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क्या बिहार विधान परिषद में राबड़ी देवी को मिलेगा विपक्ष की नेत्री का दर्जा? आंकड़ों के खेल को समझिए

बिहार एमएलसी चुनाव (Bihar MLC Election) आरजेडी के लिए महत्वपूर्ण हैं. 24 सीटों पर हो रहे विधान परिषद चुनाव को लेकर आरजेडी और एनडीए ने पूरी ताकत झोंक रखी थी. सबको नतीजों का इंतजार है, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी (Former Chief Minister Rabri Devi) के लिए चुनाव के नतीजे खास मायने रखता है. पढ़ें ये रिपोर्ट..

पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी
पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी
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Published : Apr 5, 2022, 7:25 PM IST

पटना: बिहार विधानसभा (Bihar Assembly) में आरजेडी मुख्य विपक्षी दल है और तेजस्वी यादव को नेता प्रतिपक्ष का दर्जा हासिल है. विधानसभा में आरजेडी मजबूती से सरकार की नीतियों को प्रभावित करती है, लेकिन विधान परिषद में आरजेडी सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी नहीं कर पाती है. विधान परिषद में आरजेडी (RJD in Bihar Legislative Council) को विपक्षी दल का दर्जा हासिल नहीं है. विधान परिषद चुनाव एनडीए और महागठबंधन के लिए साख की लड़ाई बन गई है. आरजेडी को जहां विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष का दर्जा हासिल करना है. वहीं, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को अपने पिछले परफॉर्मेंस को दोहराने की चुनौती है.

ये भी पढ़ें- तेजस्वी का दावा- MLC चुनाव में महागठबंधन उम्मीदवारों की होगी जीत, सरकार से जनप्रतिनिधि नाराज

RJD को तीन MLC की दरकार: विधान परिषद में फिलहाल एनडीए का दबदबा है. मौजूदा 51 में से 40 सदस्य एनडीए गठबंधन के हैं. विधान परिषद में विपक्षी खेमे में सिर्फ 11 सदस्य हैं, जिसमें आरजेडी के सदस्यों की संख्या 5 है. आरजेडी 24 सीटों में से ज्यादा से ज्यादा सीट जीतकर विधान परिषद में मजबूत उपस्थिति दर्ज कराना चाहती है. सबसे अहम बात यह है कि राबड़ी देवी को विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष का दर्जा तब मिल पाएगा जब 3 सीटों पर आरजेडी जीत हासिल कर लेगी. बता दें कि आरजेडी के लिए पटना के कार्तिक सिंह, रोहतास से कृष्णा सिंह, सिवान से विनोद जायसवाल, मधुबनी से मो.आलम, मुंगेर से अजय सिंह, गया से रिंकू यादव और खगड़िया से मनोहर यादव मजबूत दिख रहे हैं.

''साख हमारी दांव पर नहीं है, साख एनडीए की दांव पर है. जो 24 सीट का चुनाव हो रहा है उसमें 21 से अधिक सीट एनडीए की है. विधान परिषद में हम इस बार बेहतर परफॉर्म करने जा रहे हैं. कम से कम 10 सीटों पर विधान परिषद में हमारी जीत होगी. नेता प्रतिपक्ष का दर्जा हासिल करने के लिए हमें हमें 3 सीटों की दरकार है, जबकि हम 10 से ज्यादा सीटें जीतने जा रहे हैं.''- एजाज अहमद, आरजेडी प्रवक्ता

''अभी विधान परिषद चुनाव के लिए मतदान हुआ है, उसके रिजल्ट आए नहीं है. 24 सीटों का रिजल्ट 7 तारीख को आएगा. 7 तारीख के बाद ही उनको पता चलेगा कि उनको नेता प्रतिपक्ष का पद मिलेगा या नहीं. पिछली बार 24 में से 21 सीटें एनडीए के पास थी. इस बार जिस तरीके से लोगों का रूझान रहा है, उस हिसाब से एनडीए फिर बढ़त पर है. बड़ी संख्या में हम चुनाव जीतकर के आ रहे हैं.''- प्रेम रंजन पटेल, बीजेपी प्रवक्ता

''आरजेडी दिवास्वप्न देख रही है, विधान परिषद चुनाव में आरजेडी को इतनी सीटें भी नहीं आने वाली है, जिससे कि उन्हें परिषद में नेता प्रतिपक्ष का दर्जा मिल पाए. इससे पहले भी जनता का मूड एनडीए के पक्ष में रहा था. अभी भी एनडीए के कुनबे ने बड़ी मजबूती से चुनाव लड़ा है. ज्यादा से ज्यादा सीटों पर एनडीए की जीत होने जा रही है.''- अभिषेक झा, जेडीयू प्रवक्ता

NDA के सामने सीट बचाने की चुनौती: बता दें कि विधान परिषद में आरजेडी की 5 सीटें हैं और उन्हें नेता प्रतिपक्ष का पद हासिल करने के लिए तीन एमएलसी की दरकार है. विधानसभा और विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष का दर्जा (Leader of Opposition in Bihar Legislative Assembly) हासिल करने के लिए उक्त दल को कुल सीटों की 10% सीट पर जीत हासिल करना होती है. बिहार विधान परिषद में जेडीयू की ताकत सबसे ज्यादा है. पार्टी के कुल 23 विधान पार्षद हैं, दूसरे स्थान पर बीजेपी हैं जिनके 15 विधान पार्षद हैं. 24 सीटों में से 21 पर एनडीए का कब्जा था और एनडीए के समक्ष उसे बचाने की चुनौती है.

ये भी पढ़ें- तेजस्वी ने नीतीश पर कसा तंज, बोले- 'अपनी इच्छा की चिंता छोड़.. CM जनता की इच्छा करें पूरी'

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पटना: बिहार विधानसभा (Bihar Assembly) में आरजेडी मुख्य विपक्षी दल है और तेजस्वी यादव को नेता प्रतिपक्ष का दर्जा हासिल है. विधानसभा में आरजेडी मजबूती से सरकार की नीतियों को प्रभावित करती है, लेकिन विधान परिषद में आरजेडी सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी नहीं कर पाती है. विधान परिषद में आरजेडी (RJD in Bihar Legislative Council) को विपक्षी दल का दर्जा हासिल नहीं है. विधान परिषद चुनाव एनडीए और महागठबंधन के लिए साख की लड़ाई बन गई है. आरजेडी को जहां विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष का दर्जा हासिल करना है. वहीं, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को अपने पिछले परफॉर्मेंस को दोहराने की चुनौती है.

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RJD को तीन MLC की दरकार: विधान परिषद में फिलहाल एनडीए का दबदबा है. मौजूदा 51 में से 40 सदस्य एनडीए गठबंधन के हैं. विधान परिषद में विपक्षी खेमे में सिर्फ 11 सदस्य हैं, जिसमें आरजेडी के सदस्यों की संख्या 5 है. आरजेडी 24 सीटों में से ज्यादा से ज्यादा सीट जीतकर विधान परिषद में मजबूत उपस्थिति दर्ज कराना चाहती है. सबसे अहम बात यह है कि राबड़ी देवी को विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष का दर्जा तब मिल पाएगा जब 3 सीटों पर आरजेडी जीत हासिल कर लेगी. बता दें कि आरजेडी के लिए पटना के कार्तिक सिंह, रोहतास से कृष्णा सिंह, सिवान से विनोद जायसवाल, मधुबनी से मो.आलम, मुंगेर से अजय सिंह, गया से रिंकू यादव और खगड़िया से मनोहर यादव मजबूत दिख रहे हैं.

''साख हमारी दांव पर नहीं है, साख एनडीए की दांव पर है. जो 24 सीट का चुनाव हो रहा है उसमें 21 से अधिक सीट एनडीए की है. विधान परिषद में हम इस बार बेहतर परफॉर्म करने जा रहे हैं. कम से कम 10 सीटों पर विधान परिषद में हमारी जीत होगी. नेता प्रतिपक्ष का दर्जा हासिल करने के लिए हमें हमें 3 सीटों की दरकार है, जबकि हम 10 से ज्यादा सीटें जीतने जा रहे हैं.''- एजाज अहमद, आरजेडी प्रवक्ता

''अभी विधान परिषद चुनाव के लिए मतदान हुआ है, उसके रिजल्ट आए नहीं है. 24 सीटों का रिजल्ट 7 तारीख को आएगा. 7 तारीख के बाद ही उनको पता चलेगा कि उनको नेता प्रतिपक्ष का पद मिलेगा या नहीं. पिछली बार 24 में से 21 सीटें एनडीए के पास थी. इस बार जिस तरीके से लोगों का रूझान रहा है, उस हिसाब से एनडीए फिर बढ़त पर है. बड़ी संख्या में हम चुनाव जीतकर के आ रहे हैं.''- प्रेम रंजन पटेल, बीजेपी प्रवक्ता

''आरजेडी दिवास्वप्न देख रही है, विधान परिषद चुनाव में आरजेडी को इतनी सीटें भी नहीं आने वाली है, जिससे कि उन्हें परिषद में नेता प्रतिपक्ष का दर्जा मिल पाए. इससे पहले भी जनता का मूड एनडीए के पक्ष में रहा था. अभी भी एनडीए के कुनबे ने बड़ी मजबूती से चुनाव लड़ा है. ज्यादा से ज्यादा सीटों पर एनडीए की जीत होने जा रही है.''- अभिषेक झा, जेडीयू प्रवक्ता

NDA के सामने सीट बचाने की चुनौती: बता दें कि विधान परिषद में आरजेडी की 5 सीटें हैं और उन्हें नेता प्रतिपक्ष का पद हासिल करने के लिए तीन एमएलसी की दरकार है. विधानसभा और विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष का दर्जा (Leader of Opposition in Bihar Legislative Assembly) हासिल करने के लिए उक्त दल को कुल सीटों की 10% सीट पर जीत हासिल करना होती है. बिहार विधान परिषद में जेडीयू की ताकत सबसे ज्यादा है. पार्टी के कुल 23 विधान पार्षद हैं, दूसरे स्थान पर बीजेपी हैं जिनके 15 विधान पार्षद हैं. 24 सीटों में से 21 पर एनडीए का कब्जा था और एनडीए के समक्ष उसे बचाने की चुनौती है.

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