पटना: बिहार सरकार ( Bihar Government ) के लिए उच्च शिक्षा चुनौती की तरह है. सरकार ने तीन विश्वविद्यालय के गठन को लेकर विधानमंडल में प्रस्ताव पारित कर दिया है. 4 महीने बीत जाने के बाद भी विश्वविद्यालय के गठन की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है.
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बिहार में उच्च शिक्षा को गति देने के लिए तीन विश्वविद्यालय के गठन को लेकर सदन में प्रस्ताव पारित किए जा चुके हैं. मेडिकल विश्वविद्यालय इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय और स्पोर्ट्स विश्वविद्यालय के गठन को लेकर मानसून सत्र के दौरान दोनों सदन से प्रस्ताव पारित किए जा चुके हैं. 4 महीने बीत जाने के बाद भी विश्वविद्यालय के गठन की प्रक्रिया अधूरी है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में भी विश्वविद्यालय के गठन को लेकर प्रस्ताव को स्वीकृति दी जा चुकी है. खेल विश्वविद्यालय की स्थापना राजगीर में की जानी है. जबकि दो अन्य विश्वविद्यालय मीठापुर में स्थापित किए जाएंगे.
दरअसल, चिकित्सा अभियंत्रण और खेल विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के लिए प्रावधान बदला गया है. अब मुख्यमंत्री गवर्नर की जगह कुलाधिपति होंगे. जबकि राज्य के अन्य विश्वविद्यालयों में कुलाधिपति राज्यपाल हैं. पहली बार इस तरह की व्यवस्था बिहार में की गई है.
आपको बता दें कि कुलपति सचिव के सभी प्रमुख पदों पर नियुक्ति राज्य सरकार करेगी. राज्य सरकार द्वारा गठित कमेटी के माध्यम से ही पदाधिकारियों की नियुक्ति होगी. 3 सदस्य कमेटी तय करेगी कि कौन व्यक्ति किस पद पर नियुक्त होंगे और कुलाधिपति की सहमति पर नियुक्ति की जाएगी.
'नीतीश सरकार को यह बताना चाहिए कि किन परिस्थितियों में अब तक विश्वविद्यालय के गठन की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है. आखिर विलंब होने के पीछे वजह क्या है.' -राजेश राठौर, मुख्य प्रवक्ता, कांग्रेस
'सरकार में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है. कुछ कंफ्यूजन है तभी इस विद्यालय के गठन की प्रक्रिया अधूरी है.' -रामानुज प्रसाद, प्रवक्ता, राजद
'गठन की प्रक्रिया शीघ्र पूरी कर ली जाएगी. कोई विवाद नहीं है. तैयारियों को लेकर कुछ विलंब हो रहा है.' -नवल किशोर यादव, उप नेता, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन
'कुछ तकनीकी कारणों की वजह से इस विद्यालय के गठन की प्रक्रिया में देरी हो रही है. कानूनी पहलुओं पर विचार किया जा रहा होगा. लेकिन हमें उम्मीद है कि शीतकालीन सत्र से पहले अधिनियम को मंजूरी मिल जाएगी.' -डॉक्टर संजय कुमार, बुद्धिजीवी
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