से ही नजर आने लगते हैं. इसमें पीड़ित बच्चों का विकास धीरे होता है. यह रोग बच्चे के मानसिक विकास को रोक देता है. ऐसे बच्चे समाज में घुलने-मिलने में हिचकते हैं.
सामान्य तौर पर ऐसे बच्चों को उदासीन माना जाता है, लेकिन कुछ मामलों में ये लोग अद्भुत प्रतिभा वाले होते हैं. इन्हें ऑटिस्ट कहते हैं. कई बार गर्भावस्था के दौरान खानपान सही न होने से भी बच्चे को ऑटिज्म से ग्रसित होने की संभावना हो सकती है.