पटना: राजधानी पटना के बिहार चेंबर ऑफ कॉमर्स (Bihar Chamber of Commerce) में पूरे बिहार से योग ट्रेनर को बुलाकर एक दिवसीय शिविर का आयोजन किया गया. जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर पतंजलि योगपीठ के मुख्य केंद्रीय प्रभारी राकेश भ्राता (Chief Central incharge of Patanjali Yogpeeth Rakesh Bhrata) ने पूरे बिहार से आए योग गुरुओं को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि अब गांव-गांव में योग शिविर लगाकर लोगों को निरोग रखने का प्रयास किया जाएगा.
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पतंजलि योगपीठ के मुख्य केंद्रीय प्रभारी राकेश भ्राता ने कहा कि वर्तमान में योग को शीर्ष पर ले जाने को लेकर विश्व कीर्तिमान बनाने व विश्व में जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है. योग से परिचित कराने में सबसे अधिक भूमिका यदि किसी की रही है तो वह पतंजलि योगपीठ है.
''पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट के संस्थापक व योगगुरू स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण का रहा है. उनके निर्देशन में संचालित राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर से लेकर राज्य स्तरीय, जिला स्तरीय, प्रखंड स्तरीय, ग्राम स्तरीय व वार्ड स्तरीय पतंजलि योग समिति संगठन के माध्यम से लोगों को योग व प्राणायाम का ज्ञान देकर उनके स्वास्थ्य एवं संतुलित दिनचर्या के प्रति सचेत किया जाता रहा है.''- राकेश भ्राता, मुख्य केंद्रीय प्रभारी, पतंजलि योगपीठ
राकेश भ्राता ने बिहार चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज में आयोजित एक दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला में बिहार के 38 जिलों के प्रमुख प्रभारियों को संबंधित किया. मुख्य केंद्रीय प्रभारी राकेश कुमार ने बताया कि कोरोना काल में भी पतंजलि योग समिति ने ऑनलाइन, सोशल मीडिया इत्यादि के माध्यम से योग को जन-जन तक घर-घर तक पहुंचाया है. इसी क्रम को पुन: दोहराते हुए बिहार के प्रत्येक पार्क, गांव, सार्वजनिक स्थल पर शिवरात्रि के दिन से प्रारंभ किया है. जिसका उद्देश्य 5000 योग कक्षाओं को स्थापित करना है.
वर्तमान भारत को दिव्य भारत बनाने के लिए आने वाले भारत के 500 वर्षों के बारे में अत्यंत सुदृढ़, दीर्घकालिक, मौलिक कार्य करने के लिए पतंजलि अग्रसर है. वहीं, बिहार और झारखंड के वरिष्ठ राज्य प्रभारी अजीत कुमार ने जानकारी देते हुए कहा कि पतंजलि देश और विदेश में सांगठनिक रूप से कार्यरत है. भारत के 600 जिले, 5000 तहसील और 2.5 लाख गांव में संगठन का विस्तार किया है. इसके बीच लगभग एक लाख नि:शुल्क योग कक्षाओं के द्वारा विभिन्न क्रियाकलापों से सेवा दे रहा है. साथ ही वृक्षारोपण, आयुर्वेद की औषधियां जड़ी-बूटी वितरण, स्वच्छता अभियान जैसी सेवा से लेकर नशा-मुक्ति, छुआ-छूत, जात-पात और सभी प्रकार के भेदभाव के विरोध में संगठन की ओर से सेवा का अभियान चलाया जा रहा है.
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