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जिस BJP को जिन्ना पसंद नहीं, उसके सहयोगियों की नजर में वह स्वतंत्रता सेनानी

मोहम्मद अली जिन्ना (Mohammad Ali Jinnah) को लेकर बिहार में सियासी संग्राम छिड़ा हुआ है. जेडीयू और हम इस मामले में बीजेपी से अलग राय रखती है. वहीं, राजनीतिक विश्लेषक डॉ. संजय कुमार कहते हैं कि विभाजनकारी जिन्ना कभी भी भारत के लिए नायक नहीं हो सकते हैं.

मोहम्मद अली जिन्ना
मोहम्मद अली जिन्ना
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Published : Nov 13, 2021, 8:48 PM IST

पटना: बिहार में मोहम्मद अली जिन्ना (Mohammad Ali Jinnah) का जिन्न निकल आया है. उपचुनाव तो संपन्न हो चुके हैं, लेकिन बिहार का सियासी पारा चढ़ता जा रहा है. जिन्ना को एनडीए (NDA) के घटक दल स्वतंत्रता सेनानी बता रहे हैं तो बीजेपी (BJP) नेता सहयोगी दलों को आंखें दिखा रहे हैं. वहीं, आरजेडी (RJD) ने इस असल मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश बताया है.

ये भी पढ़ें: HAM प्रवक्ता ने जिन्ना को बताया स्वतंत्रता सेनानी, कहा- 'बंटवारे के जिम्मेदार हैं नेहरू'

जेडीयू एमएलसी खालिद अनवर ने सबसे पहले मोहम्मद अली जिन्ना को स्वतंत्रता सेनानी करार दिया है. जिसके बाद उनके पक्ष में हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) भी उतर आया. प्रवक्ता दानिश रिजवान ने भी जिन्ना को स्वतंत्रता सेनानी बता दिया. हालांकि बीजेपी ने इसका विरोध किया है. मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि जिन्ना को स्वतंत्रता सेनानी बताने वाले जिन्ना के मुल्क में चले जाएं.

देखें रिपोर्ट

वहीं, बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि जवाहर लाल नेहरू (Jawahar Lal Nehru) की वजह से ही देश आज कश्मीर समस्या का दंश झेल रहा है. मोहम्मद अली जिन्ना ने देश का बंटवारा किया था. वह कभी भी स्वतंत्रता सेनानी नहीं हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि जिन लोगों को इतनी भी समझ नहीं है, उन्हें इतिहास पढ़नी चाहिए.

ये भी पढ़ें: बोले श्याम रजक- 'स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्ना, सावरकर के कारण हुआ था देश का बंटवारा'

उधर, आरजेडी के प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा है कि बीजेपी और जेडीयू को वास्तविक मुद्दों से मतलब नहीं है. जेडीयू जहां जहरीली शराब से मौत के मामले को भटकाना चाहता है, वहीं बीजेपी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को साधने के चक्कर में है. हालांकि अब जनता इनके बहकावे में आने वाली नहीं है.

राजनीतिक विश्लेषक डॉ. संजय कुमार का कहना है कि मोहम्मद अली जिन्ना बेशक स्वतंत्रता सेनानी थे, इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता लेकिन जिन्ना को समझने के लिए उनके जीवनकाल को दो भागों में बांटना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि 1930 से पहले के जिन्ना स्वतंत्रता सेनानी थे, लेकिन 1930 के बाद के जिन्ना विभाजनकारी हो गए. लिहाजा वे भारत के लिए तो नायक नहीं हो सकते हैं.

पटना: बिहार में मोहम्मद अली जिन्ना (Mohammad Ali Jinnah) का जिन्न निकल आया है. उपचुनाव तो संपन्न हो चुके हैं, लेकिन बिहार का सियासी पारा चढ़ता जा रहा है. जिन्ना को एनडीए (NDA) के घटक दल स्वतंत्रता सेनानी बता रहे हैं तो बीजेपी (BJP) नेता सहयोगी दलों को आंखें दिखा रहे हैं. वहीं, आरजेडी (RJD) ने इस असल मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश बताया है.

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जेडीयू एमएलसी खालिद अनवर ने सबसे पहले मोहम्मद अली जिन्ना को स्वतंत्रता सेनानी करार दिया है. जिसके बाद उनके पक्ष में हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) भी उतर आया. प्रवक्ता दानिश रिजवान ने भी जिन्ना को स्वतंत्रता सेनानी बता दिया. हालांकि बीजेपी ने इसका विरोध किया है. मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि जिन्ना को स्वतंत्रता सेनानी बताने वाले जिन्ना के मुल्क में चले जाएं.

देखें रिपोर्ट

वहीं, बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि जवाहर लाल नेहरू (Jawahar Lal Nehru) की वजह से ही देश आज कश्मीर समस्या का दंश झेल रहा है. मोहम्मद अली जिन्ना ने देश का बंटवारा किया था. वह कभी भी स्वतंत्रता सेनानी नहीं हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि जिन लोगों को इतनी भी समझ नहीं है, उन्हें इतिहास पढ़नी चाहिए.

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उधर, आरजेडी के प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा है कि बीजेपी और जेडीयू को वास्तविक मुद्दों से मतलब नहीं है. जेडीयू जहां जहरीली शराब से मौत के मामले को भटकाना चाहता है, वहीं बीजेपी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को साधने के चक्कर में है. हालांकि अब जनता इनके बहकावे में आने वाली नहीं है.

राजनीतिक विश्लेषक डॉ. संजय कुमार का कहना है कि मोहम्मद अली जिन्ना बेशक स्वतंत्रता सेनानी थे, इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता लेकिन जिन्ना को समझने के लिए उनके जीवनकाल को दो भागों में बांटना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि 1930 से पहले के जिन्ना स्वतंत्रता सेनानी थे, लेकिन 1930 के बाद के जिन्ना विभाजनकारी हो गए. लिहाजा वे भारत के लिए तो नायक नहीं हो सकते हैं.

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