पटना: बिहार की राजधानी पटना की एक छात्रा आजकल काफी चर्चा में है. आखिर उसकी चर्चा हो भी क्यों नहीं, उसमें गजब का टैलेंट जो है. 12 साल की रिया बंद आंखों से कुछ भी पढ़ लेती (Patna Riya reads books blindfolded) है. पटना के पटेल नगर की रहने वाली रिया कक्षा 7 की छात्रा है. उसकी आंखों पर पट्टी बांध दी जाती है, फिर भी फर्राटे से किताब व अखबार पढ़ लेती है. इतना ही नही बंद आंखों से वह कपड़ों के रंगों की भी पहचान (Patna Riya recognizes clothes color with closed eyes)आसानी से कर लेती है. आंखों पर पट्टी बंधे होने के बावजूद जब वह सामने वाले व्यक्ति के कपड़े का रंग बताती है तो लोग भौचक्के रह जाते हैं. उसके टैलेंट की दाद देते हैं. अपनी इस कला के चलते रिया अब मशहूर होने लगी है.
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विशेष ट्रेनिंग से पाया टैलेंट: रिया के पिता विनोद प्रजापति बिजली विभाग में इंजीनियर हैं. उनके एक मित्र ने मिड ब्रेन एक्टिवेशन (Mid Brain Activation) के बारे में बताया था. रिया के पिता ने 7 साल की उम्र में उसकी मिड ब्रेन एक्टिवेशन की अपने मित्र से 2 दिनों तक ट्रेनिंग करायी. फिर क्या था, उस समय से लेकर आज तक रिया आंखों पर पट्टी बांधकर आसानी से किताबें पढ़ लेती है. पेपर पढ़ लेती है. कोई कुछ लिखकर दे, उसे भी वह आसानी से पढ़ लेती है. यहां तक की रिया के सामने बैठा कौन व्यक्ति किस कलर का कपड़ा पहने हैं, आसानी से पहचान लेती है. रिया यह तमाम काम मिड ब्रेन एक्टिवेशन के माध्यम से कर पाती है.
माता पिता का नाम रोशन करना चाहती है रिया: रिया अभी क्लास 7 में है. वह डीएवी स्कूल की छात्रा है. रिया का कहना है कि स्कूल के टीचर या अपने मित्र किसी से भी वह इस बारे में चर्चा नहीं करती है. वह पढ़ाई-लिखाई कर अपने माता-पिता का नाम रोशन करना चाहती हैं. अपने इस टैलेंट के जरिए भी वह देश-दुनिया में भी नाम कमाना चाहती है.
'बहुत कम बच्चों में मिड ब्रेन एक्टिवेशन पाया जाता है. इसमें ध्यान को एक जगह केंद्रित करके पढ़ना पड़ता है. रिया ने बहुत कम उम्र में और काफी कम समय में इस हुनर को सीख लिया था. इसका नतीजा है कि बहुत सारे रिलेटिव लोग इस हुनर के कायल हैं.' -विनोद प्रजापति, रिया के पिता
यह विद्या है जो कम उम्र के बच्चों को संगीत के जरिए आसानी से सिखाई जाती है. माना जाता है कि इसके लिए संगीत का सहारा लिया जाता है. रिया के पिता ने कहा कि ट्रेनिंग के दौरान दो दिनों के प्रशिक्षण में बच्चों को खूब खेलने कूदने दिया जाता है. जब बच्चे बिल्कुल फ्री माइंड हो जाते हैं, तब उन्हें नींद में एक विशेष संगीत सुनाया जाता है. जब बच्चा नींद से जागता है तो उसमें मन की आंखों से देखने, सुनने व पहचानने की शक्ति विकसित हो जाती है.
क्या है मिड ब्रेन एक्टिवेशन: विज्ञान के अनुसार हमारे मस्तिष्क के तीन भाग होते है- लेफ्ट ब्रेन और राइट ब्रेन. इन दोनों ब्रेन को जोड़ने वाला एक तीसरा हिस्सा होता है जिसे हम इंटर ब्रेन या मिड ब्रेन कहते हैं. ज्यादातर हम सभी लोग अपने लेफ्ट ब्रेन का इस्तेमाल करते है जबकि राइट ब्रेन का इस्तेमाल हम बहुत ही कम कर पाते है. प्रतिभाशाली व्यक्ति भी जीवन में अपने दिमाग का कुछ ही हिस्सा उपयोग में ला पाता है वो भी सिर्फ लेफ्ट ब्रेन का जो तार्किक क्षमता वाला ब्रेन होता है.
मिड ब्रेन एक्टिवेशन वह तरकीब है जिसके द्वारा बच्चों के दिमाग की क्षमता के विकास की गति और उसके दायरे को बढ़ाया जा सकता है. यह एक विज्ञान आधारित तकनीक है . कुछ घंटो की ब्रेन स्टॉर्मिंग एक्सरसाइज के जरिए हम बच्चों के दिमाग की क्षमता को बढ़ा सकते हैं. मिड ब्रेन एक्टिवेशन 'विज्ञान और ध्यान' के मेल से बनी एक खास प्रकार की तकनीक है जिसमें सबसे पहले बच्चों के दिमाग को ध्वनि तरंग की स्टेज में लाया जाता है.
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