पटनाः बिहार में लागू शराबबंदी कानून (Liquor Ban In Bihar) को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को मुख्यमंत्री सचिवालय के संवाद में उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की. करीब 7 घंटे तक चली इस बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए हैं. गृह सचिव चैतन्य प्रसाद ने जानकारी देते हुए बताया कि शराब तस्करी और अवैध कारोबार में शामिल लोगों, अधिकारियों और जिम्मेदार थानेदारों पर कार्रवाई की जाएगी.
इसे भी पढ़ें- समीक्षा के बाद बड़ा फैसला, इलाके में मिली शराब तो नपेंगे थानेदार
गृह सचिव ने बताया कि बॉर्डर इलाके से बिहार में शराब लाए जाते हैं. शराब तस्करी की रोकथाम को लेकर बॉर्डर इलाके में शराब मिलने पर सीमा को ब्लॉक किया जाएगा. उन्होंने बताया कि हर स्तर पर शराब के मामलों की रोकथाम को लेकर कार्रवाई की जाएगी.
जिलों में शराब के मामले न मिले इसे लेकर सभी प्रभारी मंत्री अपने जिलों में अन्य योजनाओं के साथ शराबबंदी को लेकर भी सक्रिय रहेंगे. बॉर्डर इलाके में चौकसी बढ़ाया जाएगा. प्रभारी मंत्री और सचिव जिले की हर महीने समीक्षा करेंगे. शराब मामले में संलिप्त पाए जाने वाले कर्मचारियों को हरगिज बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उनपर कार्रवाई की जाएगी.
सूबे में शराबबंदी कानून पूरी तरह से प्रभावी रहे, इसे लेकर सेंट्रल टीम राज्यभर में शराब को लेकर छापेमारी करेगी. छापेमारी में शराब बरामदगी के बाद संबंधित थाने के थानेदार सस्पेंड किए जाएंगे. इंटलिजेंस मशीनरी को भी दुरुस्त किया जाएगा.
शराबबंदी को सफल बनाने में सबसे बड़ी जिम्मेदारी चौकीदारों की होगी जो गांव में शराब की सूचना थाने को देंगे. अगर चौकीदार सूचना नहीं देते हैं तो उन्हें बर्खास्त किया जाएगा. गृह सचिव ने कॉल सेंटर में आने वाले कंप्लेन पर जल्द से जल्द कार्रवाई करने का आदेश दिया है.
इसे भी पढ़ें- ETV भारत ने दिखाई शराबबंदी की हकीकत, तो लालू ने भी नीतीश को दिखाया 'आईना'
वहीं, डीजीपी एसके सिंघल (DGP SK Singhal) ने बताया कि लगातार छापेमारी अभियान चलाया जाएगा. पुलिस और उत्पाद अधिकारी मिलकर काम करेंगे. शराब मिलने पर थानाध्यक्ष सस्पेंड होंगे. चौकीदार ने अगर शराब की जानकारी नहीं दी तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इसको लेकर मुख्यालय में हर दूसरे दिन समीक्षा बैठक होगी.