पटना: प्रदेश के विभिन्न विभागों में हजारों की संख्या में पद रिक्त पड़े हैं. हालात ऐसे हैं कि ग्रुप सी और डी की पदों पर लंबे समय से बहाली नहीं हुई है. नियोजन के काम में भी अच्छा खासा वक्त लग रहा है. परिवहन विभाग में 2015 में शुरू हुई सेवानिवृत्त कर्मियों के नियोजन की प्रक्रिया 4 साल बीत जाने के बाद भी पूरी नहीं हो पाई है.
2015 में शुरू हुई थी नियोजन प्रक्रिया
2015 के जुलाई महीने में परिवहन विभाग ने अखबारों के माध्यम से सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए निम्न वर्गीय लिपिक और उच्च वर्गीय लिपिक के पद पर नियोजन की जानकारी दी थी. इसमें 63 पदों के लिए 157 लोगों ने अप्लाई किया. लगभग 4 साल के बाद 2019 के जनवरी महीने में विभाग ने 63 लोगों की सूची प्रकाशित की, जिन्हें विभिन्न साक्षात्कार और प्रक्रिया के बाद चयनित किया गया था.
राजद ने किया सरकार पर हमला
यह साल भी अब समाप्त होने को है. नियोजन की प्रक्रिया में बैठे रिटायर्ड कर्मी पिछले 4 साल से नियोजन पत्र मिलने का इंतजार कर रहे हैं. इस बारे में राजद नेता मदन शर्मा ने कहा कि एक तरफ सरकार किसी को रोजगार नहीं दे रही, वहीं दूसरी तरफ जिन पदों के लिए नियोजन की प्रक्रिया चल रही है वह भी समय पर पूरी नहीं हो रही.
क्या कहते हैं विभागीय अधिकारी?
हालांकि, विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि 2 दिन पहले ही 38 लोगों की सूची सामान्य प्रशासन विभाग की तरफ से भेजी गई है. एक हफ्ते के अंदर इन 38 लोगों को नियोजन पत्र मिल जाएगा. उन्होंने कहा कि सभी चयनित लोगों से विभिन्न कागजात मांगे गए थे. जिन लोगों ने कागजात जमा किए हैं, उनकी जांच के बाद 38 लोगों का नाम प्रशासन विभाग की तरफ से आया है.
कर्मचारियों की कमी से सरकारी काम प्रभावित
अब देखना है कि इन लोगों को कब तक नियोजन पत्र मिल पाता है. अक्सर यह सुनने को मिलता है कि विभागों में कर्मचारियों की कमी से सरकारी कामकाज प्रभावित हो रहे हैं. एक अनुमान के अनुसार लगभग 20000 से ज्यादा कर्मचारियों के पद विभिन्न सरकारी दफ्तरों में रिक्त पड़े हैं.
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