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पर्यटन स्थलों पर सरकार की विशेष नजर, गांधी और बुद्ध सर्किट के साथ इको टूरिज्म का केंद्र बनेगा चंपारण - चंपारण में पर्यटन स्थल

बिहार में बोधगया, राजगीर और वैशाली के अलावा अब चंपारण को पर्यटन स्थलों में शुमार किया जाएगा. चंपारण के विभिन्न स्थलों को डेवलप करने को लेकर कई इंतजाम किए जा रहे हैं. चंपारण के पर्यटन स्थलों पर सरकार की विशेष नजर, गांधी सर्किट और बुद्ध सर्किट के साथ इको टूरिज्म का केंद्र भी बनेगा चंपारण

केसरिया बौद्ध स्तूप
केसरिया बौद्ध स्तूप
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Published : Sep 4, 2021, 9:19 PM IST

पटना: बिहार में घूमने आने वाले पर्यटकों के लिए बोधगया, राजगीर और वैशाली के अलावा पटना ही प्रमुख पर्यटन स्थलों में शुमार है. लेकिन अब सरकार (Nitish Government) का खास जोर चंपारण (Tourist Places in Champaran) के तमाम पर्यटन स्थलों पर है. वहां तक विशेष रूप से पर्यटकों के पहुंचने और ठहरने को लेकर तमाम इंतजाम किए जा रहे हैं. ताकि चंपारण से जुड़े पर्यटन स्थलों को विश्व के पर्यटन मानचित्र पर खास जगह मिल सके.

यह भी पढ़ें- बिहार में बर्ड टूरिज्म की है अपार संभावनाएं, सिर्फ इन बातों पर ध्यान देने की है जरूरत

बता दें कि बिहार प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और सांसद संजय जायसवाल हों, बिहार की उपमुख्यमंत्री रेणु देवी हों, बिहार के गन्ना विकास मंत्री प्रमोद कुमार हों या फिर बिहार के पर्यटन मंत्री नारायण प्रसाद, इन सभी के साथ एक संजोग जुड़ा है. वह संजोग है कि यह सभी चंपारण से आते हैं.

देखें वीडियो

चंपारण से आने वाले इन तमाम बड़े चेहरों का अब बिहार के टूरिज्म पर बड़ा प्रभाव देखने को मिल रहा है. चंपारण अब सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है. चंपारण से ही तमाम बड़ी सड़क परियोजनाओं को जोड़ने की कोशिश हो रही है. रामायण सर्किट से भी चंपारण के बौद्ध और गांधी सर्किट को जोड़ा जा रहा है.

पटना से चंपारण तक पहुंचने के लिए हेलीकॉप्टर और छोटे विमान शुरू करने के योजना पर भी काम हो रहा है. वहीं वाल्मीकि नगर में इको टूरिज्म का केंद्र बनाने के साथ कन्वेंशन सेंटर, बच्चों के लिए पार्क और चंपारण के प्रमुख जगहों पर बड़े होटल बनाने की तैयारी में भी पर्यटन विभाग लगा है.

'पर्यटन के लिहाज से चंपारण बिहार के अग्रणी इलाकों में से है. यहां हर तरह के पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं. चाहे धार्मिक और दार्शनिक पर्यटन हो या फिर ऐतिहासिक और प्राकृतिक. हर तरह की धरोहर पूर्वी और पश्चिमी चंपारण में भरी पड़ी है. चंपारण के सभी पर्यटक स्थलों को विश्व के पर्यटन मानचित्र पर लाकर उन्हें विकसित करने का प्रयास चल रहा है. विशेष रूप से लौरिया नंदनगढ़, भितिहरवा, वाल्मीकि नगर जैसी जगहों पर पर्यटकों की सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं. पर्यटकों के लिए शुद्ध पेयजल, बैठने और ठहरने की व्यवस्था के साथ खाना और नाश्ता के लिए बेहतर होटल आदि का इंतजाम किया जा रहा है.' -नारायण प्रसाद, पर्यटन मंत्री, बिहार

उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक स्थलों के भ्रमण के लिए मोतिहारी के चंद्रहिया, माधोपुर मन, बेतिया राज, उदयपुर जंगल, लौरिया नंदनगढ़, भितिहारवा और बाल्मीकि नगर तक वाहन की व्यवस्था की जा रही है. इसके अलावा रामायण सर्किट, बौद्ध सर्किट और गांधी सर्किट से इन तमाम जगहों की कनेक्टिविटी बढ़ाने पर जोर है जिससे ना सिर्फ पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे.

उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार को इन तमाम प्रोजेक्ट को लेकर प्रपोजल दिया गया है. केंद्र से अनुमति मिलते ही कई प्रोजेक्ट पर एक साथ काम शुरू होगा. इनमें से कई प्रोजेक्ट प्रसाद योजना के तहत शुरू होंगे.

'मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने हर प्रमुख काम की शुरुआत चंपारण से करते रहे हैं. चंपारण ऐतिहासिक भूमि है. नेपाल के नजदीक होने की वजह से भी इसका खास महत्व है. चंपारण के गांधी से जुड़े ऐतिहासिक जगहों के साथ बुद्ध भूमि केसरिया और वाल्मीकि नगर टाइगर रिजर्व की वजह से पर्यटकों के लिए यह बिहार की सबसे बेहतरीन जगह साबित हो सकती है. सरकार ने इको टूरिज्म का केंद्र भी वाल्मीकि नगर को बनाने का निश्चय किया है. ऐसे में अगर इन तमाम जगहों के लिए आवागमन, पर्यटकों के ठहरने और अन्य सुविधाओं को बढ़ाने की कोशिश हो रही है तो यह सचमुच बिहार के पर्यटन उद्योग के लिए बेहतरीन प्रयास साबित होगा.' -रवि उपाध्याय, वरिष्ठ पत्रकार

एक नजर चंपारण के प्रमुख पर्यटन स्थलों पर जिन्हें विकसित करने और जहां तक पहुंचने की तमाम सुविधाएं विकसित करने की कोशिश हो रही है.

  • वाल्मीकि नगर टाइगर रिजर्व
  • भितिहरवा आश्रम
  • रामपुरवा का अशोक स्तंभ
  • नंदनगढ़, जानकीगढ़ एवं लौरिया का अशोक स्तंभ
  • सुमेश्वर का किला
  • सरैया मान पक्षी विहार
  • त्रिवेणी संगम
  • केसरिया बौद्ध स्तूप
  • गांधी संग्रहालय मोतिहारी
  • अशोक स्तंभ लौरिया अरेराज
  • अरेराज सोमेश्वर नाथ महादेव मंदिर
  • गांधी स्मारक चंद्रहिया

यह भी पढ़ें- इको टूरिज्म से पर्यटन और रोजगार को मिलेगा बढ़ावा, स्थानीय जैव विविधता का भी होगा संरक्षण

पटना: बिहार में घूमने आने वाले पर्यटकों के लिए बोधगया, राजगीर और वैशाली के अलावा पटना ही प्रमुख पर्यटन स्थलों में शुमार है. लेकिन अब सरकार (Nitish Government) का खास जोर चंपारण (Tourist Places in Champaran) के तमाम पर्यटन स्थलों पर है. वहां तक विशेष रूप से पर्यटकों के पहुंचने और ठहरने को लेकर तमाम इंतजाम किए जा रहे हैं. ताकि चंपारण से जुड़े पर्यटन स्थलों को विश्व के पर्यटन मानचित्र पर खास जगह मिल सके.

यह भी पढ़ें- बिहार में बर्ड टूरिज्म की है अपार संभावनाएं, सिर्फ इन बातों पर ध्यान देने की है जरूरत

बता दें कि बिहार प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और सांसद संजय जायसवाल हों, बिहार की उपमुख्यमंत्री रेणु देवी हों, बिहार के गन्ना विकास मंत्री प्रमोद कुमार हों या फिर बिहार के पर्यटन मंत्री नारायण प्रसाद, इन सभी के साथ एक संजोग जुड़ा है. वह संजोग है कि यह सभी चंपारण से आते हैं.

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चंपारण से आने वाले इन तमाम बड़े चेहरों का अब बिहार के टूरिज्म पर बड़ा प्रभाव देखने को मिल रहा है. चंपारण अब सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है. चंपारण से ही तमाम बड़ी सड़क परियोजनाओं को जोड़ने की कोशिश हो रही है. रामायण सर्किट से भी चंपारण के बौद्ध और गांधी सर्किट को जोड़ा जा रहा है.

पटना से चंपारण तक पहुंचने के लिए हेलीकॉप्टर और छोटे विमान शुरू करने के योजना पर भी काम हो रहा है. वहीं वाल्मीकि नगर में इको टूरिज्म का केंद्र बनाने के साथ कन्वेंशन सेंटर, बच्चों के लिए पार्क और चंपारण के प्रमुख जगहों पर बड़े होटल बनाने की तैयारी में भी पर्यटन विभाग लगा है.

'पर्यटन के लिहाज से चंपारण बिहार के अग्रणी इलाकों में से है. यहां हर तरह के पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं. चाहे धार्मिक और दार्शनिक पर्यटन हो या फिर ऐतिहासिक और प्राकृतिक. हर तरह की धरोहर पूर्वी और पश्चिमी चंपारण में भरी पड़ी है. चंपारण के सभी पर्यटक स्थलों को विश्व के पर्यटन मानचित्र पर लाकर उन्हें विकसित करने का प्रयास चल रहा है. विशेष रूप से लौरिया नंदनगढ़, भितिहरवा, वाल्मीकि नगर जैसी जगहों पर पर्यटकों की सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं. पर्यटकों के लिए शुद्ध पेयजल, बैठने और ठहरने की व्यवस्था के साथ खाना और नाश्ता के लिए बेहतर होटल आदि का इंतजाम किया जा रहा है.' -नारायण प्रसाद, पर्यटन मंत्री, बिहार

उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक स्थलों के भ्रमण के लिए मोतिहारी के चंद्रहिया, माधोपुर मन, बेतिया राज, उदयपुर जंगल, लौरिया नंदनगढ़, भितिहारवा और बाल्मीकि नगर तक वाहन की व्यवस्था की जा रही है. इसके अलावा रामायण सर्किट, बौद्ध सर्किट और गांधी सर्किट से इन तमाम जगहों की कनेक्टिविटी बढ़ाने पर जोर है जिससे ना सिर्फ पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे.

उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार को इन तमाम प्रोजेक्ट को लेकर प्रपोजल दिया गया है. केंद्र से अनुमति मिलते ही कई प्रोजेक्ट पर एक साथ काम शुरू होगा. इनमें से कई प्रोजेक्ट प्रसाद योजना के तहत शुरू होंगे.

'मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने हर प्रमुख काम की शुरुआत चंपारण से करते रहे हैं. चंपारण ऐतिहासिक भूमि है. नेपाल के नजदीक होने की वजह से भी इसका खास महत्व है. चंपारण के गांधी से जुड़े ऐतिहासिक जगहों के साथ बुद्ध भूमि केसरिया और वाल्मीकि नगर टाइगर रिजर्व की वजह से पर्यटकों के लिए यह बिहार की सबसे बेहतरीन जगह साबित हो सकती है. सरकार ने इको टूरिज्म का केंद्र भी वाल्मीकि नगर को बनाने का निश्चय किया है. ऐसे में अगर इन तमाम जगहों के लिए आवागमन, पर्यटकों के ठहरने और अन्य सुविधाओं को बढ़ाने की कोशिश हो रही है तो यह सचमुच बिहार के पर्यटन उद्योग के लिए बेहतरीन प्रयास साबित होगा.' -रवि उपाध्याय, वरिष्ठ पत्रकार

एक नजर चंपारण के प्रमुख पर्यटन स्थलों पर जिन्हें विकसित करने और जहां तक पहुंचने की तमाम सुविधाएं विकसित करने की कोशिश हो रही है.

  • वाल्मीकि नगर टाइगर रिजर्व
  • भितिहरवा आश्रम
  • रामपुरवा का अशोक स्तंभ
  • नंदनगढ़, जानकीगढ़ एवं लौरिया का अशोक स्तंभ
  • सुमेश्वर का किला
  • सरैया मान पक्षी विहार
  • त्रिवेणी संगम
  • केसरिया बौद्ध स्तूप
  • गांधी संग्रहालय मोतिहारी
  • अशोक स्तंभ लौरिया अरेराज
  • अरेराज सोमेश्वर नाथ महादेव मंदिर
  • गांधी स्मारक चंद्रहिया

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