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तेजस्वी ने दी छठ की शुभकामना, ट्वीट कर कहा- डूबते सूर्य की पूजा करने वाला एकमात्र त्योहार - ETV BHARAT

तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने ट्वीट कर कहा कि डूबते सूर्य की पूजा करने वाला छठ विश्व का एकमात्र त्योहार है. एक प्राणी की शक्ति भले क्षीण हो जाए पर उसके ऋण, जीवनकाल में उसके द्वारा दिए गए योगदान को भुलाया नहीं जाना चाहिए.

Tejashwi Yadav
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Published : Nov 10, 2021, 10:43 AM IST

पटना: लोक आस्था के महापर्व छठ (Chhath Puja) का आज तीसरा दिन है. आज अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य दिया जाएगा, जबकि कल उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. इस बीच नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने देशवासियों को छठ पूजा की शुभकामनाएं दी हैं.

ये भी पढ़ें: छठ महापर्व का आज 'पहला अर्घ्य', यहां जानें अस्ताचलगामी भगवान भास्कर की उपासना का महत्व

बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर महापर्व की शुभकामनाएं दी हैं. उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा है, सभी देशवासियों को #छठ_पूजा की हार्दिक शुभकामनाएँ. आज अस्ताचलगामी सूर्य को प्रथम अर्घ्य दिया जाएगा. डूबते सूर्य की पूजा करने वाला #छठ विश्व का एकमात्र त्योहार है. एक प्राणी की शक्ति भले क्षीण हो जाए पर उसके ऋण, जीवनकाल में उसके द्वारा दिए गए योगदान को भुलाया नहीं जाना चाहिए.

  • सभी देशवासियों को #छठ_पूजा की हार्दिक शुभकामनाएँ!

    आज अस्ताचलगामी सूर्य को प्रथम अर्घ्य दिया जाएगा। डूबते सूर्य की पूजा करने वाला #छठ विश्व का एकमात्र त्योहार है।

    एक प्राणी की शक्ति भले क्षीण हो जाए पर उसके ऋण, जीवनकाल में उसके द्वारा दिए गए योगदान को भुलाया नहीं जाना चाहिए। pic.twitter.com/cvuqFOs8lB

    — Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) November 10, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

आपको बताएं कि बिहार-झारखंड और उत्तर प्रदेश में छठ धूमधाम से मनाया जाता है. पर्व के तीसरे दिन यानी आज शाम को पूरी तैयारी के साथ बांस की टोकरी में अर्घ्य का सूप सजाया जाता है और व्रती के साथ परिवार और पड़ोसी अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने घाट पर जाते हैं. सभी छठव्रती एक साथ तलाब या नदी के किनारे इकट्ठा होकर सामूहिक रूप से अर्घ्य दान संपन्न करते हैं. सूर्य को दूध और अर्घ्य का जल दिया जाता है. इसके बाद छठ मईया की भरे सूप से पूजा की जाती है.

ये भी पढ़ें: आज आएंगी छठी मईया, जानें सूर्यास्‍त और सूर्योदय का समय

छठ पूजा के तीसरे दिन यानी खरना के अगले दिन छठी मईया और सूर्य देव की पूजा होती है. इस साल छठ पूजा 10 नवंबर को है. छठ पूजा के दिन अस्ताचलगामी ( डूबते हुए ) सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. छठ पूजा के चौथे दिन यानी छठ पूजा का समापन के अगले दिन उदयाचलगामी ( उगते हुए ) सूर्य को अर्घ्य देने के साथ होता है. 36 घंटे का कठिन व्रत पारण के बाद पूर्ण किया जाता है.

शाम को अर्घ्य देने के पीछे मान्यता है कि सुबह के समय अर्घ्य देने से स्वास्थ्य ठीक रहता है. दोपहर के समय अर्ध्य देने से नाम और यश होता है और वहीं शाम के समय अर्घ्य देने से आपकी हर मनोकामना पूर्ण होती है. इसके अलावा माना जाता है कि भगवान सूर्य शाम के समय अपनी प्रत्युषा के साथ होते है. जिसका फल हर भक्त को मिलता है.

पटना: लोक आस्था के महापर्व छठ (Chhath Puja) का आज तीसरा दिन है. आज अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य दिया जाएगा, जबकि कल उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. इस बीच नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने देशवासियों को छठ पूजा की शुभकामनाएं दी हैं.

ये भी पढ़ें: छठ महापर्व का आज 'पहला अर्घ्य', यहां जानें अस्ताचलगामी भगवान भास्कर की उपासना का महत्व

बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर महापर्व की शुभकामनाएं दी हैं. उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा है, सभी देशवासियों को #छठ_पूजा की हार्दिक शुभकामनाएँ. आज अस्ताचलगामी सूर्य को प्रथम अर्घ्य दिया जाएगा. डूबते सूर्य की पूजा करने वाला #छठ विश्व का एकमात्र त्योहार है. एक प्राणी की शक्ति भले क्षीण हो जाए पर उसके ऋण, जीवनकाल में उसके द्वारा दिए गए योगदान को भुलाया नहीं जाना चाहिए.

  • सभी देशवासियों को #छठ_पूजा की हार्दिक शुभकामनाएँ!

    आज अस्ताचलगामी सूर्य को प्रथम अर्घ्य दिया जाएगा। डूबते सूर्य की पूजा करने वाला #छठ विश्व का एकमात्र त्योहार है।

    एक प्राणी की शक्ति भले क्षीण हो जाए पर उसके ऋण, जीवनकाल में उसके द्वारा दिए गए योगदान को भुलाया नहीं जाना चाहिए। pic.twitter.com/cvuqFOs8lB

    — Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) November 10, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

आपको बताएं कि बिहार-झारखंड और उत्तर प्रदेश में छठ धूमधाम से मनाया जाता है. पर्व के तीसरे दिन यानी आज शाम को पूरी तैयारी के साथ बांस की टोकरी में अर्घ्य का सूप सजाया जाता है और व्रती के साथ परिवार और पड़ोसी अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने घाट पर जाते हैं. सभी छठव्रती एक साथ तलाब या नदी के किनारे इकट्ठा होकर सामूहिक रूप से अर्घ्य दान संपन्न करते हैं. सूर्य को दूध और अर्घ्य का जल दिया जाता है. इसके बाद छठ मईया की भरे सूप से पूजा की जाती है.

ये भी पढ़ें: आज आएंगी छठी मईया, जानें सूर्यास्‍त और सूर्योदय का समय

छठ पूजा के तीसरे दिन यानी खरना के अगले दिन छठी मईया और सूर्य देव की पूजा होती है. इस साल छठ पूजा 10 नवंबर को है. छठ पूजा के दिन अस्ताचलगामी ( डूबते हुए ) सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. छठ पूजा के चौथे दिन यानी छठ पूजा का समापन के अगले दिन उदयाचलगामी ( उगते हुए ) सूर्य को अर्घ्य देने के साथ होता है. 36 घंटे का कठिन व्रत पारण के बाद पूर्ण किया जाता है.

शाम को अर्घ्य देने के पीछे मान्यता है कि सुबह के समय अर्घ्य देने से स्वास्थ्य ठीक रहता है. दोपहर के समय अर्ध्य देने से नाम और यश होता है और वहीं शाम के समय अर्घ्य देने से आपकी हर मनोकामना पूर्ण होती है. इसके अलावा माना जाता है कि भगवान सूर्य शाम के समय अपनी प्रत्युषा के साथ होते है. जिसका फल हर भक्त को मिलता है.

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