पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार (Nitish Kumar Janta Darbar) में पहुंचे एक छात्र ने अपनी बात रखकर सीएम नीतीश को टेंशन में डाल दिया. छात्र का साफ-साफ कहना था कि जिस प्रकार से विश्वविद्यालयों में सेशन लेट (Session Late In Bihar University) हो रहा है. ऐसे में छात्र बीच में ही अपनी पढ़ाई छोड़ देते हैं. नीतीश कुमार ने छात्र की बात सुनकर शिक्षा विभाग के पास भेज दिया.
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''सर मेरा नाम अखिलेश कुमार है. मैं कैमूर का रहने वाला हूं. वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय आरा का छात्र हूं. मैं बीए पार्ट वन का छात्र हूं. 2020 में मैंने एडमिशन लिया था. लेकिन अभी तक पार्ट वन का रिजल्ट नहीं आया है. सर, जब एक सेशन को पूरा करने में 2 साल का समय लगेगा, तो 3 साल का बीए 6 साल में कंप्लीट होगा. इससे हम बच्चों का टाइम बर्बाद होता है. कमजोर बच्चे पढ़ाई छोड़ देते हैं.''- फरियादी छात्र
संजय जायसवाल ने उठाया था मुद्दा : अगर गौर से देखें तो इस मुद्दे पर राजनीति भी हो चुकी है. बिहार बीजेपी अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा था कि हमको तो जनता दल यूनाइटेड पर हंसी आती है. 2019 का लड़का अभी पार्ट टू का एग्जमा दे रहा है. जहां लड़का 22 साल में ग्रैजुएशन नहीं कर पा रहा है, जबकि शिक्षा विभाग आज भी जेडीयू के पास है. दरअसल यह मुद्दा अग्निपथ योजना पर जेडीयू के बयान पर उठा था.
उपेंद्र कुशवाहा ने किया था पलटवार : संजय जायसवाल को जेडीयू की तरफ से करारा जवाब भी मिला था. जेडीयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा था कि जवाबदेही किसकी है और किससे जवाब मांगा जा रहा है. यूनिवर्सिटी में वाइस चांसलर की नियुक्ति का मामला सभी जानते हैं इसलिए कुछ भी सोच समझकर बोलना चाहिए. सबको पता है यूनिवर्सिटी में वाइस चांसलर के पास ही सारा पावर होता है. इस मामले में जवाबदेही यूनिवर्सिटी की खुद की है. उसमें बहुत कुछ बिहार सरकार का रोल होता ही नहीं है.