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लाउडस्पीकर पर अज़ान को लेकर बोले जावेद अख्तर- ''बंद कर देनी चाहिए'' - जावेद अख्तर बोले लाउडस्पीकर पर अज़ान बंद करनी चाहिए

बॉलीवुड के मशहूर गीतकार जावेद अख्तर का कहना है कि लाउडस्पीकर पर अजान से लोगों को परेशानी होती है और इसका ध्यान रखना चाहिए. जावेद ने टवीट कर कहा कि ''50 साल तक लाउडस्पीकर पर अज़़ान देना हराम रहा, लेकिन अब जब हलाल हुई है तो खत्म ही नहीं हो रही. उम्मीद है कि लोगों को दूसरों को हो रही परेशानी को समझते हुए लाउडस्पीकर पर अजान देना खुद ही बंद कर देना चाहिए." अपने ट्वीट के चलते जावेद विवादों के घेरे में आ गए हैं.

Javed Akhtar azaan Comment
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Published : May 10, 2020, 12:56 PM IST

मुंबई : बॉलीवुड के जाने माने पटकथा लेखक और गीतकार जावेद अख्तर ने लाउडस्पीकर पर अजान देने को लेकर नई बहस को जन्म दे दिया है. जावेद ने कहा है कि लाउडस्पीकर पर अजान देना बंद कर देना चाहिए. इससे परेशानी होती है.

जावेद अख्तर ने अपने ट्वीट में लिखा, "भारत में तकरीबन 50 साल तक लाउड स्पीकर पर अजान हराम थी. इसके बाद ये हलाल हो गई और इस कदर हलाल हुई कि इसकी कोई सीमा ही नहीं रही. अजान करना ठीक है लेकिन लाउड स्पीकर पर इसे करना दूसरों के लिए दिक्कत का सबब बन जाता है. मुझे उम्मीद कि कम से कम इस बार वे इसे खुद करेंगे."

  • In India for almost 50 yrs Azaan on the loud speak was HARAAM Then it became HaLAAL n so halaal that there is no end to it but there should be an end to it Azaan is fine but loud speaker does cause of discomfort for others I hope that atleast this time they will do it themselves

    — Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) May 9, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

अपने इस टवीट के बाद जावेद अख्तर ट्रोलर्स के निशाने पर आ गए. सोशल मीडिया पर वह तेजी से ट्रोल हो रहे हैं.

एक यूजर ने कमेंट बॉक्स में लिखा, "लाउड स्पीकर्स पर सिर्फ अजान को बैन करने की बात कहकर तुम्हें अपनी सेकुलरिज्म साबित करने की जरूरत नहीं है. बैन करना है तो लाउड स्पीकर को पूरी तरह से बैन किया जाना चाहिए. चाहे ये गणेश चतुर्थी पर हो अजान पर, रविवार को या फिर किसी अन्य धार्मिक मौके पर. वीआईपी शादियों में होने वाले शोर को भी हमें नहीं भूलना चाहिए."

  • You dont need to prove your secularism by asking for a ban on loud speakers for azaan alone.

    There should be a blanket ban on use of loud speakers- be it for any Ganesh chaturti, azaan, Sunday mass or any religious purposes

    Not to forget the noise in VIP weddings too!

    — Dr. Syeda Uzma (@sane_indian) May 9, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

एक अन्य यूजर ने लिखा, "आपके बयान से असहमत हूं. कृपया इस्लाम और उसके विश्वास से जुड़े बयान मत दीजिए. आप जानते हैं कि हम ऊंची आवाज में गाने नहीं चला रहे हैं और ना ही कोई खराब काम कर रहे हैं. अजान बहुत खूबसूरत पुकार है प्रार्थना के लिए और सही रास्ते पर चलने के लिए."

  • Disagree with your opinion.
    Plz. Don't pass such comments which is related to Islam & belief

    You must know that we are not running high volume songs every time & playing in hands of evil

    Adaan is the most beautiful invitation for coming to prayer & walk on right track of life.

    — Azhar (@AzharJeddah2003) May 9, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

यूजर को जवाब देते हुए जावेद ने लिखा, "तो आप ये कह रहे हैं कि वे सभी इस्लामिक जानकार जिन्होंने 50 साल तक लाउडस्पीकर को हराम करार दे रखा था वे गलत थे. आप कह रहे हैं कि उन्हें नहीं पता था कि वे क्या कह रहे हैं? अगर आपको यकीन है तो आप एक बार कहिए. फिर मैं आपको उन जानकारों के नाम भी बताऊंगा."

  • So are you suggesting that those Islamic scholars who had declared the loud speaker haraam for almost fifty years were all wrong and didn’t know what they are talking about . If you have the guts then say so then I will tell you names of those scholar .

    — Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) May 9, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मालूम हो कि इससे पहले बॉलीवुड सिंगर सोनू निगम ने भी लाउडस्पीकर पर अजान को लेकर आपत्ति जताई थी. उन्होंने टवीट कर कहा था कि उनके घर के आसपास बहुत सी मस्‍जिदें हैं. अक्सर उन्हें सुबह-सुबह अज़ान सुननी पड़ती है, जिससे उनकी नींद खराब होती है. सोनू के टवीट के बाद वह भी विवादों के घेरे में आ गए थे.

हालांकि विवाद के एक साल बाद सोनू को सपोर्ट करते हुए जावेद अख्तर ने कहा था कि 'मैं बताना चाहता हूं कि मैं सोनू निगम और उन सभी से पूरी तरह सहमत हूं जिनका मानना है कि मस्जिदों पर लाउडस्पीकर नहीं होने चाहिए. साथ ही न सिर्फ मस्जिद बल्कि रिहायशी इलाकों में स्थित किसी भी धार्मिक स्थल पर लाउडस्पीकर नहीं होना चाहिए.'

  • This is to put on record that I totally agree with all those including Sonu Nigam who want that Loud speakers should not be used by the mosques and for that matter by any place of worship in residential areas .

    — Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) February 7, 2018 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मुंबई : बॉलीवुड के जाने माने पटकथा लेखक और गीतकार जावेद अख्तर ने लाउडस्पीकर पर अजान देने को लेकर नई बहस को जन्म दे दिया है. जावेद ने कहा है कि लाउडस्पीकर पर अजान देना बंद कर देना चाहिए. इससे परेशानी होती है.

जावेद अख्तर ने अपने ट्वीट में लिखा, "भारत में तकरीबन 50 साल तक लाउड स्पीकर पर अजान हराम थी. इसके बाद ये हलाल हो गई और इस कदर हलाल हुई कि इसकी कोई सीमा ही नहीं रही. अजान करना ठीक है लेकिन लाउड स्पीकर पर इसे करना दूसरों के लिए दिक्कत का सबब बन जाता है. मुझे उम्मीद कि कम से कम इस बार वे इसे खुद करेंगे."

  • In India for almost 50 yrs Azaan on the loud speak was HARAAM Then it became HaLAAL n so halaal that there is no end to it but there should be an end to it Azaan is fine but loud speaker does cause of discomfort for others I hope that atleast this time they will do it themselves

    — Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) May 9, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

अपने इस टवीट के बाद जावेद अख्तर ट्रोलर्स के निशाने पर आ गए. सोशल मीडिया पर वह तेजी से ट्रोल हो रहे हैं.

एक यूजर ने कमेंट बॉक्स में लिखा, "लाउड स्पीकर्स पर सिर्फ अजान को बैन करने की बात कहकर तुम्हें अपनी सेकुलरिज्म साबित करने की जरूरत नहीं है. बैन करना है तो लाउड स्पीकर को पूरी तरह से बैन किया जाना चाहिए. चाहे ये गणेश चतुर्थी पर हो अजान पर, रविवार को या फिर किसी अन्य धार्मिक मौके पर. वीआईपी शादियों में होने वाले शोर को भी हमें नहीं भूलना चाहिए."

  • You dont need to prove your secularism by asking for a ban on loud speakers for azaan alone.

    There should be a blanket ban on use of loud speakers- be it for any Ganesh chaturti, azaan, Sunday mass or any religious purposes

    Not to forget the noise in VIP weddings too!

    — Dr. Syeda Uzma (@sane_indian) May 9, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

एक अन्य यूजर ने लिखा, "आपके बयान से असहमत हूं. कृपया इस्लाम और उसके विश्वास से जुड़े बयान मत दीजिए. आप जानते हैं कि हम ऊंची आवाज में गाने नहीं चला रहे हैं और ना ही कोई खराब काम कर रहे हैं. अजान बहुत खूबसूरत पुकार है प्रार्थना के लिए और सही रास्ते पर चलने के लिए."

  • Disagree with your opinion.
    Plz. Don't pass such comments which is related to Islam & belief

    You must know that we are not running high volume songs every time & playing in hands of evil

    Adaan is the most beautiful invitation for coming to prayer & walk on right track of life.

    — Azhar (@AzharJeddah2003) May 9, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

यूजर को जवाब देते हुए जावेद ने लिखा, "तो आप ये कह रहे हैं कि वे सभी इस्लामिक जानकार जिन्होंने 50 साल तक लाउडस्पीकर को हराम करार दे रखा था वे गलत थे. आप कह रहे हैं कि उन्हें नहीं पता था कि वे क्या कह रहे हैं? अगर आपको यकीन है तो आप एक बार कहिए. फिर मैं आपको उन जानकारों के नाम भी बताऊंगा."

  • So are you suggesting that those Islamic scholars who had declared the loud speaker haraam for almost fifty years were all wrong and didn’t know what they are talking about . If you have the guts then say so then I will tell you names of those scholar .

    — Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) May 9, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मालूम हो कि इससे पहले बॉलीवुड सिंगर सोनू निगम ने भी लाउडस्पीकर पर अजान को लेकर आपत्ति जताई थी. उन्होंने टवीट कर कहा था कि उनके घर के आसपास बहुत सी मस्‍जिदें हैं. अक्सर उन्हें सुबह-सुबह अज़ान सुननी पड़ती है, जिससे उनकी नींद खराब होती है. सोनू के टवीट के बाद वह भी विवादों के घेरे में आ गए थे.

हालांकि विवाद के एक साल बाद सोनू को सपोर्ट करते हुए जावेद अख्तर ने कहा था कि 'मैं बताना चाहता हूं कि मैं सोनू निगम और उन सभी से पूरी तरह सहमत हूं जिनका मानना है कि मस्जिदों पर लाउडस्पीकर नहीं होने चाहिए. साथ ही न सिर्फ मस्जिद बल्कि रिहायशी इलाकों में स्थित किसी भी धार्मिक स्थल पर लाउडस्पीकर नहीं होना चाहिए.'

  • This is to put on record that I totally agree with all those including Sonu Nigam who want that Loud speakers should not be used by the mosques and for that matter by any place of worship in residential areas .

    — Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) February 7, 2018 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

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