अररिया: बिहार के अररिया-फारबिसगंज सहरसा रेलखंड अमान परिवर्तन का कार्य 12 साल बाद भी पूरा नहीं होने से स्थानीय लोगों में आक्रोश है. इसे लेकर स्थानीय लोगों ने कई बार आंदोलन के साथ भूख हड़ताल तक किया और अपने मांगों को लेकर भारत सरकार के रेल मंत्री तक से निवेदन किया है. वहीं इतने आंदोलन और रेल विभाग के वरीय अधिकारियों के निरीक्षण के बाद भी ये रेल लाइन चालू नहीं हो पाया है.
12 साल बाद भी नहीं हुआ काम: बता दें कि बड़ी लाइन निर्माण को लेकर रेलवे ने 20 जनवरी 2012 को मेगा ब्लॉक लिया गया था. जिसके बाद अमान परिवर्तन का काम पूरा होने के बाद रेल सुरक्षा आयुक्त ने भी ट्रेन परिचालन शुरू करने को लेकर 9 माहीने पहले हरी झंडी दे दी थी. जिसके बाद रेलवे बोर्ड से ट्रेनों के परिचालन को लेकर दो जोड़ी ट्रेनों की घोषणा समय सारणी के साथ की गई. बावजूद इसके ट्रेनों का परिचालन शुरू नहीं होने से सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों में आक्रोश पनपता जा रहा है.
जल्द शुरू हो रेल लाइन: कोई इसे सियासी भेंट चढ़ने की बात कह रहा है तो कोई इसे रेल विभाग की लेट लतीफी बता रहा है. फारबिसगंज रेलवे स्टेशन पर राजनीतिक दल से जुड़े लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि फारबिसगंज सहरसा रेल को जल्द से जल्द शुरू करना चाहिए. कई लोगों ने बताया कि आज से "कई वर्ष पहले जब सहरसा फारबिसगंज रेलवे लाइन चालू था तो यहां का व्यापार काफी अच्छा चल रहा था. आज इस लाइन के बंद रहने से यहां का व्यापार काफी प्रभावित हुआ है, इसलिए इसे जल्द से जल्द चालू करना चाहिए."
बाढ़ ने मचाई भारी तबाही: व्यपारियों ने बताया कि "व्यवसायिक दृष्टिकोण से फारबिसगंज सीमांचल का सबसे बड़ा बाजार था. जब इस रूट पर रेल चलती थी तो फुटकर विक्रेताओं के साथ सब्जी विक्रेताओं के लिए फारबिसगंज बाजार आना आसान होता था." मेगा ब्लॉक से पहले भी 2008 में इस रेल खंड में बाढ़ ने भारी तबाही मचाई थी. सभी रेल पटरियां बाढ़ के कारण ध्वस्त हो गई, इसके बावजूद लाइन को दुरुस्त कर फारबिसगंज से नरपतगंज तक रेल लाइन को चालू कर लिया गया था. वहीं 2012 के मेगा ब्लॉक के बाद से आज तक रेल का परिचालन शुरू नहीं होना रेल विभाग की लेट लतीफी को दर्शाता है.
पढ़ें-Araria News: 15 सालों के बाद भी रेल सेवा चालू नहीं होने से लोग नाराज, जन आक्रोश रैली का किया आयोजन