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आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को ITI में मिलेगा प्रशिक्षण, ट्रेनिंग में मिलेंगे 6 हजार रुपये

राज्य सरकार ने हिंसा का रास्ता छोड़कर सामान्य जीवन अपनाने वाले नक्सलियों के पुनर्वास के लिए आर्थिक मदद के साथ ही उन्हें रोजगार परक ट्रेनिंग देने का निर्णय लिया है. 9 नक्सलियों को ट्रेनिंग के दौरान 6000 रुपये मासिक दिये जायेंगे.

नक्सलियों को IIT में पढ़ने का मिलेगा मौका
नक्सलियों को IIT में पढ़ने का मिलेगा मौका
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Published : Sep 28, 2021, 2:03 PM IST

पटना: बिहार पुलिस (Bihar Police) के समक्ष सरेंडर करने वाले 9 नक्सलियों (Surrendered Naxalites) को राज्य सरकार (Bihar Government) पुनर्वास के लिए आर्थिक सहायता (Financial Assistance for Rehabilitation) के साथ-साथ उन्हें रोजगार परक ट्रेनिंग देगी. 9 नक्सलियों को आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास योजना के तहत ढाई लाख रुपए की आर्थिक सहायता के अलावा रोजागार के उपयुक्त बनाने की लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था की जायेगी.

ये भी पढ़ें- दिल्ली दौरे पर CM नीतीश, नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों साथ केंद्र की बैठक

आपको बता दें कि पिछले 1 से डेढ़ साल के दौरान आत्मसमर्पण करने वाले नौ नक्सलियों को ढाई-ढाई लाख रुपए की आर्थिक सहायता के अलावा रोजगारपरक प्रशिक्षण दिया जायेगा. यह प्रशिक्षण 3 साल का होगा. सरेंडर करने वाले नक्सलियों में सब जोनल कमांडर मंजीत यादव, सूबेदार यादव नवल भुइया उर्फ अमरेश भुइया समीर और शशि रंजन और हार्डकोर महिला उग्रवादी रीता बैगा शामिल हैं.

ये भी पढ़ें- पत्नी को मुखिया बनाने के लिए प्रचार कर रहा था हार्डकोर नक्सली प्रमोद राय, STF ने दबोचा

इन उग्रवादियों ने साल 2019 में गया एवं कैमूर में आत्मसमर्पण किया था. वर्तमान में आत्मसमर्पण योजना के तहत उच्चस्तरीय नक्सलियों को 50 हजार जबकि मध्यम एवं निम्न स्तरीय नक्सलियों को ढाई लाख रुपए दिए जाते हैं. इसके अलावा 36 माह तक प्रशिक्षण भत्ता के रूप में 6000 रुपये देने का प्रावधान है.

दरअसल, बिहार सरकार आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के लिए विशेष स्कीम लेकर आई है. आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को सरकार अब औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र यानी कि आईटीआई में पढ़ने का मौका देगी. इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट में उनकी रूचि के अनुसार उन्हें प्रशिक्षण मिलेगा.

ये भी पढ़ें- मुंगेर के धरहरा में STF और नक्सलियों के बीच कई राउंड हुई फायरिंग, घने जंगल में भागने में सफल रहे नक्सली

इसके अलावा उन्हें 3 साल तक 6000 रुपये का मासिक भत्ता भी दिया जाएगा. पुलिस मुख्यालय द्वारा मिल रही जानकारी के अनुसार इसके लिए 38.72 लाख रुपए की सहायता राशि की स्वीकृति दी गई है. सरकार की योजना है कि नक्सलियों, वामपंथी उग्रवादियों को मुख्यधारा से जोड़कर सामान्य जीवन में लौटाया जाए.

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आपको बता दें कि पिछले 1 से डेढ़ साल के दौरान आत्मसमर्पण करने वाले नौ नक्सलियों को ढाई-ढाई लाख रुपए की आर्थिक सहायता के अलावा रोजगारपरक प्रशिक्षण दिया जायेगा. यह प्रशिक्षण 3 साल का होगा. सरेंडर करने वाले नक्सलियों में सब जोनल कमांडर मंजीत यादव, सूबेदार यादव नवल भुइया उर्फ अमरेश भुइया समीर और शशि रंजन और हार्डकोर महिला उग्रवादी रीता बैगा शामिल हैं.

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दरअसल, बिहार सरकार आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के लिए विशेष स्कीम लेकर आई है. आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को सरकार अब औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र यानी कि आईटीआई में पढ़ने का मौका देगी. इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट में उनकी रूचि के अनुसार उन्हें प्रशिक्षण मिलेगा.

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इसके अलावा उन्हें 3 साल तक 6000 रुपये का मासिक भत्ता भी दिया जाएगा. पुलिस मुख्यालय द्वारा मिल रही जानकारी के अनुसार इसके लिए 38.72 लाख रुपए की सहायता राशि की स्वीकृति दी गई है. सरकार की योजना है कि नक्सलियों, वामपंथी उग्रवादियों को मुख्यधारा से जोड़कर सामान्य जीवन में लौटाया जाए.

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