पटना: स्पेशल स्टेटस को लेकर बिहार विधान मंडल से दो बार प्रस्ताव पारित कर केंद्र को भेजे जा चुके हैं. जेडीयू नेता स्पेशल स्टेटस को लेकर अभियान चला रहे हैं. जेडीयू का मानना है कि बिना बिहार को विशेष राज्य का दर्जा (Special Status to Bihar) मिले राज्य का विकास नहीं हो सकता है. नीति आयोग की रिपोर्ट का भी जेडीयू नेता हवाला दे रहे हैं. हालांकि, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल (BJP State President Sanjay Jaiswal) ने स्पष्ट किया है कि बिहार अपने संसाधनों का बेहतर उपयोग कर भी तरक्की कर सकता है.
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दरअसल, जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह भी स्पेशल स्टेटस को लेकर सोशल मीडिया पर अभियान चला रहे हैं. हर रोज वह ट्वीट कर पीएम मोदी से स्पेशल स्टेटस देने की मांग कर रहे हैं. जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा (JDU state president Umesh Kushwaha) ने कहा कि ''1990 के दशक में बिहार कहां खड़ा था और आज की तारीख में कहां है यह सबको पता है. नीतीश कुमार के विकास मॉडल की बदौलत हम बिहार को अग्रिम पंक्ति में ला चुके हैं, लेकिन अगर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिल जाता है तो बिहार का चहुमुखी विकास होगा.''
बता दें कि पिछले कुछ दिनों से विशेष दर्जा और जातीय जनगणना को लेकर बीजेपी और जेडीयू के बीच तनातनी चल रही है. जेडीयू ने तो केंद्र सरकार के खिलाफ विशेष राज्य के दर्जे की मांग को लेकर सोशल मीडिया पर अभियान तक चला रखा है. इन मुद्दों को लेकर बीजेपी और जेडीयू के कई शीर्ष नेताओं के बीच जमकर नोकझोंक भी हुई है. इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चुप्पी साध रखी है, जिसे लेकर कई तरह की आशंकाएं जताई जा रही हैं.
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