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कृषि कानूनों की वापसी को तेजस्वी यादव ने बताया किसानों की जीत, सरकार की हार

कृषि कानूनों की वापसी को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने किसानों की जीत बताया. उन्होंने कहा कि यह देश की जीत है, पूंजीपतियों, उनके रखवालों और सरकार की हार है.

Tejashwi Yadav
Tejashwi Yadav
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Published : Nov 19, 2021, 11:30 AM IST

पटना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने राष्ट्र के नाम संबोधन में तीनों विवादित कृषि कानूनों को वापस (Withdraw of all three Agricultural Laws) लेने का ऐलान कर दिया है. इसके बाद विपक्षी दलों के नेताओं की प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई है. विपक्ष के नेता तीनों कृषि कानून वापस को किसानों की जीत बता रहे हैं. बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने भी इसे लेकर केंद्र सरकार पर प्रहार किया. पीएम की घोषणा के तत्काल बाद उन्होंने लागातार तीन ट्वीट किये.

ये भी पढ़ें: तीनों कृषि कानून वापस, RJD बोली- किसानों के आंदोलन के चलते केंद्र को पलटना पड़ा फैसला

पहले ट्वीट में तेजस्वी ने लिखा कि 'और अहंकार टूट गया.' उसके बाद लिखा 'किसान की जीत, देश की जीत, पूंजीपतियों, उनके रखवालों और सरकार की हार.' एकता में शक्ति है. यह सबों की सामूहिक जीत है. बेरोजगारी, महंगाई, निजीकरण के खिलाफ हमारी जंग जारी रहेगी. उपचुनाव हारे तो उन्होंने पेट्रोल-डीजल पर दिखावटी ही सही लेकिन थोड़ा सा टैक्स कम किया. यूपी, उत्तराखंड, पंजाब की हार के डर से तीनों काले कृषि कानून वापस लेने पड़ रहे हैं.

उसके बाद उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि '26 नवंबर से किसान आंदोलनरत थे. बिहार चुनाव नतीजों के तुरंत पश्चात हम किसानों के समर्थन में सड़कों पर थे. इसी दिन किसान विरोधी नीतीश-भाजपा ने इन कृषि कानूनों का विरोध एवं किसानों का समर्थन करने पर मुझ सहित हमारे अनेक नेताओं/कार्यकर्ताओं पर केस दर्ज किया. किसानों की जीत हुई.'

  • किसान की जीत, देश की जीत
    पूँजीपतियों,उनके रखवालों और सरकार की हार https://t.co/aPp7W3MGwt

    — Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) November 19, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

गौरतलब है कि राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरु पर्व और कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं आज देशवासियों से क्षमा मांगते हुए और देशवासियों से यह कहना चाहता हूं कि हमारी तपस्या में कोई कमी रह गई होगी. उन्होंने कहा कि कुछ किसान भाइयों को समझा नहीं पाए. आज गुरुनानक देव का पवित्र पर्व है. ये समय किसी को दोष देने का समय नहीं है. आज पूरे देश को यह बताने आया हूं कि तीन कृषि कानूनों का वापस लेने का फैसला किया है.

  • एकता में शक्ति है। यह सबों की सामूहिक जीत है। बेरोजगारी,महंगाई,निजीकरण के ख़िलाफ हमारी जंग जारी रहेगी।

    उपचुनाव हारे तो उन्होंने पेट्रोल-डीज़ल पर दिखावटी ही सही लेकिन थोड़ा सा टैक्स कम किया। UP,उत्तराखंड,पंजाब की हार के डर से तीनों काले कृषि क़ानून वापस लेने पड़ रहे है। https://t.co/EGklswiBOe

    — Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) November 19, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

ये भी पढ़ें: आंख का इलाज कराकर सीएम नीतीश आज दिल्ली से लौटेंगे पटना

उन्होंने कहा कि इस महीने के अंत में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की संवैधानिक प्रक्रिया शुरू कर देंगे. इसके साथ ही, पीएम मोदी ने आंदोलन पर बैठे लोगों को प्रकाश पर्व पर घर वापसी की अपील की है.

पीएम मोदी ने कहा कि कृषि मंडियों के आधुनिकीकरण के लिए हजारों करोड़ रुपये खर्च किए हैं. पीएम मोदी ने कहा कि किसानों का कानूनों को समझाने का भरपूरा प्रयास किया गया, अनेक माध्यमों से. लेकिन वह समझ नहीं पाए. उन्होंने कहा कि हमने किसानों की बातों और उनके तर्क को समझने में भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. जिन कानूनों पर ऐतराज था उनको समझने में सरकार ने भरपूर कोशिश की.

पीएम मोदी ने कहा कि हमने फसल बीमा योजना को अधिक प्रभावी बनाया, उसके दायरे में ज्यादा किसानों को लाए. किसानों को ज्यादा मुआवजा मिल सके, इसके लिए पुराने नियम बदले. इस कारण बीते चार सालों में एक लाख करोड़ से ज्यादा का मुआवजा किसान भाइयों को मिला है. किसानों को उनकी उपज के बदले सही दाम मिले इसके लिए कदम उठाए गए. हमने एमएसपी बढ़ाई साथ ही साथ रिकॉर्ड सरकारी केंद्र भी बनाए. हमारी सरकार के द्वारा की गई खरीद ने कई रिकॉर्ड तोड़ दिए. हमने किसानों को कहीं पर भी अपनी उपज बेचने का प्लेटफॉर्म दिया.

उन्होंने कहा कि हमने किसान को सर्वोच्च प्राथमिकता दी. इस सच्चाई से लोग अनजान हैं कि ज्यादा किसान छोटे किसान हैं. इनके पास दो हेक्टेयर से कम जमीन है. इन छोटे किसानों की संख्या 10 करोड़ से ज्यादा है. छोटी सी जमीन के सहारे ही वह अपना और अपने परिवार का गुजारा करते हैं. पीढ़ी दर पीढ़ी परिवारों में होने वाला बंटवारा जमीन को और छोटा कर रहा है. इसलिए हमने बीज, बीमा, बाजार और बचत इन सभी पर चौतरफा काम किया है.

ये भी पढ़ें: सरकार का तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान : पीएम मोदी

पटना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने राष्ट्र के नाम संबोधन में तीनों विवादित कृषि कानूनों को वापस (Withdraw of all three Agricultural Laws) लेने का ऐलान कर दिया है. इसके बाद विपक्षी दलों के नेताओं की प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई है. विपक्ष के नेता तीनों कृषि कानून वापस को किसानों की जीत बता रहे हैं. बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने भी इसे लेकर केंद्र सरकार पर प्रहार किया. पीएम की घोषणा के तत्काल बाद उन्होंने लागातार तीन ट्वीट किये.

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पहले ट्वीट में तेजस्वी ने लिखा कि 'और अहंकार टूट गया.' उसके बाद लिखा 'किसान की जीत, देश की जीत, पूंजीपतियों, उनके रखवालों और सरकार की हार.' एकता में शक्ति है. यह सबों की सामूहिक जीत है. बेरोजगारी, महंगाई, निजीकरण के खिलाफ हमारी जंग जारी रहेगी. उपचुनाव हारे तो उन्होंने पेट्रोल-डीजल पर दिखावटी ही सही लेकिन थोड़ा सा टैक्स कम किया. यूपी, उत्तराखंड, पंजाब की हार के डर से तीनों काले कृषि कानून वापस लेने पड़ रहे हैं.

उसके बाद उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि '26 नवंबर से किसान आंदोलनरत थे. बिहार चुनाव नतीजों के तुरंत पश्चात हम किसानों के समर्थन में सड़कों पर थे. इसी दिन किसान विरोधी नीतीश-भाजपा ने इन कृषि कानूनों का विरोध एवं किसानों का समर्थन करने पर मुझ सहित हमारे अनेक नेताओं/कार्यकर्ताओं पर केस दर्ज किया. किसानों की जीत हुई.'

  • किसान की जीत, देश की जीत
    पूँजीपतियों,उनके रखवालों और सरकार की हार https://t.co/aPp7W3MGwt

    — Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) November 19, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

गौरतलब है कि राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरु पर्व और कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं आज देशवासियों से क्षमा मांगते हुए और देशवासियों से यह कहना चाहता हूं कि हमारी तपस्या में कोई कमी रह गई होगी. उन्होंने कहा कि कुछ किसान भाइयों को समझा नहीं पाए. आज गुरुनानक देव का पवित्र पर्व है. ये समय किसी को दोष देने का समय नहीं है. आज पूरे देश को यह बताने आया हूं कि तीन कृषि कानूनों का वापस लेने का फैसला किया है.

  • एकता में शक्ति है। यह सबों की सामूहिक जीत है। बेरोजगारी,महंगाई,निजीकरण के ख़िलाफ हमारी जंग जारी रहेगी।

    उपचुनाव हारे तो उन्होंने पेट्रोल-डीज़ल पर दिखावटी ही सही लेकिन थोड़ा सा टैक्स कम किया। UP,उत्तराखंड,पंजाब की हार के डर से तीनों काले कृषि क़ानून वापस लेने पड़ रहे है। https://t.co/EGklswiBOe

    — Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) November 19, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

ये भी पढ़ें: आंख का इलाज कराकर सीएम नीतीश आज दिल्ली से लौटेंगे पटना

उन्होंने कहा कि इस महीने के अंत में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की संवैधानिक प्रक्रिया शुरू कर देंगे. इसके साथ ही, पीएम मोदी ने आंदोलन पर बैठे लोगों को प्रकाश पर्व पर घर वापसी की अपील की है.

पीएम मोदी ने कहा कि कृषि मंडियों के आधुनिकीकरण के लिए हजारों करोड़ रुपये खर्च किए हैं. पीएम मोदी ने कहा कि किसानों का कानूनों को समझाने का भरपूरा प्रयास किया गया, अनेक माध्यमों से. लेकिन वह समझ नहीं पाए. उन्होंने कहा कि हमने किसानों की बातों और उनके तर्क को समझने में भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. जिन कानूनों पर ऐतराज था उनको समझने में सरकार ने भरपूर कोशिश की.

पीएम मोदी ने कहा कि हमने फसल बीमा योजना को अधिक प्रभावी बनाया, उसके दायरे में ज्यादा किसानों को लाए. किसानों को ज्यादा मुआवजा मिल सके, इसके लिए पुराने नियम बदले. इस कारण बीते चार सालों में एक लाख करोड़ से ज्यादा का मुआवजा किसान भाइयों को मिला है. किसानों को उनकी उपज के बदले सही दाम मिले इसके लिए कदम उठाए गए. हमने एमएसपी बढ़ाई साथ ही साथ रिकॉर्ड सरकारी केंद्र भी बनाए. हमारी सरकार के द्वारा की गई खरीद ने कई रिकॉर्ड तोड़ दिए. हमने किसानों को कहीं पर भी अपनी उपज बेचने का प्लेटफॉर्म दिया.

उन्होंने कहा कि हमने किसान को सर्वोच्च प्राथमिकता दी. इस सच्चाई से लोग अनजान हैं कि ज्यादा किसान छोटे किसान हैं. इनके पास दो हेक्टेयर से कम जमीन है. इन छोटे किसानों की संख्या 10 करोड़ से ज्यादा है. छोटी सी जमीन के सहारे ही वह अपना और अपने परिवार का गुजारा करते हैं. पीढ़ी दर पीढ़ी परिवारों में होने वाला बंटवारा जमीन को और छोटा कर रहा है. इसलिए हमने बीज, बीमा, बाजार और बचत इन सभी पर चौतरफा काम किया है.

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