पटना: देश के मशहूर चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Political strategist Prashant Kishor) ने अपनी कोई राजनीतिक पार्टी अभी नहीं बनाई है. हालांकि जिस तरीके से उनकी गतिविधियां देखने को मिल रही हैं, उससे भविष्य में बिहार में कुछ नए समीकरण सामने आ सकते हैं. रविवार को प्रशांत किशोर आम जनता पार्टी राष्ट्रीय की कार्यकारिणी की बैठक में शामिल हुए और कार्यकर्ताओं से कई महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर बातचीत की.
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प्रशांत किशोर जातिगत जनगणना कराने के पक्ष में: उन्होंने आम जनता पार्टी राष्ट्रीय के विस्तार पर विचार-विमर्श किया. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष विद्यापति चंद्रवंशी ने कहा कि प्रशांत किशोर के साथ बैठक हुई. पार्टी को कैसे आगे बढ़ाया जाये, इस पर बातचीत हुई. विद्यापति चंद्रवंशी ने कहा कि प्रशांत किशोर जातिगत जनगणना कराने के पक्षधर हैं. हमारी पार्टी भी जातिगत जनगणना चाहती है. हमारी पार्टी जाति और धर्म से ऊपर उठकर राजनीति करना चाहती है. प्रशांत किशोर भी पार्टी के एजेंडे से सहमत हैं.
'आम जनता पार्टी राष्ट्रीय भविष्य में निदान यात्रा पर निकलेगी. इस यात्रा का उद्देश्य समस्याओं का निदान तलाशना है, बिहार को विकास की गति पर लाने के रास्ते तलाशने हैं. 2023 में आम जनता पार्टी राष्ट्रीय की निदान यात्रा शुरू होगी.'- विद्यापति चंद्रवंशी, आम जनता पार्टी राष्ट्रीय.
पार्टी से जुड़ रहे ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट: विद्यापति चंद्रवंशी ने बताया कि प्रशांत किशोर उनकी पार्टी के विचारों से काफी प्रभावित हैं. उनका विचार है कि राजनीति में पढ़े लिखे शिक्षित लोगों को आना चाहिए, यही विचार हमारी पार्टी की भी है. पार्टी इस पर पहले से ही काम कर रही है. उन्होंने बताया कि इसी वर्ष अप्रैल महीने में पटना से स्नातक स्तर के लोगों को पार्टी से जोड़ने का काम शुरू किया गया. अब तक 20,000 ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट लोगों को पार्टी से जोड़ा जा चुका है.
1200 परिवारों का बिहार की राजनीति पर कब्जा: उन्होंने बताया कि प्रशांत किशोर ने पार्टी की कोर कमेटी के सदस्यों से बातचीत की और बताया कि प्रदेश में लगभग 1200 परिवार हैं जो राजनीति में हैं. सरकार कोई भी हो, दल कोई भी हो, विधायक और मंत्री इन्हीं परिवारों में से चुने जाते हैं. ऐसे में बिहार जहां की आबादी लगभग 13 करोड़ है और तीन करोड़ परिवार हैं, वहां पर 1200 परिवार का कब्जा है. इसे बदलने की आवश्यकता है जिससे बिहार का सही मायने में विकास हो सके. जो लोग बिहार के विकास के लिए विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे हैं उन्हें आगे लाने की आवश्यकता है.
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