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आज रघुवंश प्रसाद सिंह की पहली पुण्यतिथि, मुजफ्फरपुर में श्रद्धांजलि देंगे तेजस्वी - दिल्ली एम्स

पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत रघुवंश प्रसाद सिंह की आज पहली पुण्यतिथि है. इस मौके पर राजद के प्रदेश कार्यालय समेत विभिन्न स्थानों पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन होगा. मुजफ्फरपुर में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव शामिल होंगे. पढ़ें पूरी खबर...

Raghuvansh Prasad Singh
Raghuvansh Prasad Singh
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Published : Sep 13, 2021, 7:27 AM IST

पटना: पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत रघुवंश प्रसाद सिंह (Raghuvansh Prasad Singh) की आज पहली पुण्यतिथि (First Death Anniversary) है. इस मौके पर राजद की ओर से श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जायेगा. राजद के प्रदेश मुख्यालय में भी उन्हें श्रद्धांजलि दी जायेगी. मुजफ्फरपुर में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) शामिल होंगे. बता दें कि पिछले साल 13 सितंबर को दिल्ली एम्स (AIIMS Delhi) में रघुवंश प्रसाद सिंह का निधन हुआ था. वे कोरोना संक्रमित (Corona Infected) हो गये थे.

ये भी पढ़ें: नीतीश को तेजस्वी की नसीहत, 'रामविलास पासवान की श्रद्धांजलि सभा में आकर शिष्टाचार दिखाना चाहिए था'

इससे वह पूरी तरह उबर नहीं पाए और आखिरकार फेफड़ों में संक्रमण की वजह से 13 सितंबर 2020 को उनका निधन हो गया था. निधन से पहले उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) से इस्तीफा दे दिया था. बताया जाता है कि राजद के क्रियाकलापों से नाखुश होकर रघुवंश प्रसाद सिंह ने पत्र लिखकर पार्टी प्रमुख लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) को अपना इस्तीफा दिया था. लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव समेत तमाम नेताओं ने उन्हें मनाने की कोशिश की थी, लेकिन वे नहीं माने.

आज उनकी पहली पुण्यतिथि के मौके पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया है. रघुवंश सिंह के बेटे सत्यप्रकाश सिंह ने श्रद्धांजलि सभा में शामिल होने के लिए लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव को आमंत्रित किया है. बता दें कि रघुवंश प्रसाद सिंह के पुत्र सत्यप्रकाश सिंह पिछले साल अक्टूबर में जेडीयू में शामिल हुए थे.

ये भी पढ़ें: तेजस्वी के नोट बांटने पर गरमाई सियासत, RJD बोली- लोकप्रियता से डरती है सरकार, BJP ने दिया जवाब

गौरतलब है कि जब रघुवंश प्रसाद सिंह ने इस्तीफा दिया था, उस समय भी लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने एक बयान दिया था. उन्होंने रघुवंश प्रसाद सिंह के इस्तीफे पर कहा था कि समंदर में से अगर एक लोटा जल निकल जाए तो इससे समंदर पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला. रघुवंश सिंह इस बयान से इतने आहत हुए थे कि उन्होंने लालू यादव को सीधे अपना इस्तीफा भेज दिया था. उन्हें मनाने की तमाम कोशिशें बेकार साबित हुई थीं.

बता दें कि रघुवंश बाबू 5 बार वैशाली से सांसद रह चुके थे. मंत्री रहते हुए वे वैशाली के विकास के लिए हमेशा आवाज उठाते रहे. उन्होंने अपने अंतिम समय में भी बिहार सरकार पत्र लिखकर वैशाली में 15 अगस्त और 26 जनवरी को सीएम के द्वारा झंडोत्तोलन की इच्छा जाहिर की थी. वहीं लॉकडाउन के दौरान उन्होंने खेती किसानी को मनरेगा के दायरे में लाने की मांग की थी.

ये भी पढ़ें: तेज प्रताप के साथ राजद का नया 'खेल', अब सद्भावना मैच के पोस्टर से किया आउट

डॉक्टर रघुवंश प्रसाद का जन्म 6 जून 1946 को वैशाली जिले के शाहपुर गांव में हुआ था. उन्होंने एलएस कॉलेज और राजेंद्र कॉलेज से उच्च शिक्षा ग्रहण करने के बाद गणित विषय से पीएचडी की डिग्री ली. उसके बाद उन्होंने 1969 से 1974 तक सीतामढ़ी के गोयनका कॉलेज में प्रोफेसर के पद पर रहते हुए गणित पढ़ाया. पहली बार शिक्षक आंदोलन के दौरान 1970 में जेल गए और पहली बार 1977 में सीतामढ़ी के बेलसंड विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने.

वे बेलसंड विधानसभा क्षेत्र से तीन बार विधायक चुने गए. कर्पूरी ठाकुर की सरकार में उन्हें बिजली मंत्री का पद मिला. 1994 से 1995 तक विधान परिषद में कार्यकारी सभापति रहे. 1995 से 1996 तक राज्य सरकार में आपदा, बिजली और पुनर्वास विभाग के मंत्री रहे. 1996 में वैशाली से लोकसभा चुनाव जीते और 1998 तक राज्य मंत्री के पद पर रहे. 1998 में दोबारा और 1999 में तीसरी बार सांसद चुने गए. 2004 में चौथी बार रघुवंश प्रसाद लोकसभा पहुंचे और 5 साल ग्रामीण विकास मंत्री रहे. 2009 में 15वीं लोकसभा के लिए वैशाली से पांचवी बार सांसद चुने गए.

ये भी पढ़ें: फिलहाल पटना नहीं आ पाएंगे लालू, RJD कार्यकर्ताओं को करना होगा और इंतजार

पटना: पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत रघुवंश प्रसाद सिंह (Raghuvansh Prasad Singh) की आज पहली पुण्यतिथि (First Death Anniversary) है. इस मौके पर राजद की ओर से श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जायेगा. राजद के प्रदेश मुख्यालय में भी उन्हें श्रद्धांजलि दी जायेगी. मुजफ्फरपुर में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) शामिल होंगे. बता दें कि पिछले साल 13 सितंबर को दिल्ली एम्स (AIIMS Delhi) में रघुवंश प्रसाद सिंह का निधन हुआ था. वे कोरोना संक्रमित (Corona Infected) हो गये थे.

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इससे वह पूरी तरह उबर नहीं पाए और आखिरकार फेफड़ों में संक्रमण की वजह से 13 सितंबर 2020 को उनका निधन हो गया था. निधन से पहले उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) से इस्तीफा दे दिया था. बताया जाता है कि राजद के क्रियाकलापों से नाखुश होकर रघुवंश प्रसाद सिंह ने पत्र लिखकर पार्टी प्रमुख लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) को अपना इस्तीफा दिया था. लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव समेत तमाम नेताओं ने उन्हें मनाने की कोशिश की थी, लेकिन वे नहीं माने.

आज उनकी पहली पुण्यतिथि के मौके पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया है. रघुवंश सिंह के बेटे सत्यप्रकाश सिंह ने श्रद्धांजलि सभा में शामिल होने के लिए लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव को आमंत्रित किया है. बता दें कि रघुवंश प्रसाद सिंह के पुत्र सत्यप्रकाश सिंह पिछले साल अक्टूबर में जेडीयू में शामिल हुए थे.

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गौरतलब है कि जब रघुवंश प्रसाद सिंह ने इस्तीफा दिया था, उस समय भी लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने एक बयान दिया था. उन्होंने रघुवंश प्रसाद सिंह के इस्तीफे पर कहा था कि समंदर में से अगर एक लोटा जल निकल जाए तो इससे समंदर पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला. रघुवंश सिंह इस बयान से इतने आहत हुए थे कि उन्होंने लालू यादव को सीधे अपना इस्तीफा भेज दिया था. उन्हें मनाने की तमाम कोशिशें बेकार साबित हुई थीं.

बता दें कि रघुवंश बाबू 5 बार वैशाली से सांसद रह चुके थे. मंत्री रहते हुए वे वैशाली के विकास के लिए हमेशा आवाज उठाते रहे. उन्होंने अपने अंतिम समय में भी बिहार सरकार पत्र लिखकर वैशाली में 15 अगस्त और 26 जनवरी को सीएम के द्वारा झंडोत्तोलन की इच्छा जाहिर की थी. वहीं लॉकडाउन के दौरान उन्होंने खेती किसानी को मनरेगा के दायरे में लाने की मांग की थी.

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डॉक्टर रघुवंश प्रसाद का जन्म 6 जून 1946 को वैशाली जिले के शाहपुर गांव में हुआ था. उन्होंने एलएस कॉलेज और राजेंद्र कॉलेज से उच्च शिक्षा ग्रहण करने के बाद गणित विषय से पीएचडी की डिग्री ली. उसके बाद उन्होंने 1969 से 1974 तक सीतामढ़ी के गोयनका कॉलेज में प्रोफेसर के पद पर रहते हुए गणित पढ़ाया. पहली बार शिक्षक आंदोलन के दौरान 1970 में जेल गए और पहली बार 1977 में सीतामढ़ी के बेलसंड विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने.

वे बेलसंड विधानसभा क्षेत्र से तीन बार विधायक चुने गए. कर्पूरी ठाकुर की सरकार में उन्हें बिजली मंत्री का पद मिला. 1994 से 1995 तक विधान परिषद में कार्यकारी सभापति रहे. 1995 से 1996 तक राज्य सरकार में आपदा, बिजली और पुनर्वास विभाग के मंत्री रहे. 1996 में वैशाली से लोकसभा चुनाव जीते और 1998 तक राज्य मंत्री के पद पर रहे. 1998 में दोबारा और 1999 में तीसरी बार सांसद चुने गए. 2004 में चौथी बार रघुवंश प्रसाद लोकसभा पहुंचे और 5 साल ग्रामीण विकास मंत्री रहे. 2009 में 15वीं लोकसभा के लिए वैशाली से पांचवी बार सांसद चुने गए.

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