पटना:साल 2016 तक चले 'जनता दरबार' (Janta Darbar) के पांच साल बाद फिर से शुरू हुए दरबार में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) लोगों की समस्याओं को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं. सीएम के दरबार में अररिया से आए एक युवक ने बताया कि उसके गांव में आजतक सड़क नहीं बनी है,जिसके कारण बेटियों की शादी नहीं हो पा रही है.
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सूबे के मुखिया नीतीश कुमार के जनता दरबार में अररिया से पहुंचे व्यक्ति ने सीएम नीतीश कुमार के सामने अपनी बात रखते हुए कहा कि श्रीमान जी हमारे गांव के आसपास के गांव में सड़क बन गई. लेकिन हमारे गांव की सड़क नहीं बनी.
"हमारे गांव में आने जाने की कोई व्यवस्था नहीं है. सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि हमारे गांव में एक भी बेटी की शादी नहीं हो रही है. गांव में सड़क नहीं है, आने जाने की व्यवस्था नहीं है, इसलिए हमारे गांव में बेटियों की शादी नहीं हो रही है.लड़कियां सड़क न होने के कारण स्कूल भी नहीं जा पा रही हैं" - अररिया से आए फरियादी
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तुरंत विभाग को निर्देश दिया कि इसकी जांच कराई जाए और जो लोग भी दोषी हैं उन पर कार्रवाई की जाए. साथ ही सीएम ने गांव में सड़क की व्यवस्था जल्द से जल्द करने के निर्देश दिए. लेकिन बड़ा सवाल यह है कि जब नीतीश कुमार स्वयं सात निश्चय योजना के तहत काम कर रहे हैं. बिहार में शहरों और गांवों में सड़कों का जाल बिछाने की योजनाएं धरातल पर उतारने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. उस दौरान इस तरह की समस्या जनता दरबार में आना निश्चित तौर पर सरकार के कामकाज पर सवाल खड़ा कर रहा है.
एक और फरयादी सीएम के दरबार में सड़क की समस्या को लेकर पहुंचा था. फरियादी अररिया से ही आया था. कुल मिलाकर सड़कों की पहुंच गांव तक होने के सरकार के दावों को इन फरियादियों ने कटघरे में खड़ा कर दिया है.
बता दें कि मुख्यमंत्री तीसरे सोमवार को जल संसाधन विभाग, लघु जल संसाधन विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग, खाद्य उपभोक्ता संरक्षण विभाग, परिवहन विभाग, आपदा प्रबंधन विभाग, ग्रामीण विकास, ग्रामीण कार्य विभाग, पंचायती राज, ऊर्जा विभाग, पथ निर्माण विभाग, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, कृषि विभाग, सहकारिता विभाग, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग और जलवायु परिवर्तन विभाग की शिकायतें सुन रहे हैं.
जनता दरबार में कोरोना गाइडलाइन (Corona Guideline) का सख्ती से पालन किया जा रहा है. बाहर से जो भी शिकायतकर्ता जनता दरबार में आ रहे हैं, उनकी कोरोना जांच के साथ वैक्सीनेशन भी किया जा रहा है. हालांकि जनता दरबार में जहां पहले बड़ी संख्या में लोग पहुंचते थे, वहीं अब कोरोना के कारण सीमित संख्या में ही लोगों को आने की अनुमति दी जा रही है.
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