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Nobel in Chemistry : दो वैज्ञानिकों को संयुक्त रूप से मिला पुरस्कार - डेविड मैकमिलन नोबेल पुरस्कार

रसायन विज्ञान का नोबेल (Nobel in Chemistry) दो वैज्ञानिकों को संयुक्त रूप से दिया गया है. नोबेल पुरस्कार के तहत स्वर्ण पदक, एक करोड़ स्वीडिश क्रोना (तकरीबन 8.20 करोड़ रुपये) की राशि दी जाती है. स्वीडिश क्रोना स्वीडन की मुद्रा है. आने वाले दिनों में साहित्य, शांति और अर्थशास्त्र के क्षेत्रों में नोबेल पुरस्कार विजेताओं के नाम घोषित किये जाएंगे.

केमेस्ट्री का नोबेल
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Published : Oct 6, 2021, 3:21 PM IST

Updated : Oct 6, 2021, 10:17 PM IST

स्टॉकहोम : रसायन विज्ञान का नोबेल (Nobel in Chemistry) दो वैज्ञानिकों को संयुक्त रूप से दिया गया है. 2021 का नोबेल वैज्ञानिक बेंजामिन लिस्ट (Benjamin List) और डेविड मैकमिलन (David W.C. MacMillan) को दिया गया है. दोनों को रसायन का नोबेल (Chemistry Nobel) ऐसिममैट्रिक ऑर्गेनोकैटलिसिस के विकास (development of asymmetric organocatalysis) के लिए दिया गया है.

स्टाकहोम में स्वीडिश अकेडमी ऑफ साइंसेज (Royal Swedish Academy of Sciences) के पैनल ने विजेताओं की घोषणा की है. पुरस्कार की घोषणा करते हुए नोबेल कमेटी ने कहा कि रसायन विज्ञान नोबेल पुरस्कार 2021 विजेता बेंजामिन लिस्ट और डेविड मैकमिलन ने अणु निर्माण के लिए एक नया और सरल उपकरण विकसित किया है, जिसका नाम ऑर्गेनोकैटलिसिस (organocatalysis) है. इसके उपयोगों में नए फार्मास्यूटिकल्स में अनुसंधान शामिल है और इसने रसायन विज्ञान को हरित (greener) बनाने में भी मदद की है.

दो वैज्ञानिकों को संयुक्त रूप से मिला पुरस्कार
दो वैज्ञानिकों को संयुक्त रूप से मिला पुरस्कार

बयान में कहा गया है कि शोधकर्ता लंबे समय से मानते थे कि केवल दो प्रकार के उत्प्रेरक उपलब्ध हैं- धातु और एंजाइम. मगर नोबेल पुरस्कार विजेता बेंजामिन लिस्ट और डेविड मैकमिलन ने एक तीसरे प्रकार का उत्प्रेरक- असममित (asymmetric) ऑर्गेनोकैटलिसिस विकास किया है, जो छोटे कार्बनिक अणुओं पर बनता है.

नोबेल विजेता बेंजामिन लिस्ट ने सोचा कि क्या उत्प्रेरक प्राप्त करने के लिए वास्तव में एक संपूर्ण एंजाइम की आवश्यकता होती है. उन्होंने परीक्षण किया कि क्या प्रोलाइन नामक अमीनो एसिड एक रासायनिक प्रतिक्रिया को उत्प्रेरित कर सकता है. परीक्षण में उन्हें अच्छा परिणाम मिला और इसने शानदार काम किया. नोबेल समिति के एक सदस्य, पर्निला विटुंग-स्टाफशेड ने कहा, 'यह पहले से ही मानव जाति को बहुत लाभान्वित कर रहा है.'

विजेता की प्रतिक्रिया
पुरस्कार की घोषणा के बाद लिस्ट ने कहा कि उनके लिए पुरस्कार एक 'बहुत बड़ा आश्चर्य' है. उन्होंने कहा, 'मुझे इसकी बिल्कुल उम्मीद नहीं थी.' उन्होंने कहा कि जब स्वीडन से फोन आया तो वह अपने परिवार के साथ एम्स्टर्डम में छुट्टियां मना रहे थे. लिस्ट ने कहा कि उन्हें शुरू में नहीं पता था कि मैकमिलन उसी विषय पर काम कर रहे थे. उन्होंने कहा कि उन्हें लगा कि जब तक यह काम नहीं करता है तब तक उनका यह प्रयास एक खराब विचार हो सकता है. उन्होंने कहा, 'मुझे लगा कि यह कुछ बड़ा हो सकता है.'

बता दें, नोबेल पुरस्कार स्वीडन के वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल के नाम पर दिया जाता है. रसायन विज्ञान के अलावा साहित्य, शांति और अर्थशास्त्र जैसे क्षेत्रों में भी सराहनीय कार्य के लिए नोबेल पुरस्कार दिया जाता है.

गौरतलब है कि साल 2020 में रसायन का नोबेल (Nobel in Chemistry) इमैनुएल चारपोनियर और जेनिफर डूडना को दिया गया था. जीनोम एडिटिंग पद्धति का विकास करने के लिए वैज्ञानिकों को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. बता दें कि जीनोम एडिटिंग एक ऐसी पद्धति है, जिसके जरिए वैज्ञानिक जीव-जंतु के डीएनए में बदलाव करते हैं. यह प्रौद्योगिकी एक कैंची की तरह काम करती है, जो डीएनए को किसी खास स्थान से काटती है. इसके बाद वैज्ञानिक उस स्थान से डीएनए के काटे गये हिस्से को बदलते हैं. इससे रोगों के उपचार में मदद मिलती है.

यह भी पढ़ें- रसायन विज्ञान का नोबेल पुरस्कार, दो महिला वैज्ञानिकों को मिला सम्मान

इससे पहले मंगलवार को जलवायु परिवर्तन की समझ को बढ़ाने समेत जटिल प्रणालियों पर काम करने के लिए जापान, जर्मनी और इटली के तीन वैज्ञानिकों को इस वर्ष भौतकी के नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया है. जापान के रहने वाले स्यूकूरो मनाबे (90) और जर्मनी के क्लॉस हैसलमैन (89) को 'पृथ्वी की जलवायु की भौतिक 'मॉडलिंग', ग्लोबल वॉर्मिंग के पूर्वानुमान की परिवर्तनशीलता और प्रामाणिकता के मापन' क्षेत्र में उनके कार्यों के लिए चुना गया है.

यह भी पढ़ें- Physics Nobel Prize : जर्मनी, जापान और इटली के वैज्ञानिकों को मिला सम्मान

पुरस्कार के दूसरे भाग के लिए इटली के जॉर्जियो पारिसी (73) को चुना गया है. उन्हें 'परमाणु से लेकर ग्रहों के मानदंडों तक भौतिक प्रणालियों में विकार और उतार-चढ़ाव की परस्पर क्रिया की खोज' के लिए चुना गया है. तीनों ने 'जटिल प्रणालियों' पर काम किया है जिनमें से जलवायु एक उदाहरण है.

यह भी पढ़ें- डेविड जूलियस और अर्देम पटापाउटियन को मिला चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार

इसके अलावा सोमवार को डेविड जूलियस (David Julius) और अर्देम पटापाउटियन (Ardem Patapoutian) को चिकित्सा के क्षेत्र में संयुक्त रूप से नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize) 2021 मिला. उन्हें रीसेप्टर फॉर टेम्परचर एंड टच (receptors for temperature and touch) की खोज के लिए अवार्ड दिया गया.

(एजेंसी इनपुट)

स्टॉकहोम : रसायन विज्ञान का नोबेल (Nobel in Chemistry) दो वैज्ञानिकों को संयुक्त रूप से दिया गया है. 2021 का नोबेल वैज्ञानिक बेंजामिन लिस्ट (Benjamin List) और डेविड मैकमिलन (David W.C. MacMillan) को दिया गया है. दोनों को रसायन का नोबेल (Chemistry Nobel) ऐसिममैट्रिक ऑर्गेनोकैटलिसिस के विकास (development of asymmetric organocatalysis) के लिए दिया गया है.

स्टाकहोम में स्वीडिश अकेडमी ऑफ साइंसेज (Royal Swedish Academy of Sciences) के पैनल ने विजेताओं की घोषणा की है. पुरस्कार की घोषणा करते हुए नोबेल कमेटी ने कहा कि रसायन विज्ञान नोबेल पुरस्कार 2021 विजेता बेंजामिन लिस्ट और डेविड मैकमिलन ने अणु निर्माण के लिए एक नया और सरल उपकरण विकसित किया है, जिसका नाम ऑर्गेनोकैटलिसिस (organocatalysis) है. इसके उपयोगों में नए फार्मास्यूटिकल्स में अनुसंधान शामिल है और इसने रसायन विज्ञान को हरित (greener) बनाने में भी मदद की है.

दो वैज्ञानिकों को संयुक्त रूप से मिला पुरस्कार
दो वैज्ञानिकों को संयुक्त रूप से मिला पुरस्कार

बयान में कहा गया है कि शोधकर्ता लंबे समय से मानते थे कि केवल दो प्रकार के उत्प्रेरक उपलब्ध हैं- धातु और एंजाइम. मगर नोबेल पुरस्कार विजेता बेंजामिन लिस्ट और डेविड मैकमिलन ने एक तीसरे प्रकार का उत्प्रेरक- असममित (asymmetric) ऑर्गेनोकैटलिसिस विकास किया है, जो छोटे कार्बनिक अणुओं पर बनता है.

नोबेल विजेता बेंजामिन लिस्ट ने सोचा कि क्या उत्प्रेरक प्राप्त करने के लिए वास्तव में एक संपूर्ण एंजाइम की आवश्यकता होती है. उन्होंने परीक्षण किया कि क्या प्रोलाइन नामक अमीनो एसिड एक रासायनिक प्रतिक्रिया को उत्प्रेरित कर सकता है. परीक्षण में उन्हें अच्छा परिणाम मिला और इसने शानदार काम किया. नोबेल समिति के एक सदस्य, पर्निला विटुंग-स्टाफशेड ने कहा, 'यह पहले से ही मानव जाति को बहुत लाभान्वित कर रहा है.'

विजेता की प्रतिक्रिया
पुरस्कार की घोषणा के बाद लिस्ट ने कहा कि उनके लिए पुरस्कार एक 'बहुत बड़ा आश्चर्य' है. उन्होंने कहा, 'मुझे इसकी बिल्कुल उम्मीद नहीं थी.' उन्होंने कहा कि जब स्वीडन से फोन आया तो वह अपने परिवार के साथ एम्स्टर्डम में छुट्टियां मना रहे थे. लिस्ट ने कहा कि उन्हें शुरू में नहीं पता था कि मैकमिलन उसी विषय पर काम कर रहे थे. उन्होंने कहा कि उन्हें लगा कि जब तक यह काम नहीं करता है तब तक उनका यह प्रयास एक खराब विचार हो सकता है. उन्होंने कहा, 'मुझे लगा कि यह कुछ बड़ा हो सकता है.'

बता दें, नोबेल पुरस्कार स्वीडन के वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल के नाम पर दिया जाता है. रसायन विज्ञान के अलावा साहित्य, शांति और अर्थशास्त्र जैसे क्षेत्रों में भी सराहनीय कार्य के लिए नोबेल पुरस्कार दिया जाता है.

गौरतलब है कि साल 2020 में रसायन का नोबेल (Nobel in Chemistry) इमैनुएल चारपोनियर और जेनिफर डूडना को दिया गया था. जीनोम एडिटिंग पद्धति का विकास करने के लिए वैज्ञानिकों को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. बता दें कि जीनोम एडिटिंग एक ऐसी पद्धति है, जिसके जरिए वैज्ञानिक जीव-जंतु के डीएनए में बदलाव करते हैं. यह प्रौद्योगिकी एक कैंची की तरह काम करती है, जो डीएनए को किसी खास स्थान से काटती है. इसके बाद वैज्ञानिक उस स्थान से डीएनए के काटे गये हिस्से को बदलते हैं. इससे रोगों के उपचार में मदद मिलती है.

यह भी पढ़ें- रसायन विज्ञान का नोबेल पुरस्कार, दो महिला वैज्ञानिकों को मिला सम्मान

इससे पहले मंगलवार को जलवायु परिवर्तन की समझ को बढ़ाने समेत जटिल प्रणालियों पर काम करने के लिए जापान, जर्मनी और इटली के तीन वैज्ञानिकों को इस वर्ष भौतकी के नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया है. जापान के रहने वाले स्यूकूरो मनाबे (90) और जर्मनी के क्लॉस हैसलमैन (89) को 'पृथ्वी की जलवायु की भौतिक 'मॉडलिंग', ग्लोबल वॉर्मिंग के पूर्वानुमान की परिवर्तनशीलता और प्रामाणिकता के मापन' क्षेत्र में उनके कार्यों के लिए चुना गया है.

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पुरस्कार के दूसरे भाग के लिए इटली के जॉर्जियो पारिसी (73) को चुना गया है. उन्हें 'परमाणु से लेकर ग्रहों के मानदंडों तक भौतिक प्रणालियों में विकार और उतार-चढ़ाव की परस्पर क्रिया की खोज' के लिए चुना गया है. तीनों ने 'जटिल प्रणालियों' पर काम किया है जिनमें से जलवायु एक उदाहरण है.

यह भी पढ़ें- डेविड जूलियस और अर्देम पटापाउटियन को मिला चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार

इसके अलावा सोमवार को डेविड जूलियस (David Julius) और अर्देम पटापाउटियन (Ardem Patapoutian) को चिकित्सा के क्षेत्र में संयुक्त रूप से नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize) 2021 मिला. उन्हें रीसेप्टर फॉर टेम्परचर एंड टच (receptors for temperature and touch) की खोज के लिए अवार्ड दिया गया.

(एजेंसी इनपुट)

Last Updated : Oct 6, 2021, 10:17 PM IST
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