पटना: बिहार (Bihar) मखाना को जल्द ही जीआई टैग मिलने जा रहा है. पटना (Patna) में सेंट्रल कंसल्टेटिंग ग्रुप के साथ आयोजित बैठक में मखाना से सम्बंधित सभी बाधाएं दूर कर ली गयी हैं. जीआई टैगिंग की केवल औपचारिक घोषणा अभी बाकी है. अब मखाना को 'बिहार का मखाना' के रूप में पूरी दुनिया में पहचान मिलने जा रहा है. जीआई टैग पाने वाला मखाना अब राज्य का पांचवा कृषि उत्पाद होगा. जर्दालु आम, मगही पान, शाही लीची और कतरनी चावल को जीआई टैग (GI tag) पहले ही मिल चुका है.
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बात दें कि कोरोना संक्रमण (Corona Infection) काल में मखाना की मांग काफी बढ़ी है. मखाना इम्युनिटी बढ़ाने में बड़ा मददगार साबित हुआ है. जीआई टैग के लिए मिथिलांचल मखाना उत्पादक समूह ने आवेदन किया था. अब उसको मंजूरी दे दी गई है. मखाना मिथिलांचल में काफी मात्रा में उपजाया जाता है. यहां से इसे पूरी दुनिया में भेजा जाता है.
कांग्रेस MLC प्रेमचंद्र मिश्रा ने मिथिलांचल मखाना को बिहार मखाना (Bihar Makhana) का टैग देने को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने बताया है कि पहले सदन में हमने इसको लेकर आवाज भी उठाया था. तब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि मिथिलांचल मखाना (Mithilanchal Makhana) ही रहेगा लेकिन अब इसको बिहार मखाना के नाम से प्रसिद्ध कर दिया जा रहा है. ऐसा नहीं होना चाहिए. उसे मिथिलांचल मखाना के नाम से जाना जाना चाहिए. बता दें कि मिथिलांचल में 6000 टन मखाना हर साल उपजता है.
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