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बिहार STF की विशेष इंटेलिजेंस इकाई रोकेगी नक्सल वारदात और संगठित अपराध: एडीजी

बिहार पुलिस ने नक्सलियों और संगठित आपराधिक गिरोहों की नकेल कसने के लिए बड़ा कदम उठाया है. इसके लिए बिहार एसटीएफ में विशेष इंटेलिजेंस विशेष इकाई का गठन (Special Intelligence Unit formed in Bihar STF) किया गया है. इस सेल का काम गोपनीय तरीके से खुफिया सूचना जुटाना और अपराधियों की पहचान करना है. इस सूचना के आधार पर कार्रवाई होगी. पढ़ें पूरी खबर.

Bihar STF
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Published : Apr 9, 2022, 1:34 PM IST

पटना: बिहार में वामपंथी उग्रवादियों और नक्सली गतिविधियों (Naxalite Activities in Bihar) के अलावा संगठित अपराध की रोकथाम में एसटीएस अहम भूमिका निभाती है. खुफिया सूचनाओं को इकट्ठा करने हेतु बिहार एसटीएफ में पहली बार विशेष इंटेलिजेंस विशेष इकाई का गठन किया गया है. यह सेल बहुत ही गोपनीय तरीके से खुफिया विभाग की तरह काम करेगा. इस स्पेशल इंटेलिजेंस ब्रांच का काम खुफिया सूचनाओं को प्रभावी तरीके से इकट्ठा कर नक्सलियों व अपराधियों की पहचान करना है. इससे एसटीएफ को अपराधियों के बारे में सूचना मिलेगी और उन पर कार्रवाई की जायेगी.

ये भी पढ़ें: सिवान में फिर सताने लगा है गैंगवार का डर! पुलिस मुख्यालय अलर्ट.. कहीं वापस ना आ जाए पुराना दौर

इस योजना को जमीन पर उतारने की तैयारी चल रही है. इस टीम को कई तरह के आधुनिक उपकरणों से लैस किया जायेगा. दरअसल, बिहार के गया, लखीसराय, जमुई और नवादा में आंशिक तौर पर नक्सली गतिविधियां देखने को मिलती हैं. इसके अलावा रोहतास, औरंगाबाद, बेतिया और बांका में भी आंशिक रूप से नक्सली गतिविधियां देखी गयी हैं. झारखंड के सटे जिलों में नक्सली एक्टिविटी (Naxalite activity in Jharkhand adjoining districts) है. वहां से इनके संपूर्ण सफाये के लिए खुफिया सूचना बेहद महत्वपूर्ण हैं.

पुलिस मुख्यालय द्वारा मिल रही जानकारी के अनुसार फिलहाल इसका नेतृत्व एसटीएफ के एसपी करेंगे. ये एडीजी ऑपरेशन को सीधे रिपोर्ट करेंगे. इस इकाई द्वारा सभी खुफिया सूचनाओं को साझा किया जाएगा. फिलहाल स्पेशल इंटेलिजेंस ब्रांच में सभी रैंक के पुलिसकर्मियों को मिलाकर कुल संख्या करीब 100 है. यही नहीं, इसके लिए सभी कर्मियों का चयन एसटीएफ से ही आंतरिक रूप से किया जाएगा. जब यह पूरी तरह से काम करने लगेगा तो इसकी क्षमता बढ़ाई जाएगी. इसे मौजूदा वक्त में एसटीएफ भवन से ही ऑपरेट किया जाएगा. बाद में इसका अपना भवन भी बनेगा. जिस तरह से केंद्र की सुरक्षा एजेंसी आईबी, स्टेट पुलिस की स्पेशल ब्रांच है, ठीक उसी प्रकार बिहार पुलिस की एसटीएफ के लिए यह स्पेशल इंटेलिजेंस ब्रांच काम करेगा.

ये भी पढ़ें: बिहार में नक्सलियों का आतंकियों से गठजोड़, एनआईए एक्शन में

इस स्पेशल इंटेलिजेंस ब्रांच को नक्सलियों और अपराधियों की सूचना एकत्र करने के लिए उत्तम कोटि और क्षमता वाले ड्रोन दिये जाएंगे. इसके अलावा जीपीएस उपकरण सर्वर, मोबाइल एवं लोकेशन ट्रैकिंग सॉफ्टवेयर एवं इसे चलाने वाले उपकरण समेत अन्य सभी तरह के सुविधाएं इस ब्रांच को मुहैया करायी जाएंगी. पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार की मानें तो स्पेशल इंटेलिजेंस ब्रांच का गठन पूरा हो गया है. इनके द्वारा जल्द ही खुफिया सूचनाएं प्रभावी तरीके से एकत्र करने एक काम किया जाएगा.

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पटना: बिहार में वामपंथी उग्रवादियों और नक्सली गतिविधियों (Naxalite Activities in Bihar) के अलावा संगठित अपराध की रोकथाम में एसटीएस अहम भूमिका निभाती है. खुफिया सूचनाओं को इकट्ठा करने हेतु बिहार एसटीएफ में पहली बार विशेष इंटेलिजेंस विशेष इकाई का गठन किया गया है. यह सेल बहुत ही गोपनीय तरीके से खुफिया विभाग की तरह काम करेगा. इस स्पेशल इंटेलिजेंस ब्रांच का काम खुफिया सूचनाओं को प्रभावी तरीके से इकट्ठा कर नक्सलियों व अपराधियों की पहचान करना है. इससे एसटीएफ को अपराधियों के बारे में सूचना मिलेगी और उन पर कार्रवाई की जायेगी.

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इस योजना को जमीन पर उतारने की तैयारी चल रही है. इस टीम को कई तरह के आधुनिक उपकरणों से लैस किया जायेगा. दरअसल, बिहार के गया, लखीसराय, जमुई और नवादा में आंशिक तौर पर नक्सली गतिविधियां देखने को मिलती हैं. इसके अलावा रोहतास, औरंगाबाद, बेतिया और बांका में भी आंशिक रूप से नक्सली गतिविधियां देखी गयी हैं. झारखंड के सटे जिलों में नक्सली एक्टिविटी (Naxalite activity in Jharkhand adjoining districts) है. वहां से इनके संपूर्ण सफाये के लिए खुफिया सूचना बेहद महत्वपूर्ण हैं.

पुलिस मुख्यालय द्वारा मिल रही जानकारी के अनुसार फिलहाल इसका नेतृत्व एसटीएफ के एसपी करेंगे. ये एडीजी ऑपरेशन को सीधे रिपोर्ट करेंगे. इस इकाई द्वारा सभी खुफिया सूचनाओं को साझा किया जाएगा. फिलहाल स्पेशल इंटेलिजेंस ब्रांच में सभी रैंक के पुलिसकर्मियों को मिलाकर कुल संख्या करीब 100 है. यही नहीं, इसके लिए सभी कर्मियों का चयन एसटीएफ से ही आंतरिक रूप से किया जाएगा. जब यह पूरी तरह से काम करने लगेगा तो इसकी क्षमता बढ़ाई जाएगी. इसे मौजूदा वक्त में एसटीएफ भवन से ही ऑपरेट किया जाएगा. बाद में इसका अपना भवन भी बनेगा. जिस तरह से केंद्र की सुरक्षा एजेंसी आईबी, स्टेट पुलिस की स्पेशल ब्रांच है, ठीक उसी प्रकार बिहार पुलिस की एसटीएफ के लिए यह स्पेशल इंटेलिजेंस ब्रांच काम करेगा.

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इस स्पेशल इंटेलिजेंस ब्रांच को नक्सलियों और अपराधियों की सूचना एकत्र करने के लिए उत्तम कोटि और क्षमता वाले ड्रोन दिये जाएंगे. इसके अलावा जीपीएस उपकरण सर्वर, मोबाइल एवं लोकेशन ट्रैकिंग सॉफ्टवेयर एवं इसे चलाने वाले उपकरण समेत अन्य सभी तरह के सुविधाएं इस ब्रांच को मुहैया करायी जाएंगी. पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार की मानें तो स्पेशल इंटेलिजेंस ब्रांच का गठन पूरा हो गया है. इनके द्वारा जल्द ही खुफिया सूचनाएं प्रभावी तरीके से एकत्र करने एक काम किया जाएगा.

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