पटना: दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. मामले में रोजना नए खुलासे हो रहे हैं. चौतरफा सीबीआई जांच की मांग भी उठ रही है. मुंबई पुलिस के ढुलमुल रवैये और महाराष्ट्र के गृह मंत्री के बयान के बाद से बिहार की राजनीतिक पार्टियों में उबाल है.
'मुंबई पुलिस पर भरोसा नहीं'
सुशांत की मौत के बाद मुंबई पुलिस ने यूडी केस दर्ज किया और जांच प्रक्रिया शुरू की. 40 दिन बीत जाने के बाद भी मुंबई पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है. इन सबके बीच महाराष्ट्र के गृह मंत्री ने सीबीआई जांच से इनकार कर दिया है. महाराष्ट्र सरकार के फैसले से बिहार के राजनीतिक दल खासे नाराज हैं. रालोसपा ने भी महाराष्ट्र सरकार के फैसले पर सवाल खड़े किए हैं.
'मुंबई पुलिस की माफियाओं से सांठगांठ'
मुंबई पुलिस के रवैये पर बीजेपी ने सीधा हमला बोला है. पार्टी प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि मुंबई पुलिस दोषियों को बचा रही है. उनकी कार्यशैली से साफ जाहिर होता है कि आरोपियों के साथ उनकी सांठगांठ है. महाराष्ट्र के गृह मंत्री के बयान पर भी पार्टी ने नाराजगी जाहिर की है.
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'सीबीआई जांच जरूरी'
जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि 40 दिन बीत जाने के बाद भी मुंबई पुलिस की जांच प्रक्रिया अधूरी है. उनकी पुलिस के रवैये की वजह से सुशांत के परिजनों ने पटना में एफआईआर दर्ज कराई है. पूरे मामले की जांच सीबीआई से होगी तभी दूध का दूध और पानी का पानी होगा.
सीबीआई जांच के बगैर परिजनों को न्याय नहीं
शक्ति सिंह गोहिल ने भी सीबीआई जांच की संभावना से इनकार किया था. हालांकि उनकी सहयोगी रालोसपा पार्टी के स्टैंड से नाराज है. रालोसपा का कहना है पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए. पार्टी प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा है कि मुंबई पुलिस की जांच संदेह के घेरे में है. सीबीआई जांच के बगैर परिजनों को न्याय नहीं मिल सकता.