पटना: मकर संक्रांति में अब महज कुछ दिन बचे हैं. ऐसे में पटना में तिलकुट का बाजार सज गया ( Patna Tilkut Market For Makar Sakranti ) है. शहर के इनकम टैक्स, बोरिंग रोड, म्यूजियम के पास अन्य चौक चौराहों पर तिलकुट की दुकान सज चुकी हैं. तिलकुट के खुदरा एवं थोक व्यापारी एक महीने पहले ही तिलकुट बनाने में जुट जाते हैं. आम तौर पर ठंड शुरू होते ही तिलकुट बनने लगता है.
ये भी पढ़ें- मोतिहारी: पोस्ट ऑफिस बेच रहा है गया का तिलकुट, लोगों में है काफी डिमांड
मकर संक्रांति नजदीक आते ही कारीगरों द्वारा तिलकुट बनाने का काम जोरों पर चल रहा है. पटना के मीठापुर मंडी में तिल कुटाई का काम जोर शोर से चल रहा है. सभी दुकानों में कारीगर पूरे दिन बैठकर तिलकुट तैयार कर रहे हैं. मकर संक्रांति के दिन सामान कम न पड़ जाए, इसलिए ज्यादा मात्रा में तिलकुट तैयार करके रखा जा रहा है. वैसे लोगों ने अभी से ही खरीदारी भी शुरू कर दी है. बाजार में गुड़, चीनी, खोवा, शुगर फ्री के तिलकुट की खास डिमांड है. इसे देखते हुए व्यवसायी अन्य जिलों से जैसे नालंदा और गया के कारीगर बुलाकर उनके हाथ से तिलकुट बनवाने का काम कर रहे हैं. बता दें कि नालंदा और गया से आने वाले कारीगरों के हाथों का तिलकुट बेहद खस्ता होता है.
तिलकुट दुकानदार सरयू कुमार ने बताया कि पटना में लगभग 40 साल से तिलकुट बेचने का काम कर रहे हैं. पहले इनके पिताजी तिलकुट बनाकर बेचा करते थे, अब ये कारीगर रखकर तिलकुट बनावा कर बेचते हैं. उन्होंने बताया कि तिलकुट बनाने का काम नवंबर से शुरू हो जाता है. स्टॉक करके रखा जाता है कि 10 तारीख से मांग और ज्यादा हो जाएगी, कम ना पड़े इसलिए स्टॉक करके रखा जा रहा है. बाजार में देखें तो तिलकुट की खास डिमांड है. तिलकुट के व्यवसाय (Business of Tilkut) को देखते हुए व्यवसायी तिलकुट स्टॉक करके रख रहे हैं.
''अरवल, मसौढ़ी और नालंदा जिले से कारीगर बुलवाकर तिलकुट बनवाया जा रहा है. मकर संक्रांति की तैयारी को लेकर मिस्त्री को बुलाया जाता है. गुड़ और चीनी के तिलकुट का एक ही रेट 280 रु प्रति किलो है. खोवा तिलकुट 400 रु प्रति किलो है. वहीं, शुगर पेशेंट वालों के लिए शुगर फ्री भी तिलकुट बाजार में उपलब्ध है, जो 500 रु प्रति किलो बिक रहा है. तिलपपड़ी और तिल के लड्डू भी बाजार में मिल रहे हैं. लोगों ने अभी से ही खरीदारी भी शुरू कर दी है.''- सरयू कुमार, दुकानदार
वहीं, नालंदा से आए तिलकुट कारीगर राकेश ने बताया कि 2 महीने पहले जिले से पटना में तिलकुट बनाने के लिए बुलाया जाता है. इस बार भी हमको बुलाया गया है, तिलकुट का ऑर्डर ज्यादा रहता है, इसलिए बुलाया जाता है.
ये भी पढ़ें- तिलकुट की सौंधी महक से गुलजार हुआ पालीगंज बाजार, बिक्री पर दुकानदारों की टिकी उम्मीद
बता दें कि मकर संक्रांति पर चुरा दही गुड़ के साथ साथ तिलकुट की बहुत ही डिमांड होती है. मंडी में तिल कुटाई का काम जोर-शोर से चल रहा है. नवंबर महीने से ही दुकानदार तिलकुट बनाने के काम में जुट गये हैं और फरवरी महीने तक बाजार में रौनक बनी रहेगी. हालांकि, कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने के साथ ही सरकार के निर्देशानुसार रात्रि 8 बजे तक ही दुकान खुली रहेगी, ऐसे में अब देखना होगा कि दुकानदारों पर इसका कितना असर पड़ता है. लेकिन, दुकानदार उम्मीद लगाए बैठे हैं कि पिछले साल से इस बार मार्केट अच्छा रहेगा, इसलिए तिलकुट बनाकर स्टॉक करने में जुटे हुए हैं.
विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP