पटना: बिहार में एनडीए सरकार के पतन होने और महागठबंधन की सरकार बनने के बाद नई सरकार में सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने अपने पद की शपथ तो ले ली है. लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर महागठबंधन के एक अन्य बड़े सहयोगी दल कांग्रेस में अंतरकलह मची (Ruckus In Congress Over Post Of Minister In Bihar) हुई है. दरअसल यह अंतर कलह विधायक बनने को लेकर है. पहले विधायक छत्रपति यादव ने अपने मंत्री बनने की बात कही तो अब कांग्रेस की महिला विधायक प्रतिमा दास ने भी अपनी कुछ इसी तरह की मंशा को जाहिर किया है. दरअसल खगड़िया से कांग्रेस के विधायक छत्रपति यादव ने गुरुवार को एक बयान जारी कर सनसनी फैला दी थी, जिसमें उन्होंने कांग्रेस आलाकमान से यह मांग की थी कि, क्योंकि वह कांग्रेस पार्टी में यादव जाति से ताल्लुक रखने वाले एकमात्र विधायक हैं, इसलिए उनको मंत्रिमंडल में जगह मिलनी चाहिए.
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मंत्री पद को लेकर कांग्रेस में मचा घमासान : यही नहीं छत्रपति यादव ने इसके लिए अपनी इस मांग को लेकर कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को पत्र भी लिख दिया जो कि वायरल हो गया. इससे कांग्रेस पार्टी के अंदर थोड़ी सी असहज स्थिति तो पैदा हुई. पार्टी अभी इससे संभली ही थी, तब तक राजापाकर से कांग्रेस विधायक प्रतिमा दास ने यह कह कर और हलचल की संभावनाओं को तूल दे दिया कि महागठबंधन के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार महिलाओं को हर क्षेत्र में आरक्षण देते हैं लेकिन कांग्रेस में महिलाओं की अनदेखी की जा रही है. उनका यह भी कहना था कि कांग्रेस कोटि से उन्हें मंत्री बनाया जाना चाहिए क्योंकि वे महिला हैं और मंत्री पद की एक सीट महिला को मिलनी चाहिए. प्रतिमा दास यहीं तक नहीं रुकी, उन्होंने यह भी कहा कि मंत्री पद की मांग करने वालों में से 3 लोग पहले से ही किसी न किसी पद पर हैं, इसके बाद भी यह लोग मंत्री पद की दावेदारी पेश कर रहे हैं.
प्रतिमा दास की भी चाहत मंत्री बनने की है : प्रतिमा दास का यह भी कहना था कि पार्टी का सिद्धांत है कि एक व्यक्ति एक ही पद पर रह सकता है. उनका कहना था बिहार कांग्रेस के आलाकमान को विभिन्न संभावित मंत्रियों के नाम की सूची सौंपी गई है. उसमें उनका नाम भी शामिल किया जाए. सूत्रों के अनुसार तय फार्मूले के आधार पर महागठबंधन और जदयू की सरकार में नीतीश कुमार की नई कैबिनेट में कांग्रेस को कम से कम 4 मंत्री पद मिलने की उम्मीद है. दल के अंदर मंत्री पद को लेकर होड़ मची हुई है और तमाम विधायक अपने स्तर से मंत्री बनने की इच्छा को मन में पाले हुए हैं. इस पूरे मसले पर कांग्रेस के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष कौकाब कादरी कहते हैं- 'मेरा ऐसा मानना है कि जब ऐसी परिस्थिति बनती है और एलायंस की सरकार बनती है तो उसमें प्रतिबद्धता रहती है कि मिलजुलकर सरकार को कैसे आगे चलाया जाए, उसमें कोई कंडीशन नहीं होता है. राजनीति में संयम की भी बहुत ज्यादा आवश्यकता है, संयम रखना चाहिए.'
'पार्टी शुरू से ही दबे-कुचले अल्पसंख्यक और कमजोर लोगों को हमेशा प्राथमिकता देती रही है. टिकट के बंटवारे में भी कांग्रेस पार्टी को हमेशा इस बात का ख्याल रहा है. पिछली बार भी हमने ज्यादा से ज्यादा टिकट समाज के पिछड़े वर्ग और दबे-कुचले लोगों को दिया था. हमारा प्रयास सब को संतुलित करके चलने का रहता है. 7 दलों के लोगों ने अपना समर्थन नीतीश कुमार को दिया है. कौन मंत्री बनेगा, नहीं बनेगा, यह नीतीश कुमार जानें. आलाकमान इस पर निर्णय लेगा. बहुत सारी बातें हैं, क्षेत्रीय मामले हैं. मेरा मानना है कि ऐसे मुद्दों को प्राथमिकता पर नहीं रख सकते हैं कि कौन मंत्री बनेगा या नहीं बनेगा. बल्कि ही प्राथमिकता यह रखनी होगी कि हमें नीतीश कुमार के नेतृत्व में काम करने का मौका मिला है' - कौकाब कादरी, कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष, कांग्रेस
नई सरकार में कांग्रेस भी है शामिल : वह कहते हैं यह मिली जुली सरकार है और राज्य के अधूरे कार्य को कैसे आगे बढ़ाए? वह चाहे कार्यकर्ता हो या फिर विधायक इसमें सब की भूमिका है. इसमें सब की साझेदारी है कि मिलकर सरकार के एजेंडे को आगे बढ़ाएं. यह स्वाभाविक है और सबकी अपनी इच्छा रहती है. टिकट के बंटवारे में भी इस बात का ख्याल रखा जाता है. पार्टी में अनुभवी लोग हैं, हमारे प्रभारी हैं, केंद्रीय नेतृत्व है. कोकब बताते हैं, तमाम बड़े लोग मिल बैठकर इस मसले को सुलझा लेंगे. यह कोई बहुत बड़ा मुद्दा नहीं है. चाहत सबकी होती है. मीडिया में लगातार नाम चल रहे हैं, फैसला आलाकमान को लेना है. इसलिए मैं अभी इसे अहमियत नहीं देत,. ऐसी बातें उड़ती रहती हैं. कयास लगाए जाते रहते हैं, सबकी इच्छा होती है. लेकिन जो एक बार हमारे बड़े लोग मिलकर के तय कर लेंगे, उसे सब मानेंगे. बता दें कि कांग्रेस की तरफ से मदन मोहन झा, अजीत शर्मा और राजेश कुमार के नाम उन संभावित सूचियों में बताए जा रहे हैं, जो मंत्रिमंडल विस्तार में शपथ ले सकते हैं.
'कांग्रेस को लंबे वक्त के बाद सरकार में शामिल होने का मौका मिल रहा है. इसमें कहीं कोई शक नहीं है कि कांग्रेस को संख्या बल के आधार पर मंत्री पद मिलेगा. क्योंकि नीतीश कुमार बहुत सुलझे हुए सीएम हैं. लंबे वक्त से उनको बिहार में काम करने का अनुभव है. नीतीश कुमार को यह अनुभव है कि किस प्रकार से गठबंधन को चलाया जाता है. डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की बहुत बैलेंसिंग हैं. कांग्रेस में जो मांग हो रही है, वह पार्टी के नेतृत्व से हो रही है. सब के अलग-अलग गठबंधन है तो अलग-अलग तौर पर निश्चित रूप से हमें उस नजर से नहीं देखना चाहिए. जब कोई डिमांड कर रहा है तो पार्टी में डिमांड करने का अधिकार सबको है. हर जगह, हर राज्य में यह देखा जाए तो जातीय गणित पर ही सब कुछ होता है. उसी आधार पर चुनाव में उम्मीदवार भी दिए जाते हैं. ऐसे में कांग्रेस की तरफ से जो कोई भी मंत्री बनने के लिए कह रहा है. वह आलाकमान से मांग कर रहा है और डिमांड करना कोई बुरी बात नहीं है. अपने घर के गार्जियन से बात करने का अधिकार सबको है. सब अपने-अपने पक्ष रख रहे हैं. सरकार को बने हुए अभी ज्यादा वक्त नहीं हुआ है और नीतीश कुमार बहुत विजनरी नेता हैं. कांग्रेस वाले अपने आलाकमान से मांग कर रहे हैं और यह हर पार्टी, गठबंधन में होता है.' - रवि उपाध्याय, वरिष्ठ पत्रकार
नई सरकार में मंत्रीमंडल विस्तार को लेकर कवायद जारी : बता दें कि कांग्रेस की तरफ से वर्तमान में 19 एमएलए हैं और महागठबंधन के नई सरकार में चार विधायक को मंत्री बनने की बात सामने आ रही है. 2015 में भी जब कांग्रेस के 27 विधायक थे तो कांग्रेस की तरफ से 4 पद मंत्री के लिए आवंटित किया गया था. जिस पर ब्राह्मण, दलित, राजपूत और अल्पसंख्यक वर्ग के समीकरण को ध्यान में रखते हुए मंत्री बनाए गए थे. गौरतलब है कि बिहार में नई सरकार के मंत्रिमंडल का गठन होना है. कांग्रेस भी इस बार महागठबंधन में है. कांग्रेस के भी विधायकों को मंत्री बनाया जाएगा, इसको लेकर कांग्रेस के नेता लगातार आलाकमान के संपर्क में है. इसी क्रम में आज बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा दिल्ली रवाना (Madan Mohan Jha Went To Delhi) हुए. पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली जाना है, मंत्रिपरिषद का विस्तार होना है उसकी चर्चा आलाकमान से करना है. साथ ही उन्होंने कहा कि महागठबंधन में मंत्री पद को लेकर कहीं कोई दिक्कत नहीं है. जब उनसे पूछा गया कि कांग्रेस की तरफ से चार मंत्री बनाने की मांग हो रही है तो उन्होंने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है.