पटना: बिहार की राजधानी पटना के पाटलिपुत्र रेलवे स्टेशन (Patliputra Railway Station) को सभी ओर से जोड़ने वाली सड़कों के निर्माण की लागत की रिपोर्ट पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) को दे दी गयी. चीफ जस्टिस संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) की खंडपीठ ने भरत प्रसाद सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने बिहार सरकार (Bihar Government) और रेलवे को हलफनामा दायर कर यह बताने को कहा कि पाटलिपुत्र रेलवे स्टेशन को जोड़ने वाली सड़कों का निर्माण कब तक पूरा होगा.
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कोर्ट को बताया गया कि एडवोकेट जनरल ने सभी सम्बंधित अधिकारियों की बैठक बुलाई थी. पाटलिपुत्र रेलवे स्टेशन को चारों ओर से जोड़ने की योजना पर विचार किया. इन सड़कों को पूरा होने पर सभी ओर से यात्रियों को स्टेशन आने में सुविधा हो जाएगी. कोर्ट को बताया गया कि एनटीपीसी रोड से पाटलिपुत्र रेलवे स्टेशन तक जोड़ने की योजना बनायी गयी है. इस सड़क लम्बाई 600 मीटर और चौड़ाई 22 मीटर होगी. इसमें आशियाना नगर कॉलोनी मोड़, रामनगरी मोड़ और मजिस्ट्रेट कॉलोनी रोड शामिल हैं.
इस पर 76.47 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इसमें भूमि अधिग्रहण का व्यय भी शामिल है. इस सड़क को बनाने के भूमि का अधिग्रहण करना होगा. इसके साथ ही एम्स (AIIMS), पटना के एलिवेटेड रोड को पाटलिपुत्र रेलवे स्टेशन तक ले जाने की योजना है. ताकि यात्री सीधे स्टेशन पहुंच सकें. इस परियोजना पर 94.52 करोड़ रुपये की लागत आयेगी. यह नेहरू पथ और पाटलिपुत्र रेलवे स्टेशन को जोड़ेगा.
पश्चिम की तरफ से दानापुर और गोला रोड की ओर से आने वाले यात्रियों के लिए नहर की सड़क चौड़ीकरण का कार्य होगा. फुट ओवर ब्रिज बनाने की भी योजना है. इसमें 10.86 करोड़ रुपये खर्च होंगे. अधिकारियों की इस टीम में राज्य के नगर विकास व सड़क निर्माण विभाग के प्रधान सचिव व रेलवे के अधिकारी शामिल थे. कोर्ट ने राज्य सरकार के महाधिवक्ता ललित किशोर (Advocate General Lalit Kishore) को इन सभी अधिकारियों के साथ इस मामले पर विचार-विमर्श करने को कहा है.
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याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया कि पाटलिपुत्र स्टेशन का निर्माण तो काफी पहले ही हो गया था, लेकिन वहां तक सभी ओर से पहुंचने के लिए सड़कें नहीं होने के कारण यात्रियों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. इस मामले पर आगे भी सुनवाई होगी.