पटना: बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने कोरोना वायरस की स्क्रीनिंग के बारे में अहम जानकारी दी. उन्होंने बताया कि गुरुवार से बिहार के चार जिले तय किए गए हैं, जहां हमारे स्वास्थ्य कर्मी घर-घर जाकर स्क्रीनिंग करेंगे. पल्स पोलियो के अभियान की तरह ही हर घर जाकर सारी जानकारी इकट्ठा करेंगे. इसके बाद उस घर पर पहचान के लिए एक निशान लगाएंगे. ये जानकारी उन्हें 5 दिनों में इकट्ठा करनी है.सिवान, नालंदा, नवादा और बेगूसराय इन चारों जिलों में सघन स्क्रीनिंग का काम शुरू हो जाएगा. पहले दौर में 5 दिनों में स्क्रीनिंग काम पूरा किया जाएगा फिर दोबारा 3 दिनों में जाकर हमारे स्वास्थ्य कर्मी दोबारा उन घरों की जांच करेंगे.
'राज्य में 40 पॉजिटिव केसेज का इलाज चल रहा है'
प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से जारी एडवायजरी के मद्देनजर में बिहार सरकार लगातार काम कर रही है. अब तक कुल 70 पॉजिटिव केस सामने आए हैं. बुधवार को 4 नए संक्रमण के मामले सामने आए हैं. इनमें से 29 लोगों को ठीक कर उन्हें घर भेज दिया गया है. इस वक्त राज्य में 40 पॉजिटिव केसेज का इलाज चल रहा है, जिसमें से एक व्यक्ति की पहले ही मौत हो चुकी है. संजय कुमार ने बताया कि बिहार सरकार के पास पर्याप्त मात्रा में कोरोना वायरस से संबंधित जांच की सामग्री, पीपीई किट से लेकर सभी आवश्यक चीजें मौजूद है.
'स्वास्थ्य कर्मियों का सम्मान करें'
प्रधान सचिव ने कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से जो भी एडवायजरी जारी की गई है उससे संबंधित सभी गाइडलाइन्स पूरे तरीके से बिहार में फॉलो किए जाएंगें. स्वास्थ्य कर्मियों के साथ मारपीट की घटनाओं के संबंध में बात करते हुए संजय कुमार ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि हम सब लोगों को कठिन परिस्थितियों में सेवा देने वाले स्वास्थ्य कर्मियों का सम्मान करना चाहिए. मैं धन्यवाद देना चाहता हूं हमारे बिहार के चिकित्सक और चिकित्सा कर्मियों को जो दिन रात लगातार परिश्रम कर रहे हैं. उनके परिश्रम का ही ये नतीजा है कि अभी तक बिहार में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने में बहुत हद तक कामयाब हुए हैं. जो पॉजिटिव मरीज थे उनमें से भी बड़ी संख्या में लोग स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं.