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पूर्वी चंपारण में होगा विश्व का सबसे ऊंचा शिवलिंग का निर्माण: आचार्य किशोर कुणाल

विश्व का सबसे ऊंचा शिवलिंग का निर्माण पूर्वी चंपारण में होगा. यह बिहार के लिए गौरव की बात होगी. उन्होंने कहा कि बिहार फिर से अपनी पुरानी परंपराओं को बरकरार रखने में कहीं ना कहीं सक्षम होता दिख रहा है और यह विश्व का सबसे बड़ा शिवलिंग मील का पत्थर साबित होगा.

विश्व का सबसे ऊंचा शिवलिंग का निर्माण होगा
विश्व का सबसे ऊंचा शिवलिंग का निर्माण होगा
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Published : Feb 16, 2022, 11:10 PM IST

पटना: पूर्वी चंपारण में विश्व का सबसे बड़ा शिवलिंग स्थापित किया जाएगा (World largest Shivling to be installed in Bihar). इसकी उंचाई 270 फीट होगी. एक हजार अस्सी फीट लंबा होगा और 540 फीट शिवलिंग की चौड़ाई होगी. यह मंदिर जहां शिवलिंग का निर्माण किया जाएगा, वो मंदिर बहुत ही सुंदर होगा. इस बात की जानकारी पटना महावीर मन्दिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने दी. मौका था, संत रविदास जयंती समारोह का. हर वर्ष राजधानी पटना के महावीर मन्दिर में संत रविदास जयन्ती समारोह का आयोजन होता है. इस बार भी पंरपरा के अनुसरा महावीर मन्दिर में संत रविदास की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया.

ये भी पढ़ें- पटना महावीर मंदिर में दर्शन के लिए मास्क पहनना अनिवार्य, सामाजिक दूरी बनाकर रखने की भी अपील

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि खान एवं भूतत्व मंत्री जनक राम और महावीर मन्दिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने महावीर मन्दिर प्रांगण में स्थित संत रविदास की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. माघ पूर्णिमा के दिन आयोजित जयंती समारोह में बिहार के खान एवं भूतत्व मंत्री जनक राम ने कहा कि महावीर मन्दिर संत रविदास के संदेश को जनमानस तक पहुंचा रहा है. संत शिरोमणि के बताए रास्ते का अनुकरण करते हुए महावीर मन्दिर समाज में समरसता फैला रहा है.

बिहार के खान एवं भूतत्व मंत्री जनक राम ने कहा कि, रविदास ने अपना जीवन समाज में समानता और समरसता कायम करने में खपा दिया. आज से 700 साल पहले समाज में बराबरी का भाव जगाना असाधारण कार्य था. जनक राम ने महावीर मन्दिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में धर्म के क्षेत्र में बड़ा काम हो रहा है. आचार्य किशोर कुणाल ने मुख्य अतिथि को विराट रामायण मन्दिर का प्रतीक चित्र भेंट किया. अपने संबोधन में किशोर कुणाल ने कहा कि विराट रामायण मन्दिर का निर्माण मील का पत्थर साबित होगा.

अयोध्या से जनकपुर तक राम-जानकी मार्ग के बीचो-बीच बन रहा विराट रामायण मन्दिर 270 फीट ऊंचाई वाला विश्व में सबसे ऊंचा मन्दिर होगा. आचार्य किशोर कुणाल ने अपनी पुस्तक दलित देवो भव से उद्धृत कविता का पाठ किया. यह कविता संत रविदास की कविता बेगमपुर के आधार पर लिखी गई है. किशोर कुणाल ने कहा कि महावीर मन्दिर बिहार का पहला और देश के चुनिंदा मन्दिरों में है जहां धर्म को परोपकार से जोड़ा गया है. कार्यक्रम के आखिर में मन्दिर परिसर में गरीब लोगों को कंबल वितरित किया गया. इस अवसर पर संत घनश्याम दास हंस ने अपनी रचना शबरी की कुछ पंक्तियों का पाठ किया.

जस्टिस राजेंद्र प्रसाद ने अपने संबोधन में कहा कि भारत का संविधान संत रविदास जी के विचारों पर आधारित है. महावीर मन्दिर से पिछले पांच दशकों से जुड़े डा आर आर प्रसाद उर्फ राजा साहब ने महावीर मन्दिर द्वारा चलाए जा रहे परोपकारी कार्यों की चर्चा की. लेफ्टिनेंट जेनरल ए के चौधरी ने विराट रामायण मन्दिर के संबंध में बताया. इस अवसर पर पटना के पूर्व जिला जज और विराट रामायण मन्दिर परियोजना के निदेशक वी एन मिश्रा ने भी अपने उद्गार व्यक्त किये. महावीर मंदिर के सचिव कुणाल किशोर ने कहा कि विश्व का सबसे ऊंचा शिवलिंग का निर्माण पूर्वी चंपारण की धरती पर हो रहा है. यह बिहार के लिए गौरव की बात होगी और बिहार फिर से अपनी पुरानी परंपराओं को बरकरार रखने में कहीं ना कहीं सक्षम होता दिख रहा है और यह विश्व का सबसे बड़ा शिवलिंग मील का पत्थर साबित होगा.

ये भी पढ़ें- पटना के महावीर मंदिर में बिना मास्क के प्रवेश पर लगी रोक

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पटना: पूर्वी चंपारण में विश्व का सबसे बड़ा शिवलिंग स्थापित किया जाएगा (World largest Shivling to be installed in Bihar). इसकी उंचाई 270 फीट होगी. एक हजार अस्सी फीट लंबा होगा और 540 फीट शिवलिंग की चौड़ाई होगी. यह मंदिर जहां शिवलिंग का निर्माण किया जाएगा, वो मंदिर बहुत ही सुंदर होगा. इस बात की जानकारी पटना महावीर मन्दिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने दी. मौका था, संत रविदास जयंती समारोह का. हर वर्ष राजधानी पटना के महावीर मन्दिर में संत रविदास जयन्ती समारोह का आयोजन होता है. इस बार भी पंरपरा के अनुसरा महावीर मन्दिर में संत रविदास की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया.

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कार्यक्रम के मुख्य अतिथि खान एवं भूतत्व मंत्री जनक राम और महावीर मन्दिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने महावीर मन्दिर प्रांगण में स्थित संत रविदास की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. माघ पूर्णिमा के दिन आयोजित जयंती समारोह में बिहार के खान एवं भूतत्व मंत्री जनक राम ने कहा कि महावीर मन्दिर संत रविदास के संदेश को जनमानस तक पहुंचा रहा है. संत शिरोमणि के बताए रास्ते का अनुकरण करते हुए महावीर मन्दिर समाज में समरसता फैला रहा है.

बिहार के खान एवं भूतत्व मंत्री जनक राम ने कहा कि, रविदास ने अपना जीवन समाज में समानता और समरसता कायम करने में खपा दिया. आज से 700 साल पहले समाज में बराबरी का भाव जगाना असाधारण कार्य था. जनक राम ने महावीर मन्दिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में धर्म के क्षेत्र में बड़ा काम हो रहा है. आचार्य किशोर कुणाल ने मुख्य अतिथि को विराट रामायण मन्दिर का प्रतीक चित्र भेंट किया. अपने संबोधन में किशोर कुणाल ने कहा कि विराट रामायण मन्दिर का निर्माण मील का पत्थर साबित होगा.

अयोध्या से जनकपुर तक राम-जानकी मार्ग के बीचो-बीच बन रहा विराट रामायण मन्दिर 270 फीट ऊंचाई वाला विश्व में सबसे ऊंचा मन्दिर होगा. आचार्य किशोर कुणाल ने अपनी पुस्तक दलित देवो भव से उद्धृत कविता का पाठ किया. यह कविता संत रविदास की कविता बेगमपुर के आधार पर लिखी गई है. किशोर कुणाल ने कहा कि महावीर मन्दिर बिहार का पहला और देश के चुनिंदा मन्दिरों में है जहां धर्म को परोपकार से जोड़ा गया है. कार्यक्रम के आखिर में मन्दिर परिसर में गरीब लोगों को कंबल वितरित किया गया. इस अवसर पर संत घनश्याम दास हंस ने अपनी रचना शबरी की कुछ पंक्तियों का पाठ किया.

जस्टिस राजेंद्र प्रसाद ने अपने संबोधन में कहा कि भारत का संविधान संत रविदास जी के विचारों पर आधारित है. महावीर मन्दिर से पिछले पांच दशकों से जुड़े डा आर आर प्रसाद उर्फ राजा साहब ने महावीर मन्दिर द्वारा चलाए जा रहे परोपकारी कार्यों की चर्चा की. लेफ्टिनेंट जेनरल ए के चौधरी ने विराट रामायण मन्दिर के संबंध में बताया. इस अवसर पर पटना के पूर्व जिला जज और विराट रामायण मन्दिर परियोजना के निदेशक वी एन मिश्रा ने भी अपने उद्गार व्यक्त किये. महावीर मंदिर के सचिव कुणाल किशोर ने कहा कि विश्व का सबसे ऊंचा शिवलिंग का निर्माण पूर्वी चंपारण की धरती पर हो रहा है. यह बिहार के लिए गौरव की बात होगी और बिहार फिर से अपनी पुरानी परंपराओं को बरकरार रखने में कहीं ना कहीं सक्षम होता दिख रहा है और यह विश्व का सबसे बड़ा शिवलिंग मील का पत्थर साबित होगा.

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