पटना: राजधानी की पुलिस का एक अनोखा कारनामा सामने आया है. पुलिस ने बीते 10 अक्टूबर को हुई मॉब लिचिंग मामले में जिस शख्स को मृत घोषित कर दिया था, वह इंसान अब लौट आया है.
पुलिस ने जबरदस्ती करवाया अंतिम संस्कार
निसरपुर इलाके के रहने वाले कृष्णा मांझी को पुलिस ने मरा हुआ मान कर परिवार वालों से उसका अंतिम संस्कार तक करवा दिया था. पत्नी रूबी लगातार इस बात से इनकार करती रही कि वह शव उसके पति का नहीं है. लेकिन पुलिस ने उसकी बात नहीं मानी और अंतिम संस्कार करवा दिया.
पुलिस पर उठ रहे सवाल
पुलिसिया लापरवाही की कहानी यहीं खत्म नहीं हुई. कृष्णा मांझी को मारने के आरोप में पटना की नौबतपुर पुलिस ने 23 लोगों को जेल भेज दिया. कृष्णा के लौटने पर अब पुलिस के लिए कई सवाल खड़े हो गए हैं. अलग परेशानी यह खड़ी हो गयी है कि आखिर जो लाश बरामद हुई उसकी शिनाख्त कैसे की जाए? साथ ही किसकी हत्या की गई इस पर भी नया पेंच फंस रहा है. सवाल ये भी है कि जिन लोगों को जेल भेजा गया क्या वे सही में दोषी हैं या उन्हें किसी रंजिश या साजिश का शिकार बनाया गया है?
नए सिरे से मामले की हो रही जांच
मामले में पटना एसएसपी गरिमा मलिक ने कहा है कि पूरी घटना की जांच करवाई जा रही है. संबंधित पुलिस अधिकारी से डिटेल जांच रिपोर्ट मांगी गई है. 10 अक्टूबर को ही मॉब लिंचिंग में हुई घटना में मृत व्यक्ति की पहचान उसके परिजनों ने ही की थी. लेकिन अब घटना में नया मोड़ आने पर एक नए सिरे से जांच की जा रही है.