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लीबिया में फंसे पटना के डॉ. संजीव की गुहार- 'यहां हर पल मौत है, बचाइए.. हम वतन लौटना चाहते हैं'

लीबिया में बिखरे मौत के मंजर में फंसे पटना के डॉ. संजीव ने भारत सरकार से वतन वापसी की गुहार लगाई है. वहीं, इसके बाद जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने भी डॉ. संजीव की मदद की गुहार विदेश मंत्री से लगाई है. पढ़ें पूरी खबर

सांकेतिक तस्वीर
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Published : Aug 5, 2021, 2:26 PM IST

Updated : Aug 5, 2021, 5:01 PM IST

पटनाः लीबिया में फंसे पटना के राजेन्द्र नगर निवासी डॉ. संजीव धारी सिन्हा (Dr. Sanjeev Trapped In Libya) ने भारत सरकार से वतन वापसी की गुहार लगाई है. उन्होंने फेसबुक और मोबाइल कॉल के जरिए वहां के हालात को बताया है. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह (Lalan Singh) ने भी ट्वीट कर भारत सरकार से इस मामले में पहले करने की गुहार लगाई है.

इसे भी पढ़ें- ललन सिंह की अपील- युवाओं..आपने रूह कंपाने वाला जंगलराज कहां देखा? अपने बुजुर्गों से पूछिए

ललन सिंह ने अपने ट्वीट में विदेश मंत्री @DrSJaishankar को टैग किया है. उन्होंने ट्विट कर लिखा- 'माननीय मंत्री जी, कृपया लीबिया में फंसे हमारे भाई की मदद करने को लेकर अधिकारियों को निर्देश जारी करें.'

बता दें कि असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. संजीव लीबिया के त्रिपोली में फंसे हुए हैं. वे त्रिपोली के तिजारी बैंक के पास रहते हैं. उन्होंने भारत में अपनी बहन और अपने कुछ मित्रों को बताया है कि वहां हालात बहुत नाजुक हैं. त्रिपोली एयरपोर्ट को जला दिया गया है. मैसेज और कॉल के अंत में उन्होंने गुहार लगाई है 'सेव मी, आय एम इन डेंजर जोन."

आगे उन्होंने कहा है कि "मकान मालिक की कृपा पर जिंदा हूं. पिछले महीने का किराया भी नहीं दे पाया हूं. खाने पीने का सामान भी वह शेयर कर रहे हैं. राशन का दुकान जैसे ही खुलता है, लोग जान जोखिम में डाल कर एक ब्रेड के पैकेट के लिए आपस में जद्दोजहतद करने लगते हैं. बैंक बंद हैं. टैक्सी नहीं है. पेट्रोल नहीं है. कोई भी सामान दोगुने दाम पर मिलता है. कब किस पर गोली चल जाय, कोई नहीं जानता. मेरे मकान मालिक चाहते हैं कि मैं अपने मुल्क वापस चला जाऊं."

"हम खिचड़ी, ब्रेड और अंडा कई दिनों से खाते आ रहे हैं. जब भी बिजली आती है, तो बैट्री चार्ज कर लेता हूं और उससे कंप्यूटर, मोबाइल चार्ज कर लेता हूं. उसी से फेसबुक पर संपर्क कर लेता हूं. विदेश मंत्रालय से संपर्क करने की हमने कोशिश की, लेकिन नहीं हो पाया. हर कोई बात को टाल रहा है. "- डॉ. संजीव धारी सिन्हा, लीबिया में फंसे भारतीय

बता दें कि डॉ संजीव धारी सिन्हा ने पटना के संत जेवियर्स स्कूल से शुरुआती पढ़ाई की है. उसके बाद पटना यूनिवर्सिटी से अंग्रेजी में एमए और पीएचडी और पटना लॉ कॉलेज से ही लॉ की डिग्री भी प्राप्त की. सिन्हा एक इंटरनेशनल बास्केटबॉल प्लेयर भी हैं. श्रीलंका में होनेवाले टूर्नामेंट में इंडिया को रिप्रजेंट कर चुके हैं.

लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में 24 घंटे तक जिंबलिंग का रिकॉर्ड भी इनके नाम से ही दर्ज है. राजेन्द्र नगर में विद्या सिद्धी सदन इनके घर का नाम है, घर में 85 वर्षीय पिताजी सिद्धेश्वर धारी सिन्हा और भाई और उनकी पत्नी रहती हैं. इनकी मां विद्यावती शर्मा का देहांत हो चुका है. फिलहाल वे भारत सरकार से वतन वापसी की गुहार लगा रहे हैं.

इसे भी पढ़ें- वंदे भारत मिशन के तहत 24 मई को गया एयरपोर्ट आएगी पहली फ्लाइट, 8000 लोगों की होगी वतन वापसी

पटनाः लीबिया में फंसे पटना के राजेन्द्र नगर निवासी डॉ. संजीव धारी सिन्हा (Dr. Sanjeev Trapped In Libya) ने भारत सरकार से वतन वापसी की गुहार लगाई है. उन्होंने फेसबुक और मोबाइल कॉल के जरिए वहां के हालात को बताया है. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह (Lalan Singh) ने भी ट्वीट कर भारत सरकार से इस मामले में पहले करने की गुहार लगाई है.

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ललन सिंह ने अपने ट्वीट में विदेश मंत्री @DrSJaishankar को टैग किया है. उन्होंने ट्विट कर लिखा- 'माननीय मंत्री जी, कृपया लीबिया में फंसे हमारे भाई की मदद करने को लेकर अधिकारियों को निर्देश जारी करें.'

बता दें कि असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. संजीव लीबिया के त्रिपोली में फंसे हुए हैं. वे त्रिपोली के तिजारी बैंक के पास रहते हैं. उन्होंने भारत में अपनी बहन और अपने कुछ मित्रों को बताया है कि वहां हालात बहुत नाजुक हैं. त्रिपोली एयरपोर्ट को जला दिया गया है. मैसेज और कॉल के अंत में उन्होंने गुहार लगाई है 'सेव मी, आय एम इन डेंजर जोन."

आगे उन्होंने कहा है कि "मकान मालिक की कृपा पर जिंदा हूं. पिछले महीने का किराया भी नहीं दे पाया हूं. खाने पीने का सामान भी वह शेयर कर रहे हैं. राशन का दुकान जैसे ही खुलता है, लोग जान जोखिम में डाल कर एक ब्रेड के पैकेट के लिए आपस में जद्दोजहतद करने लगते हैं. बैंक बंद हैं. टैक्सी नहीं है. पेट्रोल नहीं है. कोई भी सामान दोगुने दाम पर मिलता है. कब किस पर गोली चल जाय, कोई नहीं जानता. मेरे मकान मालिक चाहते हैं कि मैं अपने मुल्क वापस चला जाऊं."

"हम खिचड़ी, ब्रेड और अंडा कई दिनों से खाते आ रहे हैं. जब भी बिजली आती है, तो बैट्री चार्ज कर लेता हूं और उससे कंप्यूटर, मोबाइल चार्ज कर लेता हूं. उसी से फेसबुक पर संपर्क कर लेता हूं. विदेश मंत्रालय से संपर्क करने की हमने कोशिश की, लेकिन नहीं हो पाया. हर कोई बात को टाल रहा है. "- डॉ. संजीव धारी सिन्हा, लीबिया में फंसे भारतीय

बता दें कि डॉ संजीव धारी सिन्हा ने पटना के संत जेवियर्स स्कूल से शुरुआती पढ़ाई की है. उसके बाद पटना यूनिवर्सिटी से अंग्रेजी में एमए और पीएचडी और पटना लॉ कॉलेज से ही लॉ की डिग्री भी प्राप्त की. सिन्हा एक इंटरनेशनल बास्केटबॉल प्लेयर भी हैं. श्रीलंका में होनेवाले टूर्नामेंट में इंडिया को रिप्रजेंट कर चुके हैं.

लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में 24 घंटे तक जिंबलिंग का रिकॉर्ड भी इनके नाम से ही दर्ज है. राजेन्द्र नगर में विद्या सिद्धी सदन इनके घर का नाम है, घर में 85 वर्षीय पिताजी सिद्धेश्वर धारी सिन्हा और भाई और उनकी पत्नी रहती हैं. इनकी मां विद्यावती शर्मा का देहांत हो चुका है. फिलहाल वे भारत सरकार से वतन वापसी की गुहार लगा रहे हैं.

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Last Updated : Aug 5, 2021, 5:01 PM IST
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