पटनाः IRCTC घोटाला मामले में तेजस्वी यादव की जमानत (Tejashwi Yadav Bail) रद्द कराने के लिए CBI ने 17 सितंबर शनिवार काे राउज एवेन्यू कोर्ट में आवेदन दिया है. इसके बाद मामला तूल पकड़ने लगा. राजद नेताओं ने सीबीआई और केंद्र सरकार पर कई गंभीर आराेप आराेप लगाये. इन बयानों पर पलटवार करते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री व राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव केंद्रीय जांच एजेंसी के अधिकारियों को खुली धमकी देकर भ्रष्टचार के मामले की जांच को गलत तरीके से प्रभावित करने पर तूले हैं.
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धमकी देना न्याय प्रक्रिया के लिए गंभीर चुनौतीः सुशील मोदी ने कहा कि तेजस्वी ने सीबीआई अधिकारियों के माता-पिता और बच्चों तक से बदला लेने की बात कही थी. यह भी कहा था कि जो अफसर उनके विरुद्ध आईआरसीटीसी घोटाले की जांच में लगे हैं, उन्हें सरकार बदलने या रिटायर होने पर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि एक अभियुक्त का इस तरह से धमकी देना न्याय प्रक्रिया के लिए गंभीर चुनौती है.
लालू परिवार का भरोसा जीतने के लिए पलटी मार रहेः मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद चारा घोटाला में दोषी पाए गए, लेकिन उन्होंने कभी जांच एजेंसी को धमकी नहीं दी. उन्होंने कहा कि नौ अगस्त को बिहार में सरकार बदलने से पहले तक जदयू के जो लोग सीबीआई को तेजस्वी यादव के विरुद्ध दस्तावेज उपलब्ध करा रहे थे, वही अब जांच एजेंसी पर सवाल उठा रहे हैं. मोदी ने कहा कि शिवानंद तिवारी चारा घोटाला की जांच सीबीआई से कराने की मांग लेकर हाईकोर्ट गए थे, लेकिन अब लालू परिवार का भरोसा जीतने के लिए पलटी मार रहे हैं.
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राजद-जदयू की नींद खराब होने वाली हैः सुशील माेदी ने कहा कि आइआरसीटीसी घोटाले में सीबीआई इसी 28 सितम्बर को आरोप तय करने वाली है, इसलिए बेचैनी है. तेजस्वी यादव को 2018 में जमानत मिलने के बाद दो साल तक न्याय प्रक्रिया कोविड के कारण ठप रही. उनके वकील ने 11 बार ट्रायल कोर्ट से समय मांग कर मामले को लटकाने की कोशिश की. सीबीआई सोयी नहीं थी, लेकिन अब राजद-जदयू की नींद खराब होने वाली है.
CBI काे धमकी देने का आराेपः तेजस्वी यादव ने 25 अगस्त को एक प्रेस कॉफ्रेंस में कहा था, ''क्या सीबीआई अधिकारियों की मां और बच्चे नहीं होते, क्या उनका परिवार नहीं है, क्या वे हमेशा सीबीआई अधिकारी रहेंगे, क्या वे रिटायर नहीं होंगे, सिर्फ यही पार्टी सत्ता में बनी रहेगी, आपको संवैधानिक संगठन के कर्तव्य का ईमानदारी से निर्वहन करना चाहिए." तेजस्वी यादव ने RJD के कई नेताओं के घरों पर सीबीआई द्वारा छापेमारी के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया था.
क्या है आईआरसीटीसी घोटालाः यूपीए 1 की सरकार में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे. उनके कार्यकाल में इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (IRCTC) रांची और पुरी के दो होटल की देखरेख का जिम्मा सुजाता होटल्स नाम की कंपनी को दिया गया था. आरोप है कि सुजाता होटल के बदले लालू परिवार की लारा कंपनी को पटना में तीन एकड़ जमीन दी गई थी. इससे संबंधित सीबीआई और ईडी ने मुकदमा दर्ज कर लालू परिवार से पूछताछ भी कर चुकी है.