पटना: नगर निगम के 45 सौ दैनिक सफाई कर्मी आज से अपनी 21 सूत्री मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. नगर विकास विभाग आउटसोर्सिंग एजेंसी के माध्यम से शहर की सफाई व्यवस्था करवाने की बात को लेकर कर्मियों ने हड़ताल किया है.
अंचल कार्यालय के पास आगजनी
सफाई कर्मियों का कहना है कि वे पटना नगर निगम में लगभग 10-15 सालों से काम करते आ रहे हैं. अब सरकार उन्हें हटा रही है. उनका सवाल है कि ऐसे में वे लोग कहां जाएंगे. इसी को लेकर उन्होंने सरकार के नगर विकास विभाग और निगम प्रशासन के खिलाफ कंकड़बाग अंचल कार्यालय में जमकर हंगामा किया. साथ ही, आगजनी कर सरकार के नियमों का विरोध भी किया और अंचल कार्यालय में ताला जड़ दिया.
नहीं होगी 75 वार्डों की सफाई
सफाई दैनिक मजदूरों का कहना है कि यदि सरकार ने उनकी बात नहीं मानी, तो वे जेल भी जाने को तैयार हैं. लेकिन, अब वे शहर की सफाई नहीं करेंगे. दैनिक मजदूर संघ के महासचिव नंद किशोर दास ने बताया कि इन मजदूरों की मांग पूरी नहीं होने तक पटना शहर के सभी 75 वार्डों की सफाई बंद रहेगी.
'मंत्री जी की कुर्सी हो आउटसोर्सिंग'
नंद किशोर दास ने कहना है कि जब पटना नगर निगम के दैनिक मजदूर आउटसोर्सिंग के माध्यम से रखे जाएंगे, तो मंत्री जी की कुर्सी भी आउटसोर्सिंग हो जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि नगर विकास विभाग के माध्यम से मंत्री मजदूरों के पेट पर लात मारने का काम कर रहे हैं. मंत्री का आदेश जन विरोधी और मजदूर विरोधी है.
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आउटसोर्सिंग के माध्यम से सफाई का आदेश
बता दें कि पटना नगर निगम में लगभग 9 हजार से अधिक सफाई कर्मी हैं. उनमें 45 सौ दैनिक सफाई कर्मी हैं. इन सभी दैनिक मजदूरों को हटाकर नगर विकास विभाग ने अब आउटसोर्सिंग के माध्यम से शहर की सफाई व्यवस्था कराने का निर्णय लिया है. सरकार के इस फैसले के खिलाफ आज से सभी सफाई कर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं.