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बोचहां में RJD ने हासिल की बंपर जीत, तेजस्वी का 'BMY' समीकरण हिट, NDA की बढ़ी टेंशन - नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव

बोचहां उपचुनाव परिणाम (Bochaha By Election Result) के साथ ही नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Leader of Opposition Tejashwi Yadav) ने उस सियासी परसेप्शन को काफी हदतक बदल दिया, जिसके तहत माना जाता था कि आरजेडी को सवर्णों खासकर भूमिहार (ब्रह्मर्षि) समाज का वोट नहीं मिलता है. इसके साथ ही पार्टी अब 'माय' समीकरण से आगे 'ए टू जेड' की ओर जाती दिख रही है.

आरजेडी को मिला भूमिहार वोटरों का साथ
आरजेडी को मिला भूमिहार वोटरों का साथ
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Published : Apr 16, 2022, 7:22 PM IST

पटना: बोचहां विधानसभा उपचुनाव (Bochaha Assembly By Election) में आरजेडी की बंपर जीत हुई है. आरजेडी प्रत्याशी अमर पासवान (RJD Candidate Amar paswan) ने 36763 मतों से बड़ी जीत हासिल की है. अमर पासवान को 82562, बीजेपी की बेबी कुमारी को 45909 और वीआईपी की गीता कुमारी को 29279 वोट मिले हैं. आरजेडी ने 17 साल बाद बोचहां में कामयाबी का परचम लहराया है. इस जीत के साथ ही नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Leader of Opposition Tejashwi Yadav) का ए टू जेड फार्मूला सफल साबित हुआ है.

ये भी पढ़ें: बोचहां उपचुनाव में NDA को BJP का ओवर कॉन्फिडेंस ले डूबा ! रणनीतिकारों को लगा जोर का झटका

बोचहां में आरजेडी ने लहराया परचम: उपचुनाव में सत्ताधारी बीजेपी और विपक्षी पार्टी आरजेडी के बीच सीधा मुकाबला था. वीआईपी पार्टी मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने में जुटी थी. लेकिन बोचहां की जनता ने मुसाफिर पासवान के पुत्र और राजद उम्मीदवार अमर पासवान को विधायक चुना. उपचुनाव में दो छोटे दलों ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के शीर्ष नेताओं को मुश्किल में डाल दिया. जदयू के चलते जहां चिराग पासवान को एनडीए छोड़ना पड़ा वहीं भाजपा के चलते मुकेश सहनी को एनडीए छोड़ना पड़ा. उपचुनाव में दोनों दलों ने पैंतरा बदला और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को सीट गंवानी पड़ी. अमर पासवान को मिले 82562 वोट, बीजेपी की बेबी कुमारी को 45909 वोट और वीआईपी की गीता कुमारी को 29279 वोट मिले हैं.

एनडीए को झटका: बोचहां विधानसभा सीट को लेकर एनडीए में बवंडर खड़ा हुआ और अब नतीजे भी सामने आ गए. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में कलह की वजह से सीट राजद के खेमे में चली गई. बड़े मतों के अंतर से एनडीए को हार का सामना करना पड़ा है. दरअसल भाजपा और वीआईपी बोचहां सीट को लेकर उलझ गई. जिद में मुकेश सहनी को जहां मंत्री पद गंवाना पड़ा, वहीं एनडीए को सीटिंग सीट से हाथ धोना पड़ा. 2024 लोकसभा चुनाव से पहले बोचहां उपचुनाव के नतीजे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के नेताओं के लिए खतरे की घंटी है. बड़े मतों के अंतर से मिली शिकस्त ने भाजपा नेताओं के चेहरे पर शिकन ला दी है.

17 साल बाद जली 'लालटेन': बोचहां में 17 साल बाद राष्ट्रीय जनता दल को जीत नसीब हुई है. साल 2005 में आखिरी बार यहां पर लालटेन चुनाव चिह्न पर रमई राम ने जीत हासिल की थी. 2010 में रमई राम ने जेडीयू से जीत हासिल की थी. वहीं 2015 में बेबी कुमारी ने निर्दलीय चुनाव जीता, जबकि 2020 में वीआईपी के टिकट पर मुसाफिर पासवान चुनाव जीते थे. पिछले साल उनका निधन हो गया था. अब उनके बेटे अमर पासवान ने आरजेडी के टिकट पर बोचहां में जीत हासिल की है.

आरजेडी को मिला भूमिहार वोटरों का साथ: विधान परिषद चुनाव के बाद बोचहां उपचुनाव में भी तेजस्वी यादव का 'ए टू जेड' वाला फॉर्मूला हिट साबित हुआ है. माना जा रहा है कि बीजेपी से नाराज भूमिहार मतदाताओं ने बड़ी संख्या में आरजेडी को वोट किया है. काफी संख्या में ब्रह्मर्षि समाज के युवा पीला गमछा पहनकर पहली बार आरजेडी को वोट देते देखे गए. इससे पहले भूमिहार नेता आशुतोष कुमार समेत कई लोगों ने आरजेडी के पक्ष में कैंपेन भी किया था.

'जनता ने तेजस्वी को स्वीकारा': बोचहां में जीत के बाद आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि तेजस्वी यादव अपनी क्षमता के बल पर लगातार आगे बढ़ रहे हैं. एमएलसी चुनाव में भी जनता ने इस बात को नजदीक से देखा है. बोचहां की महान जनता ने भी तेजस्वी यादव का साथ दिया है. आरजेडी समाजवादी आंदोलन से निकली हुई पार्टी है. रमई राम की घर वापसी के सवाल पर जगदानंद सिंह ने कहा कि पार्टी से जो लोग भटक गए थे, उन सबकी वापसी होगी.

'बीजेपी से हुई गलती': वहीं, बीजेपी की हार पर हम प्रमुख जीतन राम मांझी ने कहा कि मैं समझता हूं कि बीजेपी ने गलती की थी. एनडीए के सदस्य थे मुसाफिर पासवान जी. जाहिर तौर पर उनके बेटे को टिकट देना चाहिए था. लेकिन टिकट न देकर नया एक्सपेरिमेंट किया गया. हमलोग पहले से भी समझ रहे थे कि रिजल्ट यही होना था. इससे भाजपा को सीख लेना चाहिए. एनडीए को इससे कोई झटका नहीं लगा है. एनडीए स्थिर है.नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं और रहेंगे.

बीजेपी की हार से सहनी खुश: वहीं, बीजेपी की हार से मुकेश सहनी काफी खुश दिखे. उनका एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह अपने नेताओं के साथ जश्न मना रहे हैं. एक-दूसरे को मिठाई खिला रहे हैं. असल में वो तो इस बात से ही खुश हैं कि कम से कम उन्होंने बीजेपी का खेल बिगाड़ दिया. उस बीजेपी से उन्होंने अपने कथित अपमान का बदला ले लिया, जिसने ऐन चुनाव से पहले न केवल उनकी पार्टी तोड़ दी और सभी तीनों विधायकों को बीजेपी में शामिल करवा लिया, बल्कि नीतीश कैबिनेट से भी बर्खास्त करवा दिया. सहनी मिठाई की मिठास में उन कड़वाहट को भी भुलाने की कोशिश कर रहे हैं, जिसने उनके राजनीतिक अस्तित्व पर सवाल खड़ा कर दिया था. उनको बोचहां में को 29279 वोट मिले हैं.

यादव और ब्रह्मर्षि के बीच दोस्ती: उधर जाप सुप्रीमो पप्पू यादव ने कहा कि बोचहां उपचुनाव पर प्रतिक्रया देते हुए कहा कि बोचहां में जीत आरजेडी की नहीं हुई है, बल्कि दिवंगत विधायक मुसाफिर पासवान की जीत है. लोगों ने सहानुभूति के तौर पर उनके बेटे अमर पासवान का साथ दिया. उन्होंने कहा कि मुझे एक बात की खुशी है कि यादव और ब्रह्मर्षि के बीच लंबे समय से जो कुछ लोगों ने जो नफरत पैदा किया था, उसे दूर करने की दिशा में अच्छी पहल हुई है.

आरजेडी अकेले एनडीए-वीआईपी पर भारी: शनिवार को जब उपचुनाव की मतगणना शुरू हुई तो आरजेडी के बढ़त पर यह कयास लगाए जा रहे थे कि शायद उसे बीजेपी और विकासशील इंसान पार्टी के बीच गठबंधन टूटने का फायदा मिल रहा है लेकिन अंतिम परिणाम आने के बाद यह साफ हो गया है कि अगर इस सीट पर बीजेपी और वीआईपी साथ भी चुनाव लड़ते तो भी आरजेडी का इस सीट को जीतना तय था. उपचुनाव के लिए अंतिम परिणाम के मुताबिक आरजेडी उम्मीदवार अमर पासवान को 82116 मत प्राप्त हुए जबकि बीजेपी उम्मीदवार बेबी कुमारी को 45353. वहीं विकासशील इंसान पार्टी उम्मीदवार गीता कुमारी को 29671 मत मिले. ऐसे में अगर बीजेपी और वीआईपी के कुल मत को मिला दिया जाए तो 75024 होते हैं जबकि आरजेडी को अकेले 82116 मत मिले हैं यानी आरजेडी के जीत का फासला 7092 वोट है.

रमई राम के नाम जीतने का रिकॉर्ड: आरजेडी के कद्दावर नेता रहे रमई राम के नाम बोचहां विधानसभा सीट से सबसे ज्यादा बार चुनाव जीतने का रिकॉर्ड दर्ज है. साल 2000 से पहले 1990 और 1995 के विधानसभा चुनावों की बात करें तो रमई राम ने तब भी रिकॉर्ड कायम किया था. 1990 में रमई राम ने 38 हजार 426 और 1995 में 46 हजार 126 वोटों के रिकॉर्ड अंतर से जीत हासिल की थी. ये दोनों चुनाव रमई राम ने जनता दल के टिकट पर लड़ा था. तब जेडीयू और आरजेडी का अस्तित्व नहीं था.

ये भी पढ़ें: जीत से उत्साहित RJD ने NDA पर कसा तंज, कहा- 'चार दल मिलकर भी नहीं हरा सके'

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पटना: बोचहां विधानसभा उपचुनाव (Bochaha Assembly By Election) में आरजेडी की बंपर जीत हुई है. आरजेडी प्रत्याशी अमर पासवान (RJD Candidate Amar paswan) ने 36763 मतों से बड़ी जीत हासिल की है. अमर पासवान को 82562, बीजेपी की बेबी कुमारी को 45909 और वीआईपी की गीता कुमारी को 29279 वोट मिले हैं. आरजेडी ने 17 साल बाद बोचहां में कामयाबी का परचम लहराया है. इस जीत के साथ ही नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Leader of Opposition Tejashwi Yadav) का ए टू जेड फार्मूला सफल साबित हुआ है.

ये भी पढ़ें: बोचहां उपचुनाव में NDA को BJP का ओवर कॉन्फिडेंस ले डूबा ! रणनीतिकारों को लगा जोर का झटका

बोचहां में आरजेडी ने लहराया परचम: उपचुनाव में सत्ताधारी बीजेपी और विपक्षी पार्टी आरजेडी के बीच सीधा मुकाबला था. वीआईपी पार्टी मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने में जुटी थी. लेकिन बोचहां की जनता ने मुसाफिर पासवान के पुत्र और राजद उम्मीदवार अमर पासवान को विधायक चुना. उपचुनाव में दो छोटे दलों ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के शीर्ष नेताओं को मुश्किल में डाल दिया. जदयू के चलते जहां चिराग पासवान को एनडीए छोड़ना पड़ा वहीं भाजपा के चलते मुकेश सहनी को एनडीए छोड़ना पड़ा. उपचुनाव में दोनों दलों ने पैंतरा बदला और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को सीट गंवानी पड़ी. अमर पासवान को मिले 82562 वोट, बीजेपी की बेबी कुमारी को 45909 वोट और वीआईपी की गीता कुमारी को 29279 वोट मिले हैं.

एनडीए को झटका: बोचहां विधानसभा सीट को लेकर एनडीए में बवंडर खड़ा हुआ और अब नतीजे भी सामने आ गए. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में कलह की वजह से सीट राजद के खेमे में चली गई. बड़े मतों के अंतर से एनडीए को हार का सामना करना पड़ा है. दरअसल भाजपा और वीआईपी बोचहां सीट को लेकर उलझ गई. जिद में मुकेश सहनी को जहां मंत्री पद गंवाना पड़ा, वहीं एनडीए को सीटिंग सीट से हाथ धोना पड़ा. 2024 लोकसभा चुनाव से पहले बोचहां उपचुनाव के नतीजे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के नेताओं के लिए खतरे की घंटी है. बड़े मतों के अंतर से मिली शिकस्त ने भाजपा नेताओं के चेहरे पर शिकन ला दी है.

17 साल बाद जली 'लालटेन': बोचहां में 17 साल बाद राष्ट्रीय जनता दल को जीत नसीब हुई है. साल 2005 में आखिरी बार यहां पर लालटेन चुनाव चिह्न पर रमई राम ने जीत हासिल की थी. 2010 में रमई राम ने जेडीयू से जीत हासिल की थी. वहीं 2015 में बेबी कुमारी ने निर्दलीय चुनाव जीता, जबकि 2020 में वीआईपी के टिकट पर मुसाफिर पासवान चुनाव जीते थे. पिछले साल उनका निधन हो गया था. अब उनके बेटे अमर पासवान ने आरजेडी के टिकट पर बोचहां में जीत हासिल की है.

आरजेडी को मिला भूमिहार वोटरों का साथ: विधान परिषद चुनाव के बाद बोचहां उपचुनाव में भी तेजस्वी यादव का 'ए टू जेड' वाला फॉर्मूला हिट साबित हुआ है. माना जा रहा है कि बीजेपी से नाराज भूमिहार मतदाताओं ने बड़ी संख्या में आरजेडी को वोट किया है. काफी संख्या में ब्रह्मर्षि समाज के युवा पीला गमछा पहनकर पहली बार आरजेडी को वोट देते देखे गए. इससे पहले भूमिहार नेता आशुतोष कुमार समेत कई लोगों ने आरजेडी के पक्ष में कैंपेन भी किया था.

'जनता ने तेजस्वी को स्वीकारा': बोचहां में जीत के बाद आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि तेजस्वी यादव अपनी क्षमता के बल पर लगातार आगे बढ़ रहे हैं. एमएलसी चुनाव में भी जनता ने इस बात को नजदीक से देखा है. बोचहां की महान जनता ने भी तेजस्वी यादव का साथ दिया है. आरजेडी समाजवादी आंदोलन से निकली हुई पार्टी है. रमई राम की घर वापसी के सवाल पर जगदानंद सिंह ने कहा कि पार्टी से जो लोग भटक गए थे, उन सबकी वापसी होगी.

'बीजेपी से हुई गलती': वहीं, बीजेपी की हार पर हम प्रमुख जीतन राम मांझी ने कहा कि मैं समझता हूं कि बीजेपी ने गलती की थी. एनडीए के सदस्य थे मुसाफिर पासवान जी. जाहिर तौर पर उनके बेटे को टिकट देना चाहिए था. लेकिन टिकट न देकर नया एक्सपेरिमेंट किया गया. हमलोग पहले से भी समझ रहे थे कि रिजल्ट यही होना था. इससे भाजपा को सीख लेना चाहिए. एनडीए को इससे कोई झटका नहीं लगा है. एनडीए स्थिर है.नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं और रहेंगे.

बीजेपी की हार से सहनी खुश: वहीं, बीजेपी की हार से मुकेश सहनी काफी खुश दिखे. उनका एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह अपने नेताओं के साथ जश्न मना रहे हैं. एक-दूसरे को मिठाई खिला रहे हैं. असल में वो तो इस बात से ही खुश हैं कि कम से कम उन्होंने बीजेपी का खेल बिगाड़ दिया. उस बीजेपी से उन्होंने अपने कथित अपमान का बदला ले लिया, जिसने ऐन चुनाव से पहले न केवल उनकी पार्टी तोड़ दी और सभी तीनों विधायकों को बीजेपी में शामिल करवा लिया, बल्कि नीतीश कैबिनेट से भी बर्खास्त करवा दिया. सहनी मिठाई की मिठास में उन कड़वाहट को भी भुलाने की कोशिश कर रहे हैं, जिसने उनके राजनीतिक अस्तित्व पर सवाल खड़ा कर दिया था. उनको बोचहां में को 29279 वोट मिले हैं.

यादव और ब्रह्मर्षि के बीच दोस्ती: उधर जाप सुप्रीमो पप्पू यादव ने कहा कि बोचहां उपचुनाव पर प्रतिक्रया देते हुए कहा कि बोचहां में जीत आरजेडी की नहीं हुई है, बल्कि दिवंगत विधायक मुसाफिर पासवान की जीत है. लोगों ने सहानुभूति के तौर पर उनके बेटे अमर पासवान का साथ दिया. उन्होंने कहा कि मुझे एक बात की खुशी है कि यादव और ब्रह्मर्षि के बीच लंबे समय से जो कुछ लोगों ने जो नफरत पैदा किया था, उसे दूर करने की दिशा में अच्छी पहल हुई है.

आरजेडी अकेले एनडीए-वीआईपी पर भारी: शनिवार को जब उपचुनाव की मतगणना शुरू हुई तो आरजेडी के बढ़त पर यह कयास लगाए जा रहे थे कि शायद उसे बीजेपी और विकासशील इंसान पार्टी के बीच गठबंधन टूटने का फायदा मिल रहा है लेकिन अंतिम परिणाम आने के बाद यह साफ हो गया है कि अगर इस सीट पर बीजेपी और वीआईपी साथ भी चुनाव लड़ते तो भी आरजेडी का इस सीट को जीतना तय था. उपचुनाव के लिए अंतिम परिणाम के मुताबिक आरजेडी उम्मीदवार अमर पासवान को 82116 मत प्राप्त हुए जबकि बीजेपी उम्मीदवार बेबी कुमारी को 45353. वहीं विकासशील इंसान पार्टी उम्मीदवार गीता कुमारी को 29671 मत मिले. ऐसे में अगर बीजेपी और वीआईपी के कुल मत को मिला दिया जाए तो 75024 होते हैं जबकि आरजेडी को अकेले 82116 मत मिले हैं यानी आरजेडी के जीत का फासला 7092 वोट है.

रमई राम के नाम जीतने का रिकॉर्ड: आरजेडी के कद्दावर नेता रहे रमई राम के नाम बोचहां विधानसभा सीट से सबसे ज्यादा बार चुनाव जीतने का रिकॉर्ड दर्ज है. साल 2000 से पहले 1990 और 1995 के विधानसभा चुनावों की बात करें तो रमई राम ने तब भी रिकॉर्ड कायम किया था. 1990 में रमई राम ने 38 हजार 426 और 1995 में 46 हजार 126 वोटों के रिकॉर्ड अंतर से जीत हासिल की थी. ये दोनों चुनाव रमई राम ने जनता दल के टिकट पर लड़ा था. तब जेडीयू और आरजेडी का अस्तित्व नहीं था.

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