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बिहार में 3 दिनों तक सुबह 4 बजे से रात के 8 बजे तक नहीं चलेंगी ट्रेनें - Agnipath army recruitment plan

बिहार में अग्निपथ योजना पर बवाल मचा है. कई जगहों पर ट्रेनों को फूंका गया है. रेलवे स्टेशनों को निशाना बनाया गया है. ऐसे में पूर्व मध्य रेलवे के क्षेत्राधिकार में सुबह चार बजे से रात के आठ बजे तक ट्रेनों का परिचालन बंद रखने का निर्णय लिया गया है. आगे पढ़ें पूरी खबर...

Trains will not run
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Published : Jun 18, 2022, 5:37 PM IST

पटना : बिहार में सेना भर्ती की नई योजना अग्निपथ को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन (Agnipath scheme protest) के दौरान उत्पातियों द्वारा लगातार रेलवे को निशाना बनाए जाने के बाद रेलवे ने बड़ा निर्णय लेते हुए पूर्व मध्य रेलवे के क्षेत्राधिकार में सुबह चार बजे से रात के आठ बजे तक ट्रेनों का परिचालन बंद रखने का निर्णय लिया है. सभी ट्रेनें रात के आठ बजे से सुबह चार बजे तक इस क्षेत्र में चलेंगी.

ये भी पढ़ें - भोजपुर: प्रदर्शनकारियों ने 'अग्निपथ स्कीम' के विरोध में भभुआ इंटरसिटी ट्रेन को जलाया

रेल संपत्ति की सुरक्षा के मद्देनजर लिया गया निर्णय : पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी वीरेंद्र कुमार ने शनिवार को एक बयान जारी कर कहा कि बिहार राज्य में चल रहे धरना, प्रदर्शन के कारण यात्री सुरक्षा और संरक्षा के मद्देनजर दूसरे क्षेत्रीय रेलों से खुलकर पूर्व मध्य रेल क्षेत्राधिकार से गुजरने या पहुंचने वाली ट्रेनों के परिचालन में अस्थाई तौर पर बदलाव किया गया है. उन्होंने कहा कि यात्रियों एवं रेल संपत्ति की सुरक्षा के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है कि 18 जून से 20 जून तक पूर्व मध्य रेल क्षेत्राधिकार से गुजरने और पहुंचने वाली ट्रेनों का परिचालन रात के आठ बजे से सुबह चार बजे तक किया जाएगा.

अग्निपथ विरोध में सबसे ज्यादा रेलवे को नुकसान : बता दें कि अग्निपथ योजना के विरोध में बिहार में सबसे ज्यादा हिंसा हुई है. यहां गुस्साई भीड़ ने दर्जनों ट्रेनों में आग लगा दी और कई शहरों और कस्बों में सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया है. शुक्रवार को सुबह पांच बजे से शाम के पांच बजे तक बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों ने 60 से अधिक कोचों तथा 10 से अधिक इंजनों में आग लगाई थी. इसके अलावे भी कई रेलवे स्टेशनों में भी तोड़फोड़ की गई है. शनिवार को भी ऐसा ही जारी रहा.

क्या है अग्निपथ योजना: भारत सरकार द्वारा जिस अग्निपथ योजना की शुरुआत की गई है. उसमें बहाली के प्रथम वर्ष में 21 हजार रुपये वेतन के रूप में भारत सरकार के द्वारा प्रत्येक महीने भुगतान किया जाएगा. दूसरे वर्ष वेतन में वृद्धि कर 23 हजार 100 रुपये प्रत्येक महीने दिया जाएगा और तीसरे महीने 25 हजार 580 एवं चौथे वर्ष में 28 हजार रुपये वेतन के रूप में भुगतान करने के साथ ही उन युवाओं को रिटायर्ड कर दिया जाएगा. लेकिन इस योजना को लेकर बिहार में चारों तरफ हंगामा बरपा है. वहीं, गुरुवार को केंद्र सरकार ने अग्निपथ योजना के विरोध के बीच अभ्यर्थियों की आयु सीमा को 21 से बढ़ाकर 23 साल कर दी है. ये स्पष्ट किया गया है कि ये छूट सिर्फ इस साल सेना में भर्ती के लिए किया गया है. बता दें कि अग्निपथ योजना के तहत सेना में भर्ती के लिए सरकार ने साढ़े 17 साल से लेकर 21 साल की आयु निर्धारित की थी.

'अंग्निपथ स्कीम' से क्यों नाराज है छात्र : दरअसल, 2020 से आर्मी अभ्यर्थियों की कई परीक्षाएं हुई थी. किसी का मेडिकल बाकी था तो किसी का रिटेन. ऐसे सभी अभ्यर्थियों की योग्यता एक झटके में रद्द कर दी गई. पहले ये नौकरी स्थाई हुआ करती थी. मतलब सरकारी नौकरी का ख्वाब इससे नौजवान पूरा करते थे. नई स्कीम की तहत बताया गया कि अब चार साल की नौकरी होगी. इसमें सिर्फ 25 प्रतिशत अग्निवीरों को स्थाई किया जाएगा. 75 प्रतिशत चार साल बाद रिटायर हो जाएंगे. उनको पेंशन समेत बाकी सुविधाएं नहीं मिलेंगी. बिहार जैसे राज्य में जहां ज्यादातर युवाओं का एक ही लक्ष्य कह लीजिए या सपना सरकारी नौकरी होता है, ऐसे में सपना टूटता देख छात्र सड़कों पर उतर गए.

पटना : बिहार में सेना भर्ती की नई योजना अग्निपथ को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन (Agnipath scheme protest) के दौरान उत्पातियों द्वारा लगातार रेलवे को निशाना बनाए जाने के बाद रेलवे ने बड़ा निर्णय लेते हुए पूर्व मध्य रेलवे के क्षेत्राधिकार में सुबह चार बजे से रात के आठ बजे तक ट्रेनों का परिचालन बंद रखने का निर्णय लिया है. सभी ट्रेनें रात के आठ बजे से सुबह चार बजे तक इस क्षेत्र में चलेंगी.

ये भी पढ़ें - भोजपुर: प्रदर्शनकारियों ने 'अग्निपथ स्कीम' के विरोध में भभुआ इंटरसिटी ट्रेन को जलाया

रेल संपत्ति की सुरक्षा के मद्देनजर लिया गया निर्णय : पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी वीरेंद्र कुमार ने शनिवार को एक बयान जारी कर कहा कि बिहार राज्य में चल रहे धरना, प्रदर्शन के कारण यात्री सुरक्षा और संरक्षा के मद्देनजर दूसरे क्षेत्रीय रेलों से खुलकर पूर्व मध्य रेल क्षेत्राधिकार से गुजरने या पहुंचने वाली ट्रेनों के परिचालन में अस्थाई तौर पर बदलाव किया गया है. उन्होंने कहा कि यात्रियों एवं रेल संपत्ति की सुरक्षा के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है कि 18 जून से 20 जून तक पूर्व मध्य रेल क्षेत्राधिकार से गुजरने और पहुंचने वाली ट्रेनों का परिचालन रात के आठ बजे से सुबह चार बजे तक किया जाएगा.

अग्निपथ विरोध में सबसे ज्यादा रेलवे को नुकसान : बता दें कि अग्निपथ योजना के विरोध में बिहार में सबसे ज्यादा हिंसा हुई है. यहां गुस्साई भीड़ ने दर्जनों ट्रेनों में आग लगा दी और कई शहरों और कस्बों में सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया है. शुक्रवार को सुबह पांच बजे से शाम के पांच बजे तक बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों ने 60 से अधिक कोचों तथा 10 से अधिक इंजनों में आग लगाई थी. इसके अलावे भी कई रेलवे स्टेशनों में भी तोड़फोड़ की गई है. शनिवार को भी ऐसा ही जारी रहा.

क्या है अग्निपथ योजना: भारत सरकार द्वारा जिस अग्निपथ योजना की शुरुआत की गई है. उसमें बहाली के प्रथम वर्ष में 21 हजार रुपये वेतन के रूप में भारत सरकार के द्वारा प्रत्येक महीने भुगतान किया जाएगा. दूसरे वर्ष वेतन में वृद्धि कर 23 हजार 100 रुपये प्रत्येक महीने दिया जाएगा और तीसरे महीने 25 हजार 580 एवं चौथे वर्ष में 28 हजार रुपये वेतन के रूप में भुगतान करने के साथ ही उन युवाओं को रिटायर्ड कर दिया जाएगा. लेकिन इस योजना को लेकर बिहार में चारों तरफ हंगामा बरपा है. वहीं, गुरुवार को केंद्र सरकार ने अग्निपथ योजना के विरोध के बीच अभ्यर्थियों की आयु सीमा को 21 से बढ़ाकर 23 साल कर दी है. ये स्पष्ट किया गया है कि ये छूट सिर्फ इस साल सेना में भर्ती के लिए किया गया है. बता दें कि अग्निपथ योजना के तहत सेना में भर्ती के लिए सरकार ने साढ़े 17 साल से लेकर 21 साल की आयु निर्धारित की थी.

'अंग्निपथ स्कीम' से क्यों नाराज है छात्र : दरअसल, 2020 से आर्मी अभ्यर्थियों की कई परीक्षाएं हुई थी. किसी का मेडिकल बाकी था तो किसी का रिटेन. ऐसे सभी अभ्यर्थियों की योग्यता एक झटके में रद्द कर दी गई. पहले ये नौकरी स्थाई हुआ करती थी. मतलब सरकारी नौकरी का ख्वाब इससे नौजवान पूरा करते थे. नई स्कीम की तहत बताया गया कि अब चार साल की नौकरी होगी. इसमें सिर्फ 25 प्रतिशत अग्निवीरों को स्थाई किया जाएगा. 75 प्रतिशत चार साल बाद रिटायर हो जाएंगे. उनको पेंशन समेत बाकी सुविधाएं नहीं मिलेंगी. बिहार जैसे राज्य में जहां ज्यादातर युवाओं का एक ही लक्ष्य कह लीजिए या सपना सरकारी नौकरी होता है, ऐसे में सपना टूटता देख छात्र सड़कों पर उतर गए.

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