पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2020 ( Bihar Assembly Election 2020 ) में मिली हार को जेडीयू ( JDU अभी तक पचा नहीं पा रही है. यही कारण है कि गाहे-बगाहे जेडीयू नेताओं का दर्द सामने आ ही जाता है. कभी नीतीश से दो-दो हाथ करने वाले उपेन्द्र कुशवाहा जब से जेडीयू में शामिल हुए हैं, तब से उनके बोल बदल गए हैं और उनका भी मानना है कि विधानसभा चुनाव में एनडीए के घटक दोलों के कारण ही जेडीयू तीसरे नंबर की पार्टी बनी.
ये भी पढ़ें- अब उपेन्द्र कुशवाहा ने छेड़ा बिहार में अफसरशाही का राग, बोले- हां लोगों में नाराजगी है
दरअसल, पूर्व केंद्रीय मंत्री और जेडीयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ( Upendra Kushwaha ) दो दिवसीय दौरे पर शाहाबाद में हैं. रोहतास के डिहरी पहुंचे कुशवाहा ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए जो बातें कही, उससे साफ है कि उनका निशाना बीजेपी के ही ऊपर है.
कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कुशवाहा ने कहा कि विधानसभा चुनाव में एक साजिश के तहत पार्टी को हराने के काम किया गया, जो राजनीति में गलत है. उन्होंने कहा कि गठबंधन में रहकर जो लोग गठबंधन के साथियों को हराने की साजिश रचते हैं, ऐसे तत्वों को बख्शा नहीं जाएगा.
ये भी पढ़ें- बोले उपेंद्र कुशवाहा- जनगणना में जाति का जिक्र जरूरी, विकास योजना भी होता है प्रभावित
हालांकि इस दौरान जेडीयू नेता ने किसी पार्टी का नाम नहीं लिया. बता दें कि बिहार एनडीए में चार दल हैं- बीजेपी, जेडीयू, वीआईपी और HAM. ऐसे में समझा जा सकता है कि उपेन्द्र कुशवाहा का इशारा किस ओर है.
गौरतलब है कि जिस वक्त बिहार में चुनाव था, उस वक्त एलजेपी भी एनडीए का ही हिस्सा थी. हालांकि बाद में चिराग पासवान बिहार एनडीए से अलग होकर विधानसभा चुनाव लड़ा था. चिराग की पार्टी एलजेपी जेडीयू उम्मीदवारों के खिलाफ अपने उम्मीदवार भी उतारे थे. यही नहीं, कुछ जगहों पर बीजेपी उम्मीदवारों के खिलाफ भी चुनाव लड़ा था.
उस वक्त चिराग की एलजेपी को बिहार में बीजेपी की B टीम की तौर देखा जा रहा था. हालांकि बीजेपी हो या एलजेपी, कभी भी इस बात को स्वीकार नहीं किया है. लेकिन उपेन्द्र कुशवाहा ने जो बयान दिया है, उसे उसी से जोड़कर देखा जा रहा है.
इससे पहले पत्रकारों से बात करते हुए कुशवाहा ने कहा कि विपक्षी दलों के द्वारा नीतीश सरकार ( CM Nitish Kumar ) को जल्द ही गिरने की बात लगातार कही जा रही है, लेकिन इतना जान लीजिए कि यह सरकार पांच साल चलेगी और खूंटा ठोक कर चलेगी. इतना ही नहीं, उन्होंने दावा किया कि आने वाले समय में भी बिहार में लगातार एनडीए की सरकार ही रहेगी.