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OBC के छात्रों ने कहा- 4 साल बीत चुके अब तक नहीं मिली प्रोत्साहन राशि, CM बोले- मेरे नाम का है... देख लीजिए - Education Department

ओबीसी कोटे के छात्रों ने राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि को लेकर सवाल खड़े किए हैं. समस्तीपुर से आए दो छात्रों ने कहा कि 4 साल बीच जाने के बाद भी उन्हें राशि नहीं मिली है. आगे पढ़ें पूरी खबर...

Janta Darbar
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Published : Oct 11, 2021, 12:29 PM IST

Updated : Oct 11, 2021, 12:38 PM IST

पटना: समस्तीपुर से आए दो छात्रों ने शिक्षा विभाग (Education Department) की पोल खोलकर रख दी. ओबीसी कोटे से आने वाले दोनों छात्रों ने कहा कि 2017 में उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा प्रथम श्रेणी से पास की थी. सरकार की तरफ से दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि उन्हें अब तक नहीं मिली है.

ये भी पढ़ें- 'सर... आपके चरणों में 70 कर्मचारियों का भविष्य रख रहा हूं', सुनते ही CM नीतीश बोले- ...अरे का हुआ?

शिकायत सुनते ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने ओबीसी के सचिव और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को तलब किया. एक छात्र ने कहा कि समस्तीपुर के ओबीसी दफ्तर में जब जाते हैं तो भगा दिया जाता है. धक्का मारकर बाहर निकाल दिया जाता है.

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इसपर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि 'कुछ तो बात होगी. तुरंत देख लीजिए. यही देता है तभी आपको पैसा दिया जाता है.' सीएम ने देखा कि एक छात्र का वही नाम है जो उनका नाम है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हंसकर कहा कि मेरा नाम वाला ही लड़का है, देख लीजिए. उस छात्र ने कहा कि 5 बार शिकायत कर चुके हैं पर लाभ नहीं मिला है.

ये भी पढ़ें- 'महोदय! सबसे पहले आपके चरणों में प्रणाम करता हूं'...नीतीश बोले- ठीक है चलिए...चलिए

बता दें कि सीएम नीतीश कुमार ने अप्रैल, 2006 में जनता दरबार शुरू किया था. 10 सालों तक जनता दरबार कार्यक्रम मुख्यमंत्री ने किया. मई, 2016 में लोक शिकायत निवारण कानून बनने के बाद नीतीश कुमार ने जनता दरबार कार्यक्रम को बंद कर दिया. 10 सालों में 241 जनता दरबार का कार्यक्रम मुख्यमंत्री ने किया. 10 सालों में 2,77,249 मामले सामने आए जिसका निष्पादन किया गया है. 5 साल बाद फिर जनता दरबार कार्यक्रम शुरू होने जा रहा है. जनता दरबार के लिए इस बार मुख्यमंत्री सचिवालय परिसर में बड़ा सा हॉल बनाया गया है.

पहले मुख्यमंत्री आवास में जनता दरबार शुरू हुआ था और 10 सालों तक मुख्यमंत्री आवास परिसर में ही जनता दरबार लगता रहा. मुख्यमंत्री के जनता दरबार में संबंधित विभाग के मंत्री और सभी आला अधिकारी भी मौजूद रहते हैं और दरबार से ही समस्याओं का निदान कराने की कोशिश होती रही है. पहले जनता दरबार में कई बार हंगामा भी हुआ और मुख्यमंत्री पर चप्पल तक फेंका गया. महागठबंधन में जाने के बाद भी मुख्यमंत्री ने जनता दरबार कार्यक्रम बंद नहीं किया.

महीने के प्रथम सोमवार को गृह विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, मध्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग, निगरानी, खान भूतत्व और समान प्रशासन विभाग से जुड़े लोगों की समस्या सुना जाएगा. महीने के दूसरे सोमवार को स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग, पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण विभाग, साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, कला संस्कृति एवं युवा विभाग, वित्त विभाग, श्रम संसाधन विभाग और सामान्य प्रशासन विभाग की बारी आएगी.

जबकि तीसरे सोमवार को ग्रामीण विकास विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग, पंचायती राज विभाग, ऊर्जा विभाग, पथ निर्माण विभाग, पीएचईडी विभाग, कृषि विभाग, सहकारिता विभाग, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग और इसके अलावा कई विभाग से जुड़े समस्या का निदान होगा.

जनता दरबार में कोरोना गाइडलाइन (Corona Guideline) का सख्ती से पालन किया जा रहा है. बाहर से जो भी शिकायतकर्ता जनता दरबार में आ रहे हैं, उनकी कोरोना जांच के साथ वैक्सीनेशन भी किया जा रहा है. हालांकि जनता दरबार में जहां पहले बड़ी संख्या में लोग पहुंचते थे, वहीं अब कोरोना के कारण सीमित संख्या में ही लोगों को आने की अनुमति दी जा रही है.

पटना: समस्तीपुर से आए दो छात्रों ने शिक्षा विभाग (Education Department) की पोल खोलकर रख दी. ओबीसी कोटे से आने वाले दोनों छात्रों ने कहा कि 2017 में उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा प्रथम श्रेणी से पास की थी. सरकार की तरफ से दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि उन्हें अब तक नहीं मिली है.

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शिकायत सुनते ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने ओबीसी के सचिव और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को तलब किया. एक छात्र ने कहा कि समस्तीपुर के ओबीसी दफ्तर में जब जाते हैं तो भगा दिया जाता है. धक्का मारकर बाहर निकाल दिया जाता है.

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इसपर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि 'कुछ तो बात होगी. तुरंत देख लीजिए. यही देता है तभी आपको पैसा दिया जाता है.' सीएम ने देखा कि एक छात्र का वही नाम है जो उनका नाम है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हंसकर कहा कि मेरा नाम वाला ही लड़का है, देख लीजिए. उस छात्र ने कहा कि 5 बार शिकायत कर चुके हैं पर लाभ नहीं मिला है.

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बता दें कि सीएम नीतीश कुमार ने अप्रैल, 2006 में जनता दरबार शुरू किया था. 10 सालों तक जनता दरबार कार्यक्रम मुख्यमंत्री ने किया. मई, 2016 में लोक शिकायत निवारण कानून बनने के बाद नीतीश कुमार ने जनता दरबार कार्यक्रम को बंद कर दिया. 10 सालों में 241 जनता दरबार का कार्यक्रम मुख्यमंत्री ने किया. 10 सालों में 2,77,249 मामले सामने आए जिसका निष्पादन किया गया है. 5 साल बाद फिर जनता दरबार कार्यक्रम शुरू होने जा रहा है. जनता दरबार के लिए इस बार मुख्यमंत्री सचिवालय परिसर में बड़ा सा हॉल बनाया गया है.

पहले मुख्यमंत्री आवास में जनता दरबार शुरू हुआ था और 10 सालों तक मुख्यमंत्री आवास परिसर में ही जनता दरबार लगता रहा. मुख्यमंत्री के जनता दरबार में संबंधित विभाग के मंत्री और सभी आला अधिकारी भी मौजूद रहते हैं और दरबार से ही समस्याओं का निदान कराने की कोशिश होती रही है. पहले जनता दरबार में कई बार हंगामा भी हुआ और मुख्यमंत्री पर चप्पल तक फेंका गया. महागठबंधन में जाने के बाद भी मुख्यमंत्री ने जनता दरबार कार्यक्रम बंद नहीं किया.

महीने के प्रथम सोमवार को गृह विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, मध्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग, निगरानी, खान भूतत्व और समान प्रशासन विभाग से जुड़े लोगों की समस्या सुना जाएगा. महीने के दूसरे सोमवार को स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग, पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण विभाग, साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, कला संस्कृति एवं युवा विभाग, वित्त विभाग, श्रम संसाधन विभाग और सामान्य प्रशासन विभाग की बारी आएगी.

जबकि तीसरे सोमवार को ग्रामीण विकास विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग, पंचायती राज विभाग, ऊर्जा विभाग, पथ निर्माण विभाग, पीएचईडी विभाग, कृषि विभाग, सहकारिता विभाग, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग और इसके अलावा कई विभाग से जुड़े समस्या का निदान होगा.

जनता दरबार में कोरोना गाइडलाइन (Corona Guideline) का सख्ती से पालन किया जा रहा है. बाहर से जो भी शिकायतकर्ता जनता दरबार में आ रहे हैं, उनकी कोरोना जांच के साथ वैक्सीनेशन भी किया जा रहा है. हालांकि जनता दरबार में जहां पहले बड़ी संख्या में लोग पहुंचते थे, वहीं अब कोरोना के कारण सीमित संख्या में ही लोगों को आने की अनुमति दी जा रही है.

Last Updated : Oct 11, 2021, 12:38 PM IST
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