पटना: राजधानी पटना (Patna) समेत पूरे सूबे में बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधने की तैयारी कर रही हैं. रंग-बिरंगी राखी और मिठाइयों से बाजार सजा हुआ है. रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) के दिन बहनें भाई की कलाई पर राखी बांधकर उसकी लम्बी उम्र की कामना करती हैं. भाई की कलाई पर बंधी पवित्र राखी की डोर भाई-बहन के रिश्ते को और मजबूत करती हैं. बाजार में विभिन्न रंग, डिजाइन, कीमत की राखी उपलब्ध हैं.
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कोई बहन मार्केट में राखी की नयी डिजाइन खोज रही हैं तो किसी ने भाई के लिए इस बार कुछ विशेष खरीदने का मन बनाया है. इसे देखते हुए पटना के ज्वेलरी बाजार में एक बढ़कर एक खूबसूरत और महंगी राखियां बिक रही हैं. पटना के ज्वेलरी शॉप में इस बार चांदी सोना और हीरे का भी बनी राखी खूब बिक रहा है. ज्वेलरी बाजार में बिक रही राखियों की कीमत 15 सौ से 3 लाख रुपए तक है. इस विशेष राखी को डायमंड और गोल्ड से बनाया गया है. इस राखी में मोतियों की जगह हीरा, धागे की जगह सोना लगा है.
राजधानी पटना के बोरिंग रोड के हीरा पन्ना ज्वेलर्स में चांदी की राखी 1000 से 2500 रुपये तक की मिल रही है. वहीं सोने की राखी 50,000 रुपये तक की है. सोना और हीरा से बनी राखी की कीमत ढाई से 3 लाख रुपये है. हीरा पन्ना ज्वेलरी मालिक शरद केसरी का कहना है कि इस बार तीन तरह की राखियां हमारे यहां बनाई गई हैं. ऑर्डर पर हमने तीन लाख तक की राखी बनाई है. कस्टमर इसे काफी पसंद कर रहे हैं.
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जिस तरह से इस बार राखी बाजार में कई ज्वेलरी शॉप में भी चांदी सोने के राखियां बिक रही हैं, इससे ऐसा लगता है कि बहनें इस बार के त्यौहार कुछ खास तरह से सेलिब्रेट करना चाहती हैं. यही कारण है कि पटना के बाजार में तीन लाख तक की राखी की बिक्री हुई है.
ज्वेलरी के मालिक का कहना है कि तीन लाख रुपये की इस राखी में यही खासियत है इसमें सोना और हीरा लगाया गया है. लोग इसे काफी पसंद भी कर रहे हैं. वैसे हमने ऑर्डर पर ही से बनाया है लेकिन कुछ विशेष हम बनाकर भी रखते हैं कि कोई कस्टमर आता है तो उसे उपलब्ध करा सकें.
यहां बता दें कि इस साल रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) के दिन महासंयोग भी बन रहा है. राखी बांधने का मुहूर्त रविवार सुबह 6:15 से शाम 5:31 बजे तक है. दोपहर 1:42 से शाम 4:18 बजे तक रक्षाबंधन के लिए सबसे शुभ मुहूर्त है.
पंचांग के अनुसार दो विशेष शुभ मुहूर्त का योग इस बार रक्षाबंधन पर बन रहा है. पूर्णिमा की तिथि पर धनिष्ठा नक्षत्र के साथ शोभन योग रहेगा. इस दिन सावन महीना का समापन होगा. इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा का साया नहीं है. भद्रा काल 23 अगस्त 2021 को सुबह 5:34 बजे से 6:12 बजे तक है. पूर्णिमा तिथि 21 अगस्त की शाम 3:45 बजे शुरू होगी और 22 अगस्त की शाम 5:58 बजे खत्म हो जाएगी.
इस बार 474 साल बाद राखी पर महासंयोग बन रहा है. इस दौरान कुंभ राशि में गुरु की चाल वक्री रहेगी. इसके साथ ही चंद्रमा भी वहां मौजूद रहेंगे. गुरु और चंद्रमा की इस कॉम्बिनेशन से रक्षाबंधन पर गजकेसरी योग बन रहा है. यह योग मनुष्य की महत्वाकांक्षाएं पूरी करता है. धन, संपत्ति, मकान, वाहन जैसे सुखों की प्राप्ति होती है.
बता दें कि राखी बांधते समय भाई को पूर्व दिशा की तरफ मुख करके बैठना चाहिए और सिर पर रुमाल रखना चाहिए. बहन पहले अपने भाई के माथे पर टीका लगाएं और उसपर कुछ अक्षत लगाएं. कुछ अक्षत भाई पर आशीर्वाद के रूप में छींटें. इसके बाद बहन नजर उतारने के लिए दीपक जलाकर भाई की आरती उतारें. इसके बाद बहन भाई की दायीं कलाई पर राखी बांधे.