पटना: राष्ट्रपति चुनाव (Presidential Election In Indai) को लेकर बिहार में तैयारी तेज जोर-शोर (Presidential Election 2022) से चल रही है. वोटिंग से पहले मत पेटी पटना पहुंच चुका है. कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतपेटी को पटना एयरपोर्ट से बिहार विधान सभा परिसर लाया गया. राष्ट्रपति चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग सभी राज्यों में बैलेट बॉक्स भेज रहा है. इसी क्रम में आज बुधवार यानी 13 जुलाई को दिल्ली से विमान के जरिए बैलेट बॉक्स पटना पहुंचा है. पटना एयरपोर्ट पर बैलेट बॉक्स को रिसीव किया गया. इन्हें वज्रगृह तक पहुंचाया दिया गया. मतदान को लेकर बिहार विधानसभा के वाचनालय को बूथ बनाया गया है. जहां दिल्ली से लाए गये बैलेट बॉक्स को इसी स्ट्रांग रूम में रखा जाएगा.
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राष्ट्रपति चुनाव को लेकर बिहार में तैयारी तेज : गौरतलब है कि मतपेटी लाने के लिए उसके नाम से टिकट बुक कराया जाता है. यह हवाई टिकट मिस्टर बैलेट बॉक्स के नाम से बुक कराया जाता है. मतपेटी हवाई जहाज के आगे की पंक्ति में सहायक रिर्टनिंग अधिकारी और दूसरे अधिकारी की देखरेख में यात्रा करता है. राष्ट्रपति चुनाव को लेकर मतपेटी चुनाव आयोग से प्राप्त करने के बाद आज बुधवार 13 जुलाई को एयर इंडिया की फ्लाइट से पटना लाया गया है. आपको बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए 18 जुलाई को वोटिंग होने हैं. चुनाव आयोग के अनुसार 18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव होंगे और 21 जुलाई को देश को नए राष्ट्रपति मिल जाएंगे. 29 जून नामांकन की आखिरी तारीख थी. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की ओर से जहां द्रौपदी मुर्मू को (Presidential Candidate Draupadi Murmu) प्रत्याशी बनाया गया है. वहीं दूसरी तरफ विपक्ष की ओर से यशवंत सिन्हा को मैदान में उतारा गया है. यशवंत सिन्हा 15 जुलाई को बिहार दौरे पर आ रहे हैं. जबकि द्रौपदी मुर्मू का बिहार दौरा हो चुका है.
एनडीए की राज्यों में स्थिति कमजोर : राज्यों में कुल मिलाकर 4033 विधायक हैं, जिनके 546000 पॉइंट्स हैं. 17 राज्यों में बीजेपी की सरकार है, लेकिन 9 राज्य ऐसे हैं जहां के विधायकों के वोटों की वैल्यू 30 पॉइंट से भी कम है. विपक्ष के पास 11 राज्यों में सरकार है, लेकिन 8 बड़े राज्य उनके खाते में है. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के पक्ष में राज्यों में कुल मिलाकर 220937 पॉइंट्स हैं. एनडीए के साथ 40.43% का समर्थन है, जबकि विपक्ष के पास विधानसभाओं में 324590 पॉइंट हैं. विधानसभा में विपक्ष के साथ 59.57% विधायकों का समर्थन है.
बिहार के पास कुल 81687 मत : बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव में चुने हुए प्रतिनिधि ही वोट डाल सकते हैं. विधान परिषद के सदस्यों को वोट डालने का अधिकार नहीं होता है. आबादी के हिसाब से जनप्रतिनिधियों के वोटों की कीमत तय होती है. राज्यसभा लोकसभा और विधानसभा का कुल 81687 मत बिहार के पास (Bihar connection of presidential election) है. वर्तमान परिस्थितियों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के पास 54540 मत है तो विपक्ष के खाते में 25024 मत है. भाजपा 28189, जदयू 21945, राजद 15980, कांग्रेस 4703 माले के पास 2076 वोट हैं.
राष्ट्रपति चुनाव में बिहार के 56 सांसद लेंगे हिस्सा : राष्ट्रपति चुनाव में बिहार के कुल 56 सांसद हिस्सा लेगें और विधायकों की संख्या 243 है. वोट के लिहाज से बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी है, लेकिन जदयू की भूमिका भी अहम है. बिहार के एक विधायक का वोट वैल्यू 173 है. इस हिसाब से देखें तो विधायकों का वोट वैल्यू 42,039 है. वहीं, राज्यसभा और लोकसभा के सांसद का वोट वैल्यू 700 है. बिहार में 56 सांसद हैं, इसलिए आपसे सांसदों का वोट वैल्यू 39,200 है. बिहार में राष्ट्रपति चुनाव के लिए कुल 81,230 वोट हैं. वोट के लिहाज से एनडीए की स्थिति मजबूत दिख रही है. जदयू, बीजेपी, हम और रालोजपा का वोट मिला दें, तो कुल मिलाकर 55,398 वोट होते हैं. दूसरी तरफ महागठबंधन की बात करें तो, महागठबंधन के पास कुल मिलाकर 24,130 वोट है और इसमें अगर एआईएमआईएम के 5 विधायकों का वोट जोड़ दिया जाए तो विपक्ष के पास वोटों की संख्या 24,968 हो जाती है.
राष्ट्रपति चुनाव में NDA का पलड़ा भारी : गौरतलब है कि द्रौपदी मुर्मू को महिला राष्ट्रपति उम्मीदवार के रूप में सामने लाकर NDA ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) का भी समर्थन हासिल कर लिया. शिवसेना, झारखंड मुक्ति मोर्चा का समर्थन भी एनडीए को मिलता दिख रहा है और एनडीए का पलड़ा लगातार भारी होता जा रहा है. वहीं महागठबंधन नेता बिहार में एकजुटता दिखा रहे हैं. विपक्ष ने यशवंत सिन्हा को उम्मीदवार बनाया है और वो 15 जुलाई को पटना आ रहे हैं. लेकिन अब बिहार में महागठबंधन राष्ट्रपति चुनाव में धर्म संकट की स्थिति में दिख रहा है. महागठबंधन नेता खुद को अनुसूचित जनजाति और महिला विरोधी करार देना नहीं चाहते तो दूसरी तरफ यशवंत सिन्हा के पक्ष में भी खड़े दिखते हैं.