पटना: बिहार में अनलॉक-5 (Unlock-5) के तहत सभी स्कूलों में 50 प्रतिशत क्षमता के साथ 9वीं क्लास और 10वीं की कक्षाएं खुल गईं हैं. ऐसे में लंबे समय बाद स्कूल पहुंचने पर छात्र-छात्राओं के चेहरे पर इसकी खुशी साफ नजर आई. हालांकि, छात्राओं के मन में कोरोना का भय भी साफ तौर पर दिखाई दिया.
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प्रदेश के स्कूलों में 9वीं और 10वीं की कक्षाएं खुल गई हैं और नए सत्र (New Session) में विद्यार्थियों के लिए स्कूल का पहला दिन रहा. बता दें कि कोरोना के कारण 5 अप्रैल से ही सभी स्कूल बंद हो गए थे. करीब 130 दिन बाद स्कूल खुले हैं और नए शैक्षणिक सत्र में 9वीं और 10वीं की कक्षाओं का पहला दिन रहा. हालांकि, इससे पहले स्कूल के तरफ से ऑनलाइन माध्यम से बच्चों की पढ़ाई कराई जा रही थी. ऐसे में पहले दिन स्कूलों में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति काफी कम देखने को मिली.
पटना के वीरचंद पटेल पथ स्थित मिलर हाई स्कूल की बात करें तो स्कूल में 10वीं कक्षा के 60 छात्रों के तीन सेक्शन हैं, जबकि 9वीं कक्षा में 50 छात्रों के तीन सेक्शन है. ऐसे में 50% उपस्थिति के तहत पहले दिन 165 छात्रों की उपस्थिति होनी चाहिए थी. लेकिन, पहले दिन 9वीं और 10वीं के 44 छात्र स्कूल पहुंचे. हालांकि, जितने भी छात्र स्कूल में पहुंचे उनके चेहरे पर पढ़ाई को लेकर काफी उत्साह नजर आया.
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नीलम स्कूल के 9वीं कक्षा के छात्र हैप्पी कुमार ने बताया कि वह काफी लंबे समय बाद विद्यालय आकर बहुत खुश हैं. वहीें, विशाल कुमार ने बताया कि नए शैक्षणिक सत्र में पहला दिन है और विद्यालय खुलने का उन्हें काफी लंबे समय से इंतजार था, क्योंकि घर पर वह सही से नहीं पढ़ पा रहे थे. स्कूल आने के बाद उन्हें अच्छा लग रहा है.
9वीं कक्षा के ही छात्र प्रेम प्रकाश ने बताया कि घर पर ऑनलाइन पढ़ाई में काफी दिक्कतें आती थी. अक्सर घर पर मोबाइल नहीं रहता था और कभी मोबाइल रहे भी तो नेटवर्क की समस्या परेशान करती थी. उन्होंने कहा कि पहले जब स्कूल चलते थे, तो इस बात का वह इंतजार करते थे कि कब स्कूल बंद होगा, लेकिन इतने लंबे समय तक अभी स्कूल बंद रहा है कि वो अब ये कामना कर रहे हैं कि कभी स्कूल बंद ही ना हो.
''नए सत्र का पहला दिन है, ऐसे में छात्रों का इंट्रोडक्शन क्लास चला है. शनिवार का दिन है इसलिए छात्रों की उपस्थिति कम रही है, उम्मीद है कि आने वाले दिनों में छात्रों की उपस्थिति बढ़ेगी. विद्यालय में जितने भी छात्र हैं, सभी के चेहरे पर काफी उत्साह नजर आ रहा है और सभी अच्छे तरीके से पढ़ाई करने को लेकर काफी उत्सुक हैं, जो कि एक शिक्षक के लिए काफी सुखद एहसास है.''- डॉ.आलोक प्रकाश, शिक्षक, मिलर हाई स्कूल
''पहले दिन 9वीं और 10वीं के लगभग 40 से 45 की संख्या में छात्रों की उपस्थिति रही है. उम्मीद है यह उपस्थिति आने वाले दिनों में और बढ़ेगी. छात्र जब स्कूल पहुंचे तो सरकार के तरफ से कोरोना को लेकर जो भी गाइडलाइन पालन करने का निर्देश है, सभी को पालन किया गया है. सैनिटाइजेशन की पर्याप्त व्यवस्था है और पहले से भी विद्यालय में 12वीं और 11वीं की कक्षाएं चल रही हैं. नियमित अंतराल पर कक्षाओं का अभी कंप्लीट सैनिटाइजेशन होते रहता है.''- डॉ.आजाद चंद्रशेखर प्रसाद, प्राचार्य, मिलर हाई स्कूल
पटना के बांकीपुर गर्ल्स हाई स्कूल की बात करें तो विद्यालय में 9वीं और 10वीं के 50-50 छात्राओं के 8-8 सेक्शन हैं, लेकिन पहले दिन लगभग 800 छात्राओं में 120 की संख्या में छात्राओं की उपस्थिति रही. 50% अटेंडेंस के तहत ये संख्या 400 होनी चाहिए, मगर स्कूल के पहला दिन होने और खासकर शनिवार की वजह से उपस्थिति कम रही. छात्राओं के चेहरे पर कोरोना का भय भी साफ तौर पर देखने को मिला.
विद्यालय की 10वीं कक्षा की छात्रा सोनम कुमारी ने बताया कि काफी दिनों बाद वो स्कूल आई हैं, इस बात की काफी खुशी है. लंबे समय बाद वह अपने दोस्तों से भी मिली हैं मगर कोरोना के कारण विद्यालय आने में उन्हें डर भी लग रहा है. उन लोगों के लिए भी अगर वैक्सीन आ जाता तो बेहतर रहता. अभी कोरोना को लेकर भयभीत हैं मगर वैक्सीन लग जाता तो वह निडर होकर स्कूल आती.
सोनम ने बताया कि स्कूल आने पर सभी कोरोना संबंधी गाइडलाइन का पालन किया गया. क्लास रूम में प्रवेश से पहले सैनिटाइजेशन हुआ. सोनम ने बताया कि पहले स्कूल की तरफ से ऑनलाइन क्लास हो रही थी, मगर ये ऑफलाइन से बेहतर नहीं है. स्कूल में क्लास रूम की पढ़ाई में उन्हें पढ़ाई ज्यादा बेहतर तरीके से समझ में आती है.
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छात्रा खुशी कुमारी ने बताया कि काफी दिनों बाद वो स्कूल आई हैं और दोस्तों से मिली हैं. इससे वो काफी खुश हैं, मगर कोरोना का डर है. बच्चों के लिए भी वैक्सीन नहीं आई है, लेकिन अगर आ जाती तो बेहतर रहता. स्कूल आना काफी अच्छा लग रहा है, लेकिन आने पर सिर्फ उन्हें कोरोना का ही डर लग रहा है.
''काफी दिनों बाद छात्राएं स्कूल आई हैं और इसको लेकर उनके चेहरे पर उत्साह है. मगर कोरोना का डर भी छात्राओं के मन में बना हुआ है. सभी बच्चियां कुछ नया सीखने को उत्सुक हैं और 10वीं कक्षा की छात्राओं की इस बार बोर्ड परीक्षा है, जो कि 6 माह बाद ही होने वाली हैं, ऐसे में जल्दी से पढ़ाई पूरी करने की इनमें ललक नजर आ रही है.''- मुरलीधर शुक्ला, शिक्षक, बांकीपुर गर्ल्स हाई स्कूल
बता दें कि अनलॉक-4 के तहत पहले से ही स्कूलों में 11वीं और 12वीं की कक्षाएं चल रही थी. अब बिहार सरकार ने अनलॉक-5 के तहत सभी सिनेमाघरों और शॉपिंग मॉल्स को भी खोलने की अनुमति दे दी है. फिलहाल, पहले दिन पटना के सिनेमाघर नहीं खुले हैं. सिनेमाघर संचालकों का कहना है कि हाल ही में ये आदेश आया है, मगर वह पूरी तैयारी के साथ अपने सुविधानुसार सिनेमाघर खोलेंगे. अनलॉक-5 में शॉपिंग मॉल्स भी खुल चुके हैं.