पटना: लोजपा (LJP) के संस्थापक और पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत राम विलास पासवान (Ram Vilas Paswan) को मरणोपरांत राष्ट्रपति के द्वारा पद्म विभूषण (Padma Bhushan Award) से सम्मानित किया जाएगा. मंगलवार, 9 नवंबर को 11 बजे राष्ट्रपति भवन में यह सम्मान उनके पुत्र लोजपा (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और जमुई सांसद चिराग पासवान (Chirag Paswan) रिसीव करेंगे. राम विलास पासवान के निधन के बाद उन्हें प्राप्त हो रहे पद्मभूषण अवार्ड से लोजपा के नेता और कार्यकर्ताओं में काफी हर्ष का माहौल है. पद्म पुरस्कारों की घोषणा इस वर्ष 25 जनवरी को की गयी थी.
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लोजपा के नेता चंदन सिंह ने बताया कि 52 वर्ष के राजनीतिक सफर में दिवंगत राम विलास पासवान ने बिना एक भी आरोप और दाग लगे सक्रिय राजनीति की. वह हमेशा भारत के संसद में गरीबों और शोषित के लिए आवाज उठाते थे. उन्हें भारत के राष्ट्रपति द्वारा पद्मभूषण अवार्ड से सम्मानित किया जा रहा है. इसको लेकर लोजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं में हर्षोल्लास का माहौल है.
आपको बता दें कि रामविलास पासवान के निधन के बाद चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति पारस द्वारा उन्हें भारत रत्न देने की मांग की जा रही थी. 8 अक्टूबर 2020 को स्वर्गीय राम विलास पासवान का देहांत हुआ था. उनके देहांत के बाद लोजपा बिखर चुकी है. दो धड़ों में बंटी लोजपा के एक गुट का नेतृत्व चिराग पासवान तो दूसरे गुट के मुखिया पशुपति पारस (Pashupati Paras) हैं. हाल ही में इस झगड़े को लेकर चुनाव आयोग ने विधानसभा उपचुनाव के लिए दोनों दलों को अलग-अलग चुनाव चिह्न आवंटित किया था.
केंद्र सरकार की ओर से पद्म सम्मान के लिए जारी सूची के मुताबिक बिहार के पांच लोगों को इस बार पुरस्कार दिया जा रहा है. रामविलास पासवान को पद्मभूषण के अलावा स्व. मृदुला सिन्हा समेत चार को पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया जायेगा. पद्मश्री सम्मान पाने वाले बिहारियों में चिकित्सक डॉ. दिलीप कुमार सिंह के अलावा मधुबनी पेंटिंग की कलाकार दुलारी देवी और कलाकार रामचंद्र मांझी शामिल हैं.
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