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Apples smartphones: मेक इन इंडिया स्मार्टफोन में एप्पल का योगदान मूल्य के लिहाज से 25 प्रतिशत तक पहुंचा

Make in India smartphones: 2022 में कुल मिलाकर "मेक इन इंडिया" स्मार्टफोन शिपमेंट में 3 प्रतिशत की कमी आई, जो कुल 188 मिलियन यूनिट थी.

Apples contribution to Make in India smartphones reaches 25 per cent by value
मेक इन इंडिया स्मार्टफोन में एप्पल का योगदान मूल्य के लिहाज से 25 प्रतिशत तक पहुंचा
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Published : Mar 29, 2023, 3:22 PM IST

नई दिल्ली: एप्पल का 'मेक इन इंडिया' शिपमेंट वॉल्यूम के हिसाब से 65 प्रतिशत (ऑन-ईयर) और वैल्यू के हिसाब से 162 प्रतिशत बढ़ा (Apples contribution to Make in India) है. इसी के साथ 2022 में ब्रांड का वैल्यू शेयर 25 प्रतिशत तक बढ़ गया, जो 2021 में 12 प्रतिशत था. एक नई रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. काउंटर रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार, 'मेक इन इंडिया' स्मार्टफोन शिपमेंट में निर्यात का योगदान 2022 में वॉल्यूम 20 प्रतिशत और मूल्य के संदर्भ में 30 प्रतिशत दोनों में उच्चतम स्तर पर पहुंच गया. कुल मिलाकर, 'मेक इन इंडिया' स्मार्टफोन शिपमेंट 2022 जनवरी-दिसंबर में 3 प्रतिशत की गिरावट के साथ 188 मिलियन यूनिट तक पहुंच गया.

इस गिरावट के पीछे प्रमुख कारक विशेष रूप से वर्ष की दूसरी छमाही में मैक्रोइकॉनॉमिक हेडविंड्स के कारण उपभोक्ता मांग में नरमी थी. वरिष्ठ शोध विश्लेषक प्राचीर सिंह ने कहा कि एप्पल के ईएमएस (Electronics Manufacturing Services) पार्टनर फॉक्सकॉन होन हाई और विस्ट्रॉन 2022 की चौथी तिमाही में शीर्ष निर्माता होने के बाद एप्पल के निर्यात में वृद्धि से भी बढ़ावा मिला है. वही 2022 की चौथी तिमाही में, सैमसंग ओप्पो से आगे शीर्ष स्मार्टफोन निर्माता के रूप में उभरा, जिसके एंट्री-टियर सेगमेंट में इन्वेंट्री के मुद्दों के कारण मैन्युफैक्च रिंग शिपमेंट में 31 प्रतिशत की गिरावट आई.

बता दें इन दोनों विनिर्माताओं ने हाल के संवितरणों में पीएलआई प्रोत्साहन भी प्राप्त किया है. ओईएम में, ओप्पो ने 2022 में 22 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ 'मेड इन इंडिया' स्मार्टफोन शिपमेंट का नेतृत्व किया, जिसके बाद सैमसंग का स्थान रहा. शोध निदेशक तरुण पाठक ने कहा कि कुल मिलाकर 2022 भारत में विनिर्माण और स्थानीयकरण के लिहाज से अच्छा साल रहा है. पाठक ने कहा कि एप्पल, सैमसंग और अन्य ओईएम से बढ़ते निर्यात ने 2022 में स्थानीय रूप से निर्मित शिपमेंट को बढ़ाया और कुछ हद तक स्थानीय मांग में गिरावट के प्रभाव को ऑफसेट किया। केंद्र और राज्य दोनों में सरकार के साथ-साथ अन्य पहलों से पीएलआई प्रोत्साहनों का हालिया संवितरण स्तर, समग्र स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा दिया है.
(आईएएनएस)

नई दिल्ली: एप्पल का 'मेक इन इंडिया' शिपमेंट वॉल्यूम के हिसाब से 65 प्रतिशत (ऑन-ईयर) और वैल्यू के हिसाब से 162 प्रतिशत बढ़ा (Apples contribution to Make in India) है. इसी के साथ 2022 में ब्रांड का वैल्यू शेयर 25 प्रतिशत तक बढ़ गया, जो 2021 में 12 प्रतिशत था. एक नई रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. काउंटर रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार, 'मेक इन इंडिया' स्मार्टफोन शिपमेंट में निर्यात का योगदान 2022 में वॉल्यूम 20 प्रतिशत और मूल्य के संदर्भ में 30 प्रतिशत दोनों में उच्चतम स्तर पर पहुंच गया. कुल मिलाकर, 'मेक इन इंडिया' स्मार्टफोन शिपमेंट 2022 जनवरी-दिसंबर में 3 प्रतिशत की गिरावट के साथ 188 मिलियन यूनिट तक पहुंच गया.

इस गिरावट के पीछे प्रमुख कारक विशेष रूप से वर्ष की दूसरी छमाही में मैक्रोइकॉनॉमिक हेडविंड्स के कारण उपभोक्ता मांग में नरमी थी. वरिष्ठ शोध विश्लेषक प्राचीर सिंह ने कहा कि एप्पल के ईएमएस (Electronics Manufacturing Services) पार्टनर फॉक्सकॉन होन हाई और विस्ट्रॉन 2022 की चौथी तिमाही में शीर्ष निर्माता होने के बाद एप्पल के निर्यात में वृद्धि से भी बढ़ावा मिला है. वही 2022 की चौथी तिमाही में, सैमसंग ओप्पो से आगे शीर्ष स्मार्टफोन निर्माता के रूप में उभरा, जिसके एंट्री-टियर सेगमेंट में इन्वेंट्री के मुद्दों के कारण मैन्युफैक्च रिंग शिपमेंट में 31 प्रतिशत की गिरावट आई.

बता दें इन दोनों विनिर्माताओं ने हाल के संवितरणों में पीएलआई प्रोत्साहन भी प्राप्त किया है. ओईएम में, ओप्पो ने 2022 में 22 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ 'मेड इन इंडिया' स्मार्टफोन शिपमेंट का नेतृत्व किया, जिसके बाद सैमसंग का स्थान रहा. शोध निदेशक तरुण पाठक ने कहा कि कुल मिलाकर 2022 भारत में विनिर्माण और स्थानीयकरण के लिहाज से अच्छा साल रहा है. पाठक ने कहा कि एप्पल, सैमसंग और अन्य ओईएम से बढ़ते निर्यात ने 2022 में स्थानीय रूप से निर्मित शिपमेंट को बढ़ाया और कुछ हद तक स्थानीय मांग में गिरावट के प्रभाव को ऑफसेट किया। केंद्र और राज्य दोनों में सरकार के साथ-साथ अन्य पहलों से पीएलआई प्रोत्साहनों का हालिया संवितरण स्तर, समग्र स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा दिया है.
(आईएएनएस)

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