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एयरपोर्ट की तर्ज पर डेवलप हो रहा पटना जंक्शन, यात्री सुविधाओं में बढ़ोतरी के लिए हो रहे कई काम

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Published : Jan 12, 2020, 6:58 PM IST

पटना जंक्शन के स्टेशन निदेशक नीलेश कुमार ने बताया कि स्वच्छता के मामले में पटना जंक्शन ने दिल्ली और नई दिल्ली रेलवे स्टेशन को पछाड़ा है. क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया ने भारत के 720 रेलवे स्टेशनों में पटना जंक्शन को स्वच्छता के मामले में छठां स्थान दिया है.

Patna junction
Patna junction

पटना: 2019-20 के आम बजट में रेलवे के लिए आवंटित बजट से पटना जंक्शन में कई योजनाओं पर काफी कुछ काम हुआ. पटना जंक्शन पर रेलवे की महत्वपूर्ण योजनाओं पर हुए काम के बारे में बताते हुए जंक्शन के स्टेशन निदेशक डॉ नीलेश कुमार ने बताया कि जंक्शन को एयरपोर्ट की तर्ज पर डेवलप किया जा रहा है. यात्रियों की कई जरूरी सुविधाओं में भी इजाफा हुआ है. पटना जंक्शन को सिंगल यूज प्लास्टिक फ्री जोन और फ्री वाई-फाई जोन बनाया गया है जिसका यात्री लाभ भी लेते हैं.

स्वच्छता के मामले में मिला छठां स्थान
पटना जंक्शन के स्टेशन निदेशक नीलेश कुमार ने बताया कि स्वच्छता के मामले में पटना जंक्शन ने दिल्ली और नई दिल्ली रेलवे स्टेशन को पछाड़ा है. क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया ने भारत के 720 रेलवे स्टेशनों में पटना जंक्शन को स्वच्छता के मामले में छठां स्थान दिया है. उन्होंने बताया कि ट्रेनों के सुचारू परिचालन की दिशा में भी काम हुए हैं और ड्रेनेज सिस्टम को भी बेहतर बनाया गया है.

Patna junction
पटना जंक्शन के स्टेशन निदेशक नीलेश कुमार

स्टेशन परिसर के ड्रेनेज सिस्टम पर और भी काम
नीलेश कुमार ने बताया कि पहले के दिनों में बरसात के समय पटरिया झील में तब्दील हो जाती थीं. इस बार बरसात में पूरा पटना डूबा रहा लेकिन पटना जंक्शन पर रेलवे का परिचालन लगातार होता रहा. उन्होंने बताया कि बरसात के समय पानी की तेजी से निकासी के लिए कई मोटर चलाए जा रहे थे, जिसका फायदा हुआ और ट्रेनों का परिचालन लगातार चलता रहा. स्टेशन परिसर के ड्रेनेज सिस्टम पर और भी काम किया जाएगा, जिससे व्यवस्था दुरुस्त हो.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

ड्रेनेज सिस्टम को कवर करने के निर्देश
स्टेशन निदेशक नीलेश कुमार ने बताया कि यात्री सुविधाओं में इजाफा करते हुए पटना जंक्शन पर एस्केलेटर की संख्या बढ़ाई गई है. उन्होंने बताया कि अभी कई कार्य बाकी है और इस वित्तीय वर्ष में उन्हें ड्रेनेज सिस्टम को कवर करने के निर्देश मिले हैं, जिसपर काम किया जाएगा.

पटना: 2019-20 के आम बजट में रेलवे के लिए आवंटित बजट से पटना जंक्शन में कई योजनाओं पर काफी कुछ काम हुआ. पटना जंक्शन पर रेलवे की महत्वपूर्ण योजनाओं पर हुए काम के बारे में बताते हुए जंक्शन के स्टेशन निदेशक डॉ नीलेश कुमार ने बताया कि जंक्शन को एयरपोर्ट की तर्ज पर डेवलप किया जा रहा है. यात्रियों की कई जरूरी सुविधाओं में भी इजाफा हुआ है. पटना जंक्शन को सिंगल यूज प्लास्टिक फ्री जोन और फ्री वाई-फाई जोन बनाया गया है जिसका यात्री लाभ भी लेते हैं.

स्वच्छता के मामले में मिला छठां स्थान
पटना जंक्शन के स्टेशन निदेशक नीलेश कुमार ने बताया कि स्वच्छता के मामले में पटना जंक्शन ने दिल्ली और नई दिल्ली रेलवे स्टेशन को पछाड़ा है. क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया ने भारत के 720 रेलवे स्टेशनों में पटना जंक्शन को स्वच्छता के मामले में छठां स्थान दिया है. उन्होंने बताया कि ट्रेनों के सुचारू परिचालन की दिशा में भी काम हुए हैं और ड्रेनेज सिस्टम को भी बेहतर बनाया गया है.

Patna junction
पटना जंक्शन के स्टेशन निदेशक नीलेश कुमार

स्टेशन परिसर के ड्रेनेज सिस्टम पर और भी काम
नीलेश कुमार ने बताया कि पहले के दिनों में बरसात के समय पटरिया झील में तब्दील हो जाती थीं. इस बार बरसात में पूरा पटना डूबा रहा लेकिन पटना जंक्शन पर रेलवे का परिचालन लगातार होता रहा. उन्होंने बताया कि बरसात के समय पानी की तेजी से निकासी के लिए कई मोटर चलाए जा रहे थे, जिसका फायदा हुआ और ट्रेनों का परिचालन लगातार चलता रहा. स्टेशन परिसर के ड्रेनेज सिस्टम पर और भी काम किया जाएगा, जिससे व्यवस्था दुरुस्त हो.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

ड्रेनेज सिस्टम को कवर करने के निर्देश
स्टेशन निदेशक नीलेश कुमार ने बताया कि यात्री सुविधाओं में इजाफा करते हुए पटना जंक्शन पर एस्केलेटर की संख्या बढ़ाई गई है. उन्होंने बताया कि अभी कई कार्य बाकी है और इस वित्तीय वर्ष में उन्हें ड्रेनेज सिस्टम को कवर करने के निर्देश मिले हैं, जिसपर काम किया जाएगा.

Intro:2019 -20 के आम बजट में जो रेलवे के लिए जिन योजनाओं को लेकर बजट बनाया गया उन योजनाओं पर पटना जंक्शन पर काफी कुछ काम हुआ है. पिछले रेल बजट में साफ सुरक्षित और समय बाद रेल यात्रा पर जोर दिया गया था जिस दिशा में पटना जंक्शन पर काफी काम हुआ है. पटना जंक्शन पर रेलवे की महत्वपूर्ण योजनाओं के क्रियान्वयन के बारे में बताते हुए पटना जंक्शन के स्टेशन निदेशक डॉ नीलेश कुमार ने बताया कि पटना जंक्शन को एयरपोर्ट की तर्ज पर डेवलप किया गया है और यात्रियों की कई जरूरी सुविधाओं में काफी इजाफा हुआ है. पटना जंक्शन को सिंगल यूज़ प्लास्टिक फ्री जोन बनाया गया है. उन्होंने बताया कि पूरे पटना जंक्शन परिसर को फ्री वाई-फाई जोन बनाया गया है जिसका यात्री लाभ भी लेते हैं.


Body: स्टेशन निदेशक नीलेश कुमार ने बताया कि स्वच्छता के मामले में पटना जंक्शन ने दिल्ली और नई दिल्ली रेलवे स्टेशन को पछाड़ा है और क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया ने भारत के 720 रेलवे स्टेशनों में पटना जंक्शन को स्वच्छता के मामले में छठा स्थान दिया है. उन्होंने बताया कि ट्रेनों की सुचारू परिचालन की दिशा में भी काफी काम हुए हैं और ड्रेनेज सिस्टम को बेहतर बनाया गया है. उन्होंने बताया कि जहां पहले के दिनों में बरसात के समय पटरिया झील में तब्दील हो जाती थी वहीं इस बार बरसात में पूरा पटना डूबा रहा लेकिन पटना जंक्शन पर रेलवे का परिचालन लगातार होता रहा. उन्होंने बताया कि बरसात के समय पानी की तेजी से निकासी के लिए कई मोटर चलाए जा रहे थे जिसका फायदा हुआ और ट्रेनों का परिचालन लगातार चलता रहा. स्टेशन निदेशक नीलेश कुमार ने बताया कि यात्री सुविधाओं में इजाफा करते हुए पटना जंक्शन पर एक्सीलेटर की संख्या बढ़ाई गई है. उन्होंने बताया कि अभी कई कार्य बाकी है और इस वित्तीय वर्ष में उन्हें ड्रेनेज सिस्टम को कवर करने का एडवाइस मिला है. उन्होंने बताया कि पटना जंक्शन का जो ड्रेनेज सिस्टम है उसे कवर किया जाएगा. उन्होंने बताया कि दूसरे जोन में कई रेलवे स्टेशनों ने ऐसा किया है और इस काम से पटना जंक्शन की हाइजीन बढ़ जाएगी. उन्होंने बताया कि यह पैसेंजर इमिनिटिज के दायरे में आता है और इस दिशा में पटना जंक्शन काम करने का सोच रहा है. इस बार के रेल बजट आने के बाद पैसेंजर इमिनिटिज के तहत इस दिशा में काम होगा.


Conclusion:पिछले रेल बजट में पीपीपी मोड पर ज्यादा जोर दिया गया था हालांकि पटना जंक्शन के स्टेशन निदेशक निलेश कुमार ने इस मसले पर कुछ भी जानकारी नहीं दी. सूत्रों से जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक पीपीपी मोड के बारे में बिना कोई ठोस तैयारी के सरकार ने घोषणा कर दी मगर अभी तक किसी भी रेलवे जोन और डिवीजन को बोर्ड की तरफ से इस दिशा में कोई पत्र नहीं मिला है. पीपीपी मोड के तहत रेलवे में public-private भागीदारी पर जोर देना था मगर इस दिशा में धरातल पर कोई ठोस काम नहीं दिख रहे हैं. रेलवे बोर्ड की तरफ से विभिन्न रेल रूटों पर 50 की संख्या में निजी रेल चलाने की बात निकल कर सामने आ रही है मगर किसी भी डिवीजन में अभी इन बातों को लेकर कोई पत्र बोर्ड की तरफ से नहीं जारी हुआ है.
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