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आरक्षण मामले में बयानबाजी तेज, कांग्रेस ने किया केंद्र का विरोध, जदयू भी साथ नहीं

केंद्र सरकार के आरक्षण मामले में सहयोगी दल जदयू ने भी सरकार का साथ नहीं दिया है. एक तरफ जहां केंद्र सरकार एससी-एसटी क्रिमी लेयर को आरक्षण नहीं देने की मांग कर रही है, वहीं दूसरी ओर जदयू का कहना है कि पंचायत में आरक्षण ने देश में एकता की मिसाल कायम की है.

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बयानबाजी
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Published : Dec 3, 2019, 5:03 PM IST

पटना: केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एससी-एसटी क्रीमी लेयर को आरक्षण नहीं देने की अपील की है. यह मामला कई सालों से लंबित चल रहा है. मोदी सरकार एक बार फिर इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है. इसको लेकर प्रदेश में बयानबाजी शुरू हो गई है.

आरक्षण मामले में बयानबाजी
इस मुद्दे का एक तरफ जहां विपक्षी दल विरोध कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर भाजपा की सहयोगी दल जदयू का भी केंद्र को साथ नहीं मिल रहा है. कांग्रेस का कहना है कि यह एक बड़ा मुद्दा है, इसपर सदन में बहस होने के बाद ही निर्णय लेना चाहिए. वहीं, जदयू का कहना है कि पंचायत में आरक्षण ने देश में एकता की मिसाल कायम की है.

आरक्षण मामले में बयानबाजी शुरू

'आरक्षण के मामले पर व्यापक बहस की जरुरत'
कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी ने कहा कि जिस तरह से गरीब सवर्णों को 10% आरक्षण दिया गया है, उसी तरह एससी एसटी क्रीमी लेयर आरक्षण के मसले पर भी संसद में व्यापक बहस होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि बिहार में समाज के निचले तबके के लोगों को आगे लाने के लिए आरक्षण लागू किया गया है. इसमें बदलाव करने से पहले सरकार को व्यापक बहस कर निर्णय लेना ही सभी के हित में सही होगा.

जदयू ने किया आरक्षण का समर्थन
वहीं, इस मसले पर भाजपा की सहयोगी जदयू भी आरक्षण के पक्ष में बयान दे रही है. बिहार सरकार के सूचना और जनसंपर्क मंत्री और जदयू नेता नीरज कुमार ने कहा कि समाज के अंतिम पायदान पर खड़े लोगों को आगे लाने के लिए आरक्षण लागू किया गया था. नीतीश सरकार में दलित, महादलित और अति पिछड़ा वर्ग के लोगों में आरक्षण को बेहतर ढंग से लागू कर देश में एकता की मिसाल कायम की गई है.

यह भी देखें- कौकब कादरी ने दी लालू को बधाई, कहा- उनके नेतृत्व में राजद होगा मजबूत

पटना: केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एससी-एसटी क्रीमी लेयर को आरक्षण नहीं देने की अपील की है. यह मामला कई सालों से लंबित चल रहा है. मोदी सरकार एक बार फिर इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है. इसको लेकर प्रदेश में बयानबाजी शुरू हो गई है.

आरक्षण मामले में बयानबाजी
इस मुद्दे का एक तरफ जहां विपक्षी दल विरोध कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर भाजपा की सहयोगी दल जदयू का भी केंद्र को साथ नहीं मिल रहा है. कांग्रेस का कहना है कि यह एक बड़ा मुद्दा है, इसपर सदन में बहस होने के बाद ही निर्णय लेना चाहिए. वहीं, जदयू का कहना है कि पंचायत में आरक्षण ने देश में एकता की मिसाल कायम की है.

आरक्षण मामले में बयानबाजी शुरू

'आरक्षण के मामले पर व्यापक बहस की जरुरत'
कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी ने कहा कि जिस तरह से गरीब सवर्णों को 10% आरक्षण दिया गया है, उसी तरह एससी एसटी क्रीमी लेयर आरक्षण के मसले पर भी संसद में व्यापक बहस होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि बिहार में समाज के निचले तबके के लोगों को आगे लाने के लिए आरक्षण लागू किया गया है. इसमें बदलाव करने से पहले सरकार को व्यापक बहस कर निर्णय लेना ही सभी के हित में सही होगा.

जदयू ने किया आरक्षण का समर्थन
वहीं, इस मसले पर भाजपा की सहयोगी जदयू भी आरक्षण के पक्ष में बयान दे रही है. बिहार सरकार के सूचना और जनसंपर्क मंत्री और जदयू नेता नीरज कुमार ने कहा कि समाज के अंतिम पायदान पर खड़े लोगों को आगे लाने के लिए आरक्षण लागू किया गया था. नीतीश सरकार में दलित, महादलित और अति पिछड़ा वर्ग के लोगों में आरक्षण को बेहतर ढंग से लागू कर देश में एकता की मिसाल कायम की गई है.

यह भी देखें- कौकब कादरी ने दी लालू को बधाई, कहा- उनके नेतृत्व में राजद होगा मजबूत

Intro:केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एससी एसटी क्रीमी लेयर को आरक्षण नहीं देने के लिए अपील की है। यह मामला कई वर्षों से लंबित चल रहा है। एक बार फिर केंद्र की मोदी सरकार इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है।
लेकिन इस मुद्दे पर विपक्षी दल ही नहीं बल्कि भाजपा की सहयोगी जदयू भी इत्तेफाक नहीं रखती।
कांग्रेस नेता को कब कादरी कहते हैं कि यह एक बड़ा मुद्दा है और इसपर सदन में बहस कर ही निर्णय लेना चाहिए।


Body:कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष को कब कादरी कहते हैं कि जिस तरह से गरीब सवर्णों को 10% आरक्षण दिया गया है। इसी तरह से एससी एसटी क्रीमी लेयर आरक्षण के मसले पर संसद में व्यापक बहस होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बिहार समाज के निचले तबके के लोगों को आगे लाने के लिए आरक्षण लागू किया गया है। इसमें बदलाव करने से पहले सरकार को व्यापक बहस कर ही निर्णय करना सबके हित में होगा।
लेकिन कांग्रेस नेता या भी कहते हैं कि आज ही दूसरे तबके के समाज को आगे बढ़ाने के लिए आरक्षण बहुत ही जरूरी है।


Conclusion:वही इस मसले पर भाजपा की सहयोगी जदयू भी आरक्षण का पक्षधर वाला बयान दे रही है। बिहार सरकार के मंत्री नीरज कुमार कहते हैं कि समाज के अंतिम पायदान पर खड़े लोगों को आगे लाने के लिए आरक्षण लागू किया गया था।
नीतीश सरकार में दलित महादलित और अति पिछड़ा वर्ग के लोगों में आरक्षण को बेहतर ढंग से लागू किया गया है। पंचायत में भी आरक्षण लागू कर देश में मिसाल कायम की गई है।
हालांकि वे कहते हैं कि केंद्र में जदयू की सरकार नहीं है। उनके बयान से साफ है कि एससी एसटी क्रीमी लेयर को आरक्षण से बाहर करने वाले मसले पर जदयू सरकार के साथ खड़ी नहीं है।
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