पटना: आय से अधिक संपत्ति (Disproportionate Assets) के मामले में निगरानी की टीम द्वारा पटना (Patna) सहित कई स्थानों पर छापेमारी (Vigilance raid in patna) की गई. इस कड़ी में बिहार नगर सेवा के अधिकारी अनुभूति श्रीवास्तव के पटना आवास पर निगरानी इकाई की छापेमारी हुई. छापेमारी में 1 करोड़ 75 लाख 484 रुपए की अवैध संपत्ति की जानकारी प्राप्त हुई है. साथ ही यह जानकारी भी प्राप्त हुई कि वे अब तक कई बार मॉरिशस का टूर कर चुके हैं.
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बता दें कि अनुभूति श्रीवास्तव विशेष निगरानी इकाई भभुआ नगर परिषद के तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी, हाजीपुर नगर परिषद के कार्यपालक अधिकारी (executive engineer) के पद से निलंबित हुए थे. निलंबित अधिकारी ने अपनी पत्नी और दो बच्चों के नाम पर इंश्योरेंस और म्यूचुअल फंड में निवेश कर रखा है. जिसके लिए हर साल 15 लाख से अधिक का प्रीमियम दर्ज करवाया जा रहा था.
कार्रवाई के दौरान पता चला कि अनुभूति श्रीवास्तव ने पटना के साथ-साथ इंदौर में भी एक फ्लैट खरीद रखी है. इसके साथ-साथ उनके पास से एक अर्टिगा और एक इनोवा कार भी होने की पुष्टि की गई है. दरअसल निगरानी विभाग के अनुसार अभियुक्त के पटना स्थित आवास की तलाशी के दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज मिले हैं. फिक्स डिपॉजिट, एलआईसी और रियल इस्टेट में निवेश की बात सामने आ रही है. इसके अलावा उनके घर से नगद भी बरामद की गई है.
विशेष सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार अनुभूति श्रीवास्तव कई बार मॉरीशस का भी टूर कर चुके हैं. इसके अलावा उन्होंने अपनी घोषित संपत्ति की भी जानकारी विभाग को नहीं दी है. दरअसल भभुआ नगर परिषद में कार्यपालक पदाधिकारी (EO) के पद के दौरान उन्होंने करोड़ो की हेराफेरी की थी. जिसकी जांच डीएम ने की थी और निलंबित करने की अनुशंसा भी की थी. निगरानी विभाग ने निलंबित पदाधिकारी के खिलाफ एसवीयू कांड संख्या 001/2021 के तहत एक्ट दर्ज किया है.
बता दें कि भभुआ नगर परिषद में करोड़ों का घोटाला हुआ था. डीएम की जांच में अनुभूति श्रीवास्तव दोषी पाए गए थे लेकिन जांच रिपोर्ट नगर विकास विभाग द्वारा दबा दी गई थी. पिछली बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार के दौरान एक व्यक्ति ने इसकी शिकायत की थी. तब जाकर उस फाइल को निकाल गया और कार्रवाई की जा रही है.
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विगत 16 अगस्त को नीतीश कुमार के जनता दरबार में शिकायत की गयी थी. सीएम ने 18 अगस्त को निलंबन का आदेश जारी करवाया था. दरअसल, सुशासन की पोल खुलने के बाद नीतीश कुमार हरकत में आए और जांच का आदेश दिया था. इसके बाद महीनों से दबी फाइल को निकालकर तेज रफ्तार से करवाई की जा रही है. इसी कड़ी में आज उस अधिकारी के आवास पर छापेमारी चल रही है. हालांकि अब तक क्या कुछ हुआ है, इस पर अभी कुछ कह पाना मुश्किल है.
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