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पटना HC ने वाहन चालकों एवं मालिकों को दी बड़ी राहत, फिटनेस सर्टिफिकेट से जुड़ा है मामला

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Published : May 19, 2022, 7:03 PM IST

केंद्र सरकार ने मोटर वाहन कानून में बदलाव किया है. फिटनेस सर्टिफिकेट देर से देने पर प्रत्येक दिन पचास रुपये का दंड लगाने का प्रावधान किया है. इसपर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. आगे पढ़ें क्या हुआ..

Patna High Court News
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पटना : पटना हाईकोर्ट ने वाहन चालकों एवं मालिकों को बड़ी राहत प्रदान की है. पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) ने फिटनेस सर्टिफिकेट जमा करने में देरी होने पर प्रत्येक दिन पचास रुपया दंड देने की अधिसूचना पर फिलहाल कार्रवाई नहीं करने का आदेश (Patna High Court On Vehicle Fitness Certificate) दिया है. बिहार ट्रक ऑनर एसोसिएशन की ओर से दायर याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सुनवाई की.

ये भी पढ़ें - मगध यूनिवर्सिटी के पूर्व वाइस चांसलर की गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट ने लगायी रोक, निगरानी विभाग से जवाब तलब

वकील ने क्या दिया तर्क : अधिवक्ता बद्री नारायण सिंह ने कोर्ट को बताया कि केंद्र सरकार ने मोटर वाहन कानून में बदलाव कर फिटनेस सर्टिफिकेट देर से देने पर प्रत्येक दिन पचास रुपये का दंड लगाने का प्रावधान किया है. बद्री नारायण सिंह ने कहा कि फिटनेस सर्टिफिकेट खत्म होने के बाद गाड़ी को हर तरह से दुरुस्त करने में समय लगता है. इतना ही नहीं, गाड़ी मालिकों के पास समुचित पैसा नहीं रहने पर भी गाड़ी को दुरुस्त करने में समय लगता है. ऐसे में प्रत्येक दिन पचास रुपये का दंड लेना न्यायोचित नहीं है.

11 अगस्त को अगली सुनवाई : कोर्ट ने फिलहाल इस प्रावधान को अमल में लाने से मना किया है. अब इस मामले पर अगली सुनवाई आगामी 11 अगस्त को की जाएगी. कुल मिलाकर देखा जाए तो फिलहाल वाहन चालकों और उसके मालिकों को बड़ी राहत मिली है. ऐसे में 11 अगस्त को क्या होता है, कोर्ट क्या कहता है यह देखने वाली बात होगी.

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पटना : पटना हाईकोर्ट ने वाहन चालकों एवं मालिकों को बड़ी राहत प्रदान की है. पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) ने फिटनेस सर्टिफिकेट जमा करने में देरी होने पर प्रत्येक दिन पचास रुपया दंड देने की अधिसूचना पर फिलहाल कार्रवाई नहीं करने का आदेश (Patna High Court On Vehicle Fitness Certificate) दिया है. बिहार ट्रक ऑनर एसोसिएशन की ओर से दायर याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सुनवाई की.

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वकील ने क्या दिया तर्क : अधिवक्ता बद्री नारायण सिंह ने कोर्ट को बताया कि केंद्र सरकार ने मोटर वाहन कानून में बदलाव कर फिटनेस सर्टिफिकेट देर से देने पर प्रत्येक दिन पचास रुपये का दंड लगाने का प्रावधान किया है. बद्री नारायण सिंह ने कहा कि फिटनेस सर्टिफिकेट खत्म होने के बाद गाड़ी को हर तरह से दुरुस्त करने में समय लगता है. इतना ही नहीं, गाड़ी मालिकों के पास समुचित पैसा नहीं रहने पर भी गाड़ी को दुरुस्त करने में समय लगता है. ऐसे में प्रत्येक दिन पचास रुपये का दंड लेना न्यायोचित नहीं है.

11 अगस्त को अगली सुनवाई : कोर्ट ने फिलहाल इस प्रावधान को अमल में लाने से मना किया है. अब इस मामले पर अगली सुनवाई आगामी 11 अगस्त को की जाएगी. कुल मिलाकर देखा जाए तो फिलहाल वाहन चालकों और उसके मालिकों को बड़ी राहत मिली है. ऐसे में 11 अगस्त को क्या होता है, कोर्ट क्या कहता है यह देखने वाली बात होगी.

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