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VIDEO: बिहार में पटना से वैशाली तक अस्पतालों में घुसा पानी, मरीज परेशान

पटना में झमाझम बारिश से नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बारिश का पानी (Water Entered Hospitals From Patna to Vaishali) भर गया. जलजमाव से मरीज के साथ-साथ पेशेंट के परिजन भी परेशानी झेल रहे हैं. वहीं हाजीपुर सदर अस्पताल में बारिश के पानी के बीच डॉक्टर मरीजों का इलाज करते नजर आए. अस्पतालों में बारिश के पानी के बीच मरीज रहने को विवश है. पढ़ें पूरी खबर...

बिहार में पटना से वैशाली तक अस्पतालों में घुसा पानी
बिहार में पटना से वैशाली तक अस्पतालों में घुसा पानी
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Published : Jun 29, 2022, 8:55 PM IST

पटना/वैशाली: राजधानी पटना में राज्य का सबसे बड़ा दूसरा अस्पताल एनएमसीएच में पनाी घुस गया है. बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा पहला डेटिकेटेड कोविड हॉस्पिटल नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (Nalanda Medical College Hospital) एवं मातृ शिशु हॉस्पिटल में झमाझम बारिश से पूरा वार्ड तालाब में तब्दील हो गया. जिससे मरीज, नर्स, परिजन, डॉक्टर सभी परेशान दिखे. राजधानी में आज पहले दिन की बारिश में ही पटना नगर निगम एवं अस्पताल प्रशासन का पोल खोल दिया. 2 घंटे की बारिश में पूरी तरह राजधानी पटना को तालाब में तब्दील कर दिया. जिसका जीता जागता उदाहरण नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल है.

ये भी पढ़ें- देख लीजिए हाजीपुर सदर अस्पताल का हाल: बिजली गुल होने पर मोबइल की लाइट में मरीजों को लगा टांका

पटना से लेकर वैशाली तक अस्पतालों में घुसा पानी : बिहार सरकार के द्वारा प्रतिदिन कोविड के आंकड़ें जो बताए जा रहे हैं, वो दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा है. लगातार इसी अस्पताल में कोरोना के मरीज भर्ती हो रहे हैं. उस स्थिति में वार्ड के अंदर जलजमाव होना यानी मौत को निमंत्रण देना है. प्रत्येक साल की तरह इस साल भी नालंदा मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग में जलजमाव हुआ है. आपको बताते चलें की मेडिसिन विभाग में जल जमाव होने से काफी परेशानियों का सामना मरीज के साथ-साथ डॉक्टरों को भी करना पड़ता है. क्योंकि इसके पीछे एक तालाब है जहां से बारिश पानी के साथ सांप, बिच्छू, मछली तथा कई प्रकार के कीड़े अस्पताल में घुस आते हैं. जिसके कारण मरीजों में दहशत रहती है. फिर भी अस्पताल प्रशासन एवं पटना नगर निगम के अधिकारी कहते हैं कि जल्द ही जलजमाव को निकाल दिया जाएगा.

'सचिव सर, नगर आयुक्त की तरफ से या हमलोगों के द्वारा जो भी समस्या जहां-जहां दिख रही थी, हमलोग लगातार उसपर ध्यान दे रहे थे, ताकि किसी तरह की समस्या नहीं रहे. ये पानी भी थोड़ा तेज हुआ था. बारिश हो रही थी तो पानी भरेगा ही. कुछ देर के लिए एक घंटा या आधा घंटा के लिए लागातार बारिश हो रही थी तो जल जमाव होना स्वभाविक ही था. अभी आप देखिएगा तो पानी हर जगह से निकल चुका है.' - नरूल हक शिवानी, कार्यपालक अभियंता, पटना नगर निगम

वैशाली सदर अस्पताल में घुसा पानी.

वैशाली सदर अस्पताल के अंदर जलजमाव : वहीं वैशाली जिले का हाजीपुर सदर अस्पताल (Rain water enter in Hajipur Sadar Hospital) बरसात की शुरुआती बारिश में ही झील में तब्दील हो गया. इमरजेंसी से लेकर ऑपरेशन थिएटर तक पानी ही पानी नजर आने लगा. इस दौरान मरीजों के साथ-साथ डॉक्टरों को भी काफी फजीहत का सामना करना पड़ा. पानी से भरे अस्पताल का कैंपस में लोगों का पैदल चलना मुहाल हो गया.

पानी में ही कुर्सी लगाकर बैठे हैं डॉक्टर : बारिश के कारण सदर अस्पताल का इमरजेंसी वार्ड, ऑपरेशन थिएटर, जनरल वार्ड सभी जगहों पर पानी जाम हो गया. जिससे मरीजों के अलावे अस्पताल में काम कर रहे कर्मियों और डॉक्टरों को भी भारी फजीहत झेलनी पड़ी. यहां तक की सदर अस्पताल का कैंपस भी पूरी तरह डूबा गया. हालात ये है कि एंबुलेंस और गाड़ियों से सदर अस्पताल लाए जा रहे, मरीजों को भी किसी तरह इलाज के लिए इमरजेंसी वार्ड तक पहुंचाया जा रहा है. वहीं, इलाज के लिए आए कुछ मरीज पानी में फंसे नजर आ रहे हैं. वहीं, अस्पताल में मौजूद डॉक्टर पानी में ही कुर्सी लगाकर बैठे हुए हैं और लोगों का इलाज कर रहे हैं. मरीज का इलाज कर रहे इमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात डॉ राघवेंद्र शर्मा ने बताया कि मोटर से पानी निकालने की व्यवस्था की जाएगी. फिलहाल हालत कैसे भी हों इलाज तो करना ही पड़ेगा. पानी में ही जाकर मरीजों का इलाज करना पड़ रहा है.

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पटना से लेकर वैशाली तक अस्पतालों में घुसा पानी : बिहार सरकार के द्वारा प्रतिदिन कोविड के आंकड़ें जो बताए जा रहे हैं, वो दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा है. लगातार इसी अस्पताल में कोरोना के मरीज भर्ती हो रहे हैं. उस स्थिति में वार्ड के अंदर जलजमाव होना यानी मौत को निमंत्रण देना है. प्रत्येक साल की तरह इस साल भी नालंदा मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग में जलजमाव हुआ है. आपको बताते चलें की मेडिसिन विभाग में जल जमाव होने से काफी परेशानियों का सामना मरीज के साथ-साथ डॉक्टरों को भी करना पड़ता है. क्योंकि इसके पीछे एक तालाब है जहां से बारिश पानी के साथ सांप, बिच्छू, मछली तथा कई प्रकार के कीड़े अस्पताल में घुस आते हैं. जिसके कारण मरीजों में दहशत रहती है. फिर भी अस्पताल प्रशासन एवं पटना नगर निगम के अधिकारी कहते हैं कि जल्द ही जलजमाव को निकाल दिया जाएगा.

'सचिव सर, नगर आयुक्त की तरफ से या हमलोगों के द्वारा जो भी समस्या जहां-जहां दिख रही थी, हमलोग लगातार उसपर ध्यान दे रहे थे, ताकि किसी तरह की समस्या नहीं रहे. ये पानी भी थोड़ा तेज हुआ था. बारिश हो रही थी तो पानी भरेगा ही. कुछ देर के लिए एक घंटा या आधा घंटा के लिए लागातार बारिश हो रही थी तो जल जमाव होना स्वभाविक ही था. अभी आप देखिएगा तो पानी हर जगह से निकल चुका है.' - नरूल हक शिवानी, कार्यपालक अभियंता, पटना नगर निगम

वैशाली सदर अस्पताल में घुसा पानी.

वैशाली सदर अस्पताल के अंदर जलजमाव : वहीं वैशाली जिले का हाजीपुर सदर अस्पताल (Rain water enter in Hajipur Sadar Hospital) बरसात की शुरुआती बारिश में ही झील में तब्दील हो गया. इमरजेंसी से लेकर ऑपरेशन थिएटर तक पानी ही पानी नजर आने लगा. इस दौरान मरीजों के साथ-साथ डॉक्टरों को भी काफी फजीहत का सामना करना पड़ा. पानी से भरे अस्पताल का कैंपस में लोगों का पैदल चलना मुहाल हो गया.

पानी में ही कुर्सी लगाकर बैठे हैं डॉक्टर : बारिश के कारण सदर अस्पताल का इमरजेंसी वार्ड, ऑपरेशन थिएटर, जनरल वार्ड सभी जगहों पर पानी जाम हो गया. जिससे मरीजों के अलावे अस्पताल में काम कर रहे कर्मियों और डॉक्टरों को भी भारी फजीहत झेलनी पड़ी. यहां तक की सदर अस्पताल का कैंपस भी पूरी तरह डूबा गया. हालात ये है कि एंबुलेंस और गाड़ियों से सदर अस्पताल लाए जा रहे, मरीजों को भी किसी तरह इलाज के लिए इमरजेंसी वार्ड तक पहुंचाया जा रहा है. वहीं, इलाज के लिए आए कुछ मरीज पानी में फंसे नजर आ रहे हैं. वहीं, अस्पताल में मौजूद डॉक्टर पानी में ही कुर्सी लगाकर बैठे हुए हैं और लोगों का इलाज कर रहे हैं. मरीज का इलाज कर रहे इमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात डॉ राघवेंद्र शर्मा ने बताया कि मोटर से पानी निकालने की व्यवस्था की जाएगी. फिलहाल हालत कैसे भी हों इलाज तो करना ही पड़ेगा. पानी में ही जाकर मरीजों का इलाज करना पड़ रहा है.

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