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Nepal SC sacks DPM : नेपाल के डिप्टी पीएम लामिछाने नागरिकता मामले में दोषी करार, पद से हटाए गए

नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने उप प्रधानमंत्री और गृह मंत्री रबी लामिछाने को उनके पद से बर्खास्त कर दिया है (Nepal SC sacks DPM). शीर्ष अदालत की एक संवैधानिक पीठ ने उन्हें नागरिकता और पासपोर्ट मामले में दोषी पाया.

Rabi Lamichhane
रबी लामिछाने
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Published : Jan 27, 2023, 6:08 PM IST

Updated : Jan 27, 2023, 8:48 PM IST

काठमांडू : नेपाल के उपप्रधानमंत्री और गृह मामलों के मंत्री रबी लामिछाने नागरिकता की लड़ाई हार गए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को रबी लामिछाने को उनके पद से भी बर्खास्त कर दिया है (Nepal SC sacks DPM). रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने रबी लामिछाने को नागरिकता और पासपोर्ट मामले में दोषी पाया है.

  • Nepal's Supreme Court sacks Home Minister Rabi Lamichhane from his position over the issue of his passport and citizenship.

    (Pic: Lamichhane's Twitter account) pic.twitter.com/Sf8Da586Xl

    — ANI (@ANI) January 27, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश हरि कृष्ण कार्की और जस्टिस बिशोवंभर प्रसाद श्रेष्ठ, ईश्वर खातीवाड़ा, आनंद मोहन भट्टराई और अनिल सिन्हा की अध्यक्षता वाली एक संवैधानिक पीठ ने माना कि संसदीय चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने जो नागरिकता प्रमाणपत्र पेश किया था, वह अमान्य था. रिपोर्ट के अनुसार, लामिछाने ने पिछले जून में राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी का गठन करके राजनीति में प्रवेश किया था. उनकी पार्टी ने हाल के चुनावों में 14 सीटें जीतीं.

ये है मामला : 14 दिसंबर को, अधिवक्ताओं युबराज पौडेल और रबिराज बसौला ने सुप्रीम कोर्ट में एक रिट याचिका दायर की जिसमें तर्क दिया गया कि लामिछाने संसद के सदस्य नहीं बन सकते क्योंकि उनके पास नेपाली नागरिकता नहीं है.

याचिकाकर्ताओं ने मांग की कि लामिछाने को पार्टी प्रमुख के पद से हटा दिया जाना चाहिए. याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि केवल नेपाली नागरिकों को चुनाव में मतदान करने, उम्मीदवार बनने और देश में राजनीतिक दलों की स्थापना करने का संवैधानिक अधिकार है. इसके अलावा यह भी तर्क दिया था कि लामिछाने के निचले सदन के सदस्य और पार्टी अध्यक्ष के रूप में पद अवैध थे.

रिट याचिकाकर्ताओं ने यह भी मांग की थी कि सुप्रीम कोर्ट अंतिम अदालत के फैसले तक लामिछाने को एक विधायक के रूप में काम करने से रोकने के लिए एक अंतरिम आदेश जारी करे. 6 जनवरी को मामले की प्रारंभिक सुनवाई के दौरान, सुप्रीम कोर्ट ने अंतिम फैसले के माध्यम से इस मुद्दे को तय करने का विकल्प देते हुए एक अंतरिम आदेश जारी करने से इनकार कर दिया था.

नागरिकता अधिनियम की धारा 10 कहती है कि कोई भी नेपाली नागरिक जो स्वेच्छा से किसी विदेशी देश की नागरिकता प्राप्त करता है, वह स्वत: ही नेपाली नागरिकता खो देगा. पेशे से मीडियाकर्मी लामिछाने अमेरिकी नागरिक बनने के कुछ महीने बाद नेपाल लौटे और यहां काम करने लगे. चार साल बाद नेपाल की प्रेस परिषद में यह कहते हुए शिकायत दर्ज कराई गई कि वह बिना वर्क परमिट के नेपाल में काम कर रहे हैं.

एक विदेशी नागरिक को नेपाल में काम करने के लिए परमिट की जरूरत होती है. आलोचना के बाद ही मई 2018 में लामिछाने ने अमेरिकी नागरिकता छोड़ दी और इसका प्रमाण आप्रवासन विभाग को प्रस्तुत किया गया.

हालांकि, उन्होंने कभी भी अपनी नागरिकता को पुन प्राप्त करने के लिए आवेदन नहीं किया. लामिछाने के वकीलों ने तर्क दिया था कि चूंकि उन्होंने कभी भी नेपाली नागरिकता का त्याग नहीं किया था. 1994 से उनकी नागरिकता स्वत ही रिवाइव्ड हो गई जब उन्होंने अमेरिकी नागरिकता को त्याग दिया था.

नागरिकता अधिनियम की धारा 11 में क्या प्रावधान : नागरिकता अधिनियम, हालांकि, ऐसा नहीं कहता है. धारा 11 में कहा गया है कि यदि नेपाल का कोई नागरिक, जिसने विदेशी नागरिकता प्राप्त कर ली है, नेपाल में निवास करने के लिए वापस आता है और नामित प्राधिकारी को विदेशी नागरिकता के त्याग के प्रमाण के लिए एक अधिसूचना प्रस्तुत करता है, तो विदेशी नागरिकता के त्याग का सबूत देने पर उसकी नेपाली नागरिकता फिर से प्रदान की जाएगी. अधिनियम और उसके विनियमन के अनुसार नेपाली नागरिकता को पुन: प्राप्त करने के लिए संबंधित कार्यालय में एक आवेदन प्रस्तुत करने की जरूरत है.

अधिनियम के नियमों के खंड 11 में कहा गया है कि जिस व्यक्ति ने विदेशी नागरिकता त्याग दी है, उसे गृह मंत्रालय या संबंधित जिला प्रशासन कार्यालय में आवेदन करना चाहिए. संबंधित प्राधिकरण, आवेदन का अध्ययन करने के बाद, नेपाल की नागरिकता जारी करेगा, जिसमें पिछले दस्तावेज में उल्लिखित विवरण शामिल होंगे.

पढ़ें- नेपाल के नए प्रधानमंत्री प्रचंड ने प्रतिनिधि सभा में विश्वास मत हासिल किया

(आईएएनएस)

काठमांडू : नेपाल के उपप्रधानमंत्री और गृह मामलों के मंत्री रबी लामिछाने नागरिकता की लड़ाई हार गए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को रबी लामिछाने को उनके पद से भी बर्खास्त कर दिया है (Nepal SC sacks DPM). रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने रबी लामिछाने को नागरिकता और पासपोर्ट मामले में दोषी पाया है.

  • Nepal's Supreme Court sacks Home Minister Rabi Lamichhane from his position over the issue of his passport and citizenship.

    (Pic: Lamichhane's Twitter account) pic.twitter.com/Sf8Da586Xl

    — ANI (@ANI) January 27, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश हरि कृष्ण कार्की और जस्टिस बिशोवंभर प्रसाद श्रेष्ठ, ईश्वर खातीवाड़ा, आनंद मोहन भट्टराई और अनिल सिन्हा की अध्यक्षता वाली एक संवैधानिक पीठ ने माना कि संसदीय चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने जो नागरिकता प्रमाणपत्र पेश किया था, वह अमान्य था. रिपोर्ट के अनुसार, लामिछाने ने पिछले जून में राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी का गठन करके राजनीति में प्रवेश किया था. उनकी पार्टी ने हाल के चुनावों में 14 सीटें जीतीं.

ये है मामला : 14 दिसंबर को, अधिवक्ताओं युबराज पौडेल और रबिराज बसौला ने सुप्रीम कोर्ट में एक रिट याचिका दायर की जिसमें तर्क दिया गया कि लामिछाने संसद के सदस्य नहीं बन सकते क्योंकि उनके पास नेपाली नागरिकता नहीं है.

याचिकाकर्ताओं ने मांग की कि लामिछाने को पार्टी प्रमुख के पद से हटा दिया जाना चाहिए. याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि केवल नेपाली नागरिकों को चुनाव में मतदान करने, उम्मीदवार बनने और देश में राजनीतिक दलों की स्थापना करने का संवैधानिक अधिकार है. इसके अलावा यह भी तर्क दिया था कि लामिछाने के निचले सदन के सदस्य और पार्टी अध्यक्ष के रूप में पद अवैध थे.

रिट याचिकाकर्ताओं ने यह भी मांग की थी कि सुप्रीम कोर्ट अंतिम अदालत के फैसले तक लामिछाने को एक विधायक के रूप में काम करने से रोकने के लिए एक अंतरिम आदेश जारी करे. 6 जनवरी को मामले की प्रारंभिक सुनवाई के दौरान, सुप्रीम कोर्ट ने अंतिम फैसले के माध्यम से इस मुद्दे को तय करने का विकल्प देते हुए एक अंतरिम आदेश जारी करने से इनकार कर दिया था.

नागरिकता अधिनियम की धारा 10 कहती है कि कोई भी नेपाली नागरिक जो स्वेच्छा से किसी विदेशी देश की नागरिकता प्राप्त करता है, वह स्वत: ही नेपाली नागरिकता खो देगा. पेशे से मीडियाकर्मी लामिछाने अमेरिकी नागरिक बनने के कुछ महीने बाद नेपाल लौटे और यहां काम करने लगे. चार साल बाद नेपाल की प्रेस परिषद में यह कहते हुए शिकायत दर्ज कराई गई कि वह बिना वर्क परमिट के नेपाल में काम कर रहे हैं.

एक विदेशी नागरिक को नेपाल में काम करने के लिए परमिट की जरूरत होती है. आलोचना के बाद ही मई 2018 में लामिछाने ने अमेरिकी नागरिकता छोड़ दी और इसका प्रमाण आप्रवासन विभाग को प्रस्तुत किया गया.

हालांकि, उन्होंने कभी भी अपनी नागरिकता को पुन प्राप्त करने के लिए आवेदन नहीं किया. लामिछाने के वकीलों ने तर्क दिया था कि चूंकि उन्होंने कभी भी नेपाली नागरिकता का त्याग नहीं किया था. 1994 से उनकी नागरिकता स्वत ही रिवाइव्ड हो गई जब उन्होंने अमेरिकी नागरिकता को त्याग दिया था.

नागरिकता अधिनियम की धारा 11 में क्या प्रावधान : नागरिकता अधिनियम, हालांकि, ऐसा नहीं कहता है. धारा 11 में कहा गया है कि यदि नेपाल का कोई नागरिक, जिसने विदेशी नागरिकता प्राप्त कर ली है, नेपाल में निवास करने के लिए वापस आता है और नामित प्राधिकारी को विदेशी नागरिकता के त्याग के प्रमाण के लिए एक अधिसूचना प्रस्तुत करता है, तो विदेशी नागरिकता के त्याग का सबूत देने पर उसकी नेपाली नागरिकता फिर से प्रदान की जाएगी. अधिनियम और उसके विनियमन के अनुसार नेपाली नागरिकता को पुन: प्राप्त करने के लिए संबंधित कार्यालय में एक आवेदन प्रस्तुत करने की जरूरत है.

अधिनियम के नियमों के खंड 11 में कहा गया है कि जिस व्यक्ति ने विदेशी नागरिकता त्याग दी है, उसे गृह मंत्रालय या संबंधित जिला प्रशासन कार्यालय में आवेदन करना चाहिए. संबंधित प्राधिकरण, आवेदन का अध्ययन करने के बाद, नेपाल की नागरिकता जारी करेगा, जिसमें पिछले दस्तावेज में उल्लिखित विवरण शामिल होंगे.

पढ़ें- नेपाल के नए प्रधानमंत्री प्रचंड ने प्रतिनिधि सभा में विश्वास मत हासिल किया

(आईएएनएस)

Last Updated : Jan 27, 2023, 8:48 PM IST
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