पटना: बिहार में पूर्ण शराबंदी (Liquor Ban In Bihar) है. जहराली शराब कांड के बाद पिछलों दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar Review Meeting) की बड़ी समीक्षा बैठक की थी. मीटिंग में मिले सख्त निर्देश के बाद से पूरी बिहार पुलिस एक्शन (Bihar Police Action ) में हैं. लगातार शराब पीने, पिलाने और इसकी बिक्री करने वाले अवैध कारोबारियों पर नकेल कसने का काम कर रही है. हालांकि इस कार्रवाई पर राजधानी पटना के आम लोगों ने (Patnaites Raised Questions On Bihar Police) सवाल उठाते हुए कहा है कि बिहार पुलिस आखिरकार बड़ी अवैध अंग्रेजी शराब की खेप लाने वाले कारोबारियों को पकड़ने में क्यों फेल है.
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बिहार पुलिस की कार्रवाई को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने राजधानी पटना के आम लोगों से उनकी राय जानी तो लोगों ने यह पूरी कार्रवाई सिर्फ और सिर्फ गरीब तबके के लोगों को परेशान करने के लिए किया जा रहा है. आज भी खुलेआम बड़े-बड़े नेता अधिकारी उद्योगपति शराब का सेवन कर रहे हैं. उन्हें पुलिस पकड़ने से परहेज करती है. हालात यह है कि गरीब वर्ग डरा और सहमा हुआ है.
'शराब मामले में ज्यादातर गरीब लोगों को ही जेल भेजने का काम किया जा रहा है. ऐसे में गरीब लोग बड़ी मुश्किल से अपना जीवन यापन कर पाते हैं. वैसे मैं अगर उन्हें जेल भेज दिया जाए तो एक और उनका रोजगार मर जाता है. दूसरी ओर कोर्ट कचहरी में लगने वाले खर्च को भी वह वहन करने में असमर्थ होते हैं. ऐसे में सिर्फ और सिर्फ गरीबों का दोहन करने में सरकार और पुलिस विभाग के लोग जुटे हुए हैं.' :- संजीव कुमार, पटनावासी
पटनावासी दयानंद पांडे ने बताया कि आज भी बड़े लोग खुलेआम अंग्रेजी शराब और बड़े बड़े ब्रांड की महंगी शराब का सेवन करते हैं. पुलिस वैसे बड़े लोगों पर कार्रवाई करने से परहेज करती है. हालात ये है कि अब बाहर से लोग बिहार में हो रहे शादियों में शरीक होने से कतरा रहे हैं. शादी समारोह में घुसकर पुलिस ने दुल्हन के कमरों तक की तलाशी लेने लगी है.
'ऐसे में अब आम लोग बाहर से बिहार में हो रही शादियों में आने से भी परहेज करने लगे हैं. युवाओं में सूखे नशे की लत बढ़ गई है पर इस और ना ही सरकार का ध्यान है और ना ही पुलिस प्रशासन का.' : अभिमन्यु यादव, पटनावासी
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गौरतलब है कि मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक के बाद से ही बिहार पुलिस और उत्पाद विभाग पूरी तरह एक्शन में है. राजधानी पटना में अवैध शराब का कारोबार करने वाले दर्जनों लोगों के साथ-साथ शराब पीने वाले सैकड़ों लोगों को पिछले कुछ दिनों में जेल भेजने का काम लगातार किया जा रहा है. ऐसे में राजधानी पटना के आम लोग बिहार के मुख्यमंत्री द्वारा जारी शराबबंदी को पूरी तरह से फेल बताया है.
बता दें, हाल ही में बिहार के अलग-अलग जिलों में जहरीली शराब पीने से 40 से ज्यादा अधिक लोगों की मौत हो गई थी. हाय तौबा मचने के बाद सीएम नीतीश कुमार ने शराबबंदी की समीक्षा की और आदेश दिया कि शराब माफिया और शराब पीने-पिलाने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए. इसके बाद से ही पुलिस पूरे बिहार में ताबड़तोड़ छापेमारी अभियान चला रही है.
बता दें कि 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान सीएम नीतीश कुमार ने महिलाओं से शराबबंदी का वादा किया था. इसका एक उद्देश्य घरेलू हिंसा को रोकना था. चुनाव जीतने के बाद उन्होंने अपना वादा निभाया. एक अप्रैल 2016 बिहार निषेध एवं आबकारी अधिनियम के तहत बिहार में शराबबंदी लागू कर दी गई. तब से सरकार के दावे के बावजूद शराब की तस्करी और बिक्री धड़ल्ले से हो रही है. इसका प्रमाण शराब की बरामदगी और इस धंधे से जुड़े लोगों की गिरफ्तारी है.
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